रेटिंग: दो़ स्टार

निर्माताःवासिम कुरेशी,गीतेश चंद्राकर व कमल किशोर मिश्रा

निर्देशकः मनोज शर्मा

कलाकारः गणेश आचार्य,सक्षम शर्मा, साहिल खान,रविकिशन,मोहन जोशी, राजेश शर्मा,पंकज बेरी,रेमो डिसूजा व अन्य

अवधिः दो घंटे दो मिनट

जब निर्देशक पर कलाकार हावी हो जाता है, तब एक अच्छे विषय वाली फिल्म का किस तरह बंटाधार हो जाता है, इसका एकदम सटीक उदाहरण है मनोज शर्मा निर्देशित व नृत्य निर्देशक से अभिनेता बने गणेश आचार्य की फिल्म ‘‘देहाती डिस्को’’ फिल्म का कॉन्सेप्ट यह है कि डांस अभिशाप नहीं हो सकता.

और अभिशाप व अंधविश्वास की प्रचलित धारणाओं को तोडऩा. फिल्म की शुरूआत इसी ढर्रे पर होती है, मगर फिर फिल्म भटक जाती है.पूरी फिल्म देखकर अहसास होता है कि निर्देशक मनोज शर्मा ने फिल्म के सह लेखक व मुख्य अभिनेता गणेश आचार्य के सामने घुटने टेक दिए. क्योंकि फिल्म सही ढंग से संदेश देने में असफल होने के साथ ही पूरी फिल्म महज धर्म का प्रचार करने व जनता को धार्मिक रूप से भीरू बनाने का ही काम करती है. इतना ही नही फिल्म की शुरूआत में जाति विरोधी बातें करने वाला भोला अंतत: ‘हर हर महादेव ’ही चिल्लाता है. जात पंत कुछ नहीं होता, यह वह भी भूल जाता है. फिल्म की शुरूआत में अक्षय कुमार की आवाज में पूरे देश से प्रतिभाओं की तलाश की बात की गयी है, मगर फिल्म में ऐसा कुछ नही है. सक्षम व जैक के बीच डांस की प्रतियोगिता मंदिर बचाने के लिए होती है न कि गांवों से प्रतिभा तलाशने के लिए. इतना ही नहीं फिल्म में पितृसत्ता ही हावी है.

ravi-kishan

कहानीः

फिल्म की कहानी उत्तर भारत के शिवपुर नामक गांव से होती है. यहां के महंत (मोहन जोशी) का मानना है कि मंदिर के सामने ही नही पूरे गांव में डांस करना अभिशाप है. डांस की वजह से गांव पर विपदा आती है. एक दिन गांव वालों के सामने जब महंत आरती कर रहे होते हैं तब उनका सात वर्ष का बड़ा बेटा भोला डांस करने लगता है. महंत अपने बेटे भोला को जबरन घर ले जाकर उसकी पिटायी कर उसे डांस न करने की सलाह देते हैं. महंत अपने बेटे भोला को गुरूकुल में भेजकर गांव का नया महंत बनाना चाहते हैं. दो दिन बाद स्कूल से लौटते वक्त वह फिर रास्ते में डांस करता है, तब महंत जी उसके पैर को जलाने के साथ ही उसे घर से बाहर कर देते हैं.भोला को एक ग्वाला शरण देता है. समय बीतता है. भोला (गणेश आचार्य) बड़ा होकर एक बेटे भीमा (सक्षम शर्मा ) के पिता बन जाते हैं. पर उनकी पत्नी उन्हे छोड़कर चली जाती है. भोला व उनका सात साल का बेटा भीमा भी भगवान शिव का भक्त और डांस में माहिर है. एक दिन पता चलता है कि भोला की मां की मौत हो गयी,पर उनके पिता व महंत ने उसे खबर नहीं दी.तो वहीं भोला के छोटे भाई राधे (रवि किशन ) को नया महंत बनाया जाता है.तभी मंत्री दुबे (राजेश शर्मा ) का बेटा जय किशन उर्फ जैक(साहिल एम खान) लंदन से डांस सीखकर आता है और अब वह शिवपुर गांव में मंदिर की जगह पर ही अपनी डांस अकादमी खोलकर पष्चिमी नृत्य सिखाना चाहता है.मंत्री जी राधे को इस डांस अकादमी में बीस प्रतिशत का भागीदार बना लेते हैं.राधे को लगता है

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