फिल्म समीक्षाः फिल्म समीक्षाः
रेटिंगःतीन स्टार
कलाकार: मनोज बाजपेयी , दलजीत दोसान, फातिमा सना , शेख विजय, पाहवा सीमा, अन्नू कपूर, सुप्रिया पिलगांव, अभिषेक बनर्जी, रोहण, शंकर उज्जवल
अवधि: 2 घंटे 18 मिनट
अरेंज मैरिज माता पिता द्वारा किया जाने वाला कटाक्ष किए जाने वाली फिल्म में से थोड़ी सी अलग तरह कि प्रेम कहानी वाली फिल्म है ‘ सूरज पर मंगल भारी ‘ लेकर आएं हैं. फिल्मकार अभिषेक शर्मा की यह फिल्म 15 नवंबर को सिनेमा घर में रिलीज होगी.
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कोरोना वायरस के बाद पूरे 8 महीने बाद सिनेमा घर पर मं प्रर्दशित की जाने वाली यह पहली फिल्म होगी. यह एख गुड फील देने वाली फिल्म है.
मिलीं.अब 1995 में गुनाम सिंह ढिल्लों के पास वह सब कुछ है,जिसकी उन्होंने कभी उम्मीद की थीउनका अपना ‘‘जय माता रानी दूध भंडार ’’है.वह दूध,दही,पनीर बेचते हैं .घर में पत्नी के अलावा शादी
योग्य बेटा सूरज सिंह ढिल्लों और बेटी गुड्डी है.पर वह अपनी दुकान अपने इकलौते बेटे सूरज सिंंह
ढिल्लाों (दिलजीत दोसाझ) को नहीं सौप सकते थें जो शादी करने की बजाय हर लड़की को अस्वीकृत
करता जा रहा है.पर सूरज को अपनी पसंद की लड़की की तलाश है.इसलिए जब लालची पंडित दुबे
का रिष्ता लाते हैं तो सूरज झूम उठते है,मगर सूरज के कपड़ों से आ रही घी की महक के कारण
लड़की उन्हे अस्वीकृत कर देती है.तब सूर ज का दोस्त सुखी(अभिष ेक बनर्जी ),जो केवल अमिताभ बच्चन की फिल्में देखता रहता है,वह सलाह देता है कि उस े बदमाशी करनी चाहिए.बदमाश लड़कों के पीछेलड़कियां घूमती हैं .तब पहली बार सूरज बिअर की बोटल लेकर घूमता है और उसकी तस्वीरे खिंच
जाती है,जिससे उसका एक अच्छा रिष्ता टूट जाता है.
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