पंजाबी गाने और पंजाबी फिल्मों से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले एक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ से कोई अपरिचित नहीं. पंजाबी फिल्मों के साथ-साथ उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अच्छा काम किया है. उनकी हिंदी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ काफी सफल फिल्म रही. उनके पंजाबी संगीत के दीवाने केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है. शर्मीले और अन्तर्मुखी स्वभाव के दिलजीत बहुत ही साधारण परिवार के है और यहां तक पहुंचने में उन्होंने काफी मेहनत की है. उनकी फिल्म ‘अर्जुन पटियाला’ रिलीज पर है, जो उनकी पहली कौमेडी हिंदी फिल्म है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश…

सवाल- इस फिल्म को करने की खास वजह क्या रही?

ये एक नयी और अलग कहानी है, जिसे मैंने कभी किया नहीं है. मैंने इस फिल्म के निर्देशक रोहित जुगराज के साथ दो पंजाबी फिल्में की है. इसलिए उनके साथ काम करना भी आसान था.

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सवाल- आपने अधिकतर सीरियस फिल्में की है, इसमें आपने कौमेडी की है, अपनी जर्नी से आप कितने खुश है?

इस साल मैंने एक पंजाबी फिल्म ‘छड़ा’ और अब ये फिल्म और बाद में ‘गुड न्यूज’ भी एक कौमेडी फिल्म की है. उम्मीद है दर्शक मुझे इस रूप में भी पसंद करेंगे, क्योंकि पंजाबी फिल्म ‘छड़ा’ को दर्शकों ने बहुत पसंद किया है. अर्जुन पटियाला में मैंने अपने ऊपर ही अधिकतर कौमेडी की है और ये अच्छा है, क्योंकि दूसरों के बारें में कौमेडी करने से कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. मुझे खुशी है कि मैं धीरे-धीरे अच्छा काम कर रहा हूं.

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सवाल- रियल लाइफ में आप क्या पसंद करते है, कौमेडी या सीरियस रहना?

अपने लोग होने से कौमेडी और बाकियों के साथ सीरियस.

सवाल- हिंदी फिल्मों में काम करते हुए आप अपने में कितना बदलाव महसूस करते है?

मैं शुरू से ही कम बोलता था और अब भी कम बोलता हूं, क्योंकि मेरा ये स्वभाव है और मैं इसे बदलकर नकली नहीं बनना चाहता. अवसर आने पर अवश्य बात करता हूं. मैं हमेशा कम्फर्ट जोन में रहना पसंद करता हूं.

सवाल- आप कौमेडी में किसे देखना पसंद करते है?

मैंने जसपाल भट्टी की कौमेडी को बहुत देखी है, पर दुःख की बात यह है कि मैं उनसे कभी मिल नहीं पाया. उन्होंने भी अपने उपर ही हमेशा कौमेडी की है. वे एक कमाल के कौमेडियन थे.

सवाल- आपने गायिकी और अभिनय दोनों किये है, किसे अधिक एन्जौय करते है?

जब गाना गाता हूं तो अभिनय को भूल जाता हूं और जब अभिनय करता हूं तो गाने को भूल जाता हूं कि मैंने कोई गाना भी गाया है. जब जो काम करता हूं, उसी में रम जाता हूं.

सवाल- पंजाबी गानों के एल्बम काफी पौपुलर होते है, जबकि बाकी एल्बम नहीं चल पाते, इसकी वजह क्या मानते है?

पंजाबी गाने पूरे विश्व में अधिक चलते है, इसकी वजह इनका लिटरेचर और सुर हो सकता है, क्योंकि पंजाबी गानों को सुनने से खुशी मिलती है और लोग ऐसे गाने पसंद करते है. मुझे कमर्शियल गाने अधिक पसंद है, क्योंकि उससे पैसे मिलते है और मैं स्टेज शो कर सकता हूं.

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सवाल- ऐसा माना जाता है कि सरदारों के लिए हिंदी फिल्मों में काम कम है,जबकि आपने कई फिल्में की है, क्या वाकई ये सच है?

ये सही नहीं है, क्योंकि मुझे कई औफर मिले. मुझे खुद लगा कि मैं इसमें फिट नहीं बैठ सकता. आज कई फिल्में सरदारों के लिए भी लिखी जा रही है. उम्मीद है आगे भी कई और फिल्में लिखी जाएंगी. पंजाबी फिल्म में भी पहले ये बात थी. मेरे पहले बहुत कम लोगो ने पगड़ी पहनकर पंजाबी फिल्मों में काम किया है.

सवाल- पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की कोई खास बात, जिसे आप बौलीवुड में नहीं पाते?

पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में जब जो फिल्म बनाने की इच्छा होती है, उसे बना लेते है, क्योंकि वहां सारे ही दोस्त है. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा नहीं हो पाता. पंजाबी फिल्मों में काम करने की वजह से ही मुझे हिंदी फिल्म मिली.

सवाल- फ्रेंडशिप डे आगे आने वाला है, दोस्त आपकी जिंदगी में क्या माईने रखते है, कोई खास फ्रेंड जिसने आपको हमेशा सहयोग दिया हो?

तेजेंद्र सिंह मेरा अच्छा दोस्त है. 8 वीं कक्षा से हम साथ-साथ पढ़े है. जरुरत के समय वह मुझे हमेशा पैसे दिया करता था. आज भी वह मेरे साथ है. दोस्त वही होता है, जो मुश्किल घड़ी में आपका साथ दें.

सवाल- क्या कोई बायोपिक में काम करने की इच्छा है?

जसपाल भट्टी की अगर बायोपिक बने, तो उसमें काम करने की इच्छा रखता हूं.

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