अप्रैल के चौथे सप्ताह तक देशभर के सिनेमाघरों में विरानी छा चुकी थी. इस के बावजूद कुछ फिल्मकार अपने पीआर के कहने पर खुद के साथसाथ पूरे सिनेमा उद्योग को डुबाने पर आमादा नजर आ रहे हैं. एक मई से लगभग 80 प्रतिशत सिनेमाघरों पर फिलहाल दो माह के लिए ताला लग चुका है.

कुछ सिंगल स्क्रीन्स हर दिन सिर्फ एक शो कर रहे हैं तो वहीं कुछ मल्टीप्लैक्स अपने यहां की 4 में से 3 स्क्रीन्स बंद कर एक स्क्रीन्स के कुछ शो चला रहे हैं. ऐसे में नए कलाकारों से सजी नए निर्देशक की फिल्म को सिनेमाघरो में उभारने से पहले निर्माता को 10 बार सोचना चाहिए. मगर नएनए निर्माता तो अपने पीआर के कहने पर ‘सूली पर चढ़ते’ हुए नजर आ रहे हैं.

जी हां, मई के पहले सप्ताह यानी कि 3 मई को लेखक व निर्देशक दानिश जावेद की फिल्म ‘प्यार के दो नाम’ प्रदर्शित हुई. इस फिल्म में भाव्या सचदेव, अंकिता साहू, कनिका गौतम, अचल तंकवाल ने अभिनय किया है. इस फिल्म का कहीं ठीक से प्रचार नहीं किया गया था. दर्शकों को इस फिल्म के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मगर फिल्म के निर्माता ने अपने पीआर की सलाह पर फिल्म को 3 मई को प्रदर्शित कर दिया.

फिल्म को एडवांस बुकिंग शून्य मिली, जिस के चलते 3 मई के सभी शो रद्द हो गए. 3 मई को मुंबई अंधेरी स्थित ‘पीवीआर आईकान’ मल्टीप्लैक्स की एक स्क्रीन में शाम पौने आठ बजे पहला शो संपन्न हुआ. यह पहला शो ही प्रेस शो, प्रीमियर शो और आम दर्शकों के लिए शो था.

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