हिमेश रेशमिया एक भाव शून्य चेहरे वाले कलाकार का नाम है. मगर खुद हिमेश रेशमिया इस बात को मानने को तैयार ही नहीं है. सीरियल निर्माता के रूप में करियर शुरू करने वाले हिमेश रेशमिया बाद में अपने पिता संगीतकार विपिन रेशमिया के पदचिन्हों पर चलते हुए संगीतकार, फिर गायक बन गए. उसके बाद गायक से अभिनेता बने कई कलाकारों की तरह हिमेश रेशमिया ने भी अभिनय के क्षेत्र में कदम रख दिया.

‘‘तेरा सुरुर’’ से पहले वह ‘आपका सुरुर’, ‘कर्ज’, ‘कजरारे’, ‘रेडियो’, ‘दमादम’, ‘एक्सपोज’ जैसी अफसल फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं. हर फिल्म में उनके भावहीन चेहरे की चर्चा होती रही है. मगर जिद्दी हिमेश रेशमिया खुद को हीरो लेकर फिल्म पर फिल्म बनाते जा रहे हैं. फिल्म ‘तेरा सुरुर’ को भी दर्शक मिलने की कोई उम्मीद नही है. मगर एक सफल व्यवसायी की तरह हिमेश रेशमिया ने फिल्म के रिलीज से एक सप्ताह पहले ही दावा करना शुरू कर दिया था कि उन्होने अपनी फिल्म बेचकर रिलीज से पहले ही लाभ कमा लिया.

106 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘तेरा सुरुर’’ की कहानी एक हत्यारे रघु (हिमेश रेशमिया) की है. उनकी प्रेमिका तारा (फरहा करीमी) ड्रग की तस्करी के आरोप में डबलिन की जेल में बंद है. जबकि असली अपराधी अनिरुद्ध रहस्य बना हुआ है. अपनी प्रेमिका तारा को बेकसूर साबित करने के लिए रघु कड़ी मेहनत कर रहा है. तारा को जेल से बाहर निकालने के लिए रघु अंततः (नसिरूद्दीन शाह) संतिनो की मदद लेता है. वह अनिरुद्ध तक पहुंचना चाहता है, पर हर बार मात खा जाता है. क्लायमेक्स में अनिरुद्ध की असलियत सामने आती है. फिल्म के दूसरे हिस्से में रघु के बचपन की कहानी भी बयां की गयी है कि वह आज जो कुछ है, उसकी वजहें क्या रही. अनिरूद्ध की असली पहचान के बारे में अनुमान लगाने के लिए कई अर्थहीन किरदार व छोटी छोटी कहानियां गढ़ी गयी हैं, जो कि फिल्म की रोचकता को विराम ही देती हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...