रेटिंगः ढाई स्टार

निर्माताः एकता कपूर, शोभा कपूर

निर्देशकः आशीष आर शुक्ला

कलाकार: दिव्येंदु शर्मा, सत्यजीत शर्मा, राजेश शर्मा, अंशुल चैहाण,सय्यद जीशान कादरी, प्रशंसा शर्मा, आकांक्षा ठाकुर, मुकुल चड्डा, तृष्णा मुखर्जी, गगन आनंद,अभिनव आनंद व अन्य.

अवधिः 20 से 23 मिनट के 9 एपीसोड ,कुल सवा 3 घंटे

ओटीटी प्लेटफार्मः जी 5 और ‘अल्ट बालाजी’ पर 19 नवंबर से

अपराध व बदले की कई कहानियां इन दिनों वेब सीरीज का हिस्सा बन रही हैं. ऐसी ही मर्डर मिस्ट्री व बदले की कहानी ‘बिच्छू का खेल’ लेकर आयीं हैं एकता कपूर व शोभा कपूर. जो कि 19 नवंबर से ‘अल्ट बालाजी और ‘जी 5’ पर एक साथ देखा जा सकता है.

कहानीः

यह कहानी अस्सी के दशक में बनारस की है. ललित श्रीवास्तव उर्फ बाबू (मुकुल चड्डा) बनारस में ही मुकेश चौबे (राजेश शर्मा) की दुकान ‘चौबे मिष्ठान भंडार’ में नौकरी करते हैं. बाबू का इश्क मुकेश चौबे की पत्नी प्रतिमा संग चल रहा है. बाबू अपने बेटे अखिल श्रीवास्तव (दिव्येंदु शर्मा) को भी उसी दुकान पर नौकरी दिलवा देते हैं. मुकेश चौबे के छोटे  भाई अनिल चौबे (सत्यजीत शर्मा) शहर के जाने माने वकील हैं और गैंगस्टर मुन्ना सिंह के साथ उनकी सांठगांठ हैं. मुन्ना सिंह ने दो युवा बेटों राजवीर और महेंद्र सिंह के होते हुए एक युवा लड़की रेणु से शादी की हैं. रेणु के अवैध संबंध राजवीर और महेंद्र सिंह दोनो सें हैं. उधर अनिल चौबे का दाहिना हाथ है गोल्डी. अनिल चौबे की तथाकथित बेटी रश्मि चौबे (अंशुल चौहाण) का रोमांस अखिल श्रीवास्तव संग चल रहा है. रश्मि और अखिल के बीच शारीरिक संबंध हैं. अनिल चौबे अपने व्यापार को साधने व एक साजिश के तहत अपनी बेटी रश्मि की शादी ओझा के बेटे संग तय कर देते हैं. रश्मि की सगाई वाली रात मुन्ना सिंह की हत्या हो जाती है और आरोप बाबू पर लगता है. अपने पिता बाबू को जेल से छुड़ाने के लिए अखिल पुलिस इंस्पेक्टर निकुंज तिवारी (सय्यद जीशान कादरी ) व हवलदार पांडे (श्रीधर दुबे) के पास मदद के लिए जाता है. खैर, अदालत से बाबू को छुड़ाने का काम एडवोकेट अनिल चौबे करते हैं, जिसके पीछे उनका अपना एक मकसद है. पर दूसरे केस में फिर से बाबू की गिरफ्तारी होती है और जेल के अंदर ही बाबू की हत्या हो जाती है और कहा जाता है कि बाबू ने आत्महत्या कर ली. अखिल अपने पिता के कातिलों को सजा देने के लिए ‘बिच्छू का खेल’ खेलना शुरू करता है. कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. कई हत्याएं होती हैं. कई लाशें बिछ जाती है. अंततः सच सामने आता है और अखिल तथा रश्मि की शादी भी हो जाती है.

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