द केरला स्टोरी (जीरो स्टार)

लव जिहाद पर बनी फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ के रिलीज होने से पहले ही दावा किया गया था कि केरल में रहने वाली 32 हजार हिंदू और क्रिश्चियन लड़कियों का ब्रेनवाश कर उन्हें लव जिहाद में फंसाया गया और सीरिया भेजा गया, जहां उन के साथ ऐसीऐसी घटनाएं हुईं जो झकझोर कर रख देती हैं. व्हाट्सऐप पर इन संदेशों को खूब उछाला गया.

फिल्म पर रोक लगाने के लिए पहले हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट तक मामला जा पहुंचा. केरल हाईकोर्ट ने फिल्म पर रोक तो नहीं लगाई पर फिल्म के निर्माताओं को फिल्म में बताए तथ्यों को दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इसे सैंसर बोर्ड से जुड़ा मामला बता कर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

मसलन, फिल्म के निर्माताओं ने पहले 32 हजार लड़कियों के कन्वर्जन की बात को खूब प्रचारित किया जो कि गलत तथ्य निकला तो बाद में फिल्म के टीजर व अन्य जगहों से यह आंकड़ा हटा दिया गया और इसे केरल की 3 लड़कियों की कहानी बता कर डैमेज कंट्रोल किया गया. लेकिन इस पर कहीं कोई अफ़सोस जाहिर नहीं किया गया.

कोई फिल्म किसी केस स्टडी पर बन सकती है. केस स्टडी पर पहले भी कई फिल्में बनी हैं. यह कोई अपवाद नहीं. इसलिए अगर इसे केस स्टडी भी मान कर चलें तो भी कोई बुराई नहीं.

पर सवाल इस के प्रेजेंटेशन पर है. धर्म परिवर्तन से ले कर महिलाओं संग ज्यादती और उन्हें आतंकी बनाए जाने की अगर कोई कहानी सामने रखनी है तो विशेष सावधानी बरते जानी की जरूरत होती है. खासकर तब जब परदे पर आप महिलाओं के साथ हुए हिंसक और बर्बर दृश्य दिखा रहे हों, जो किसी को भी विचलित कर सकते हैं.

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