डियर दीपिका,
तुम मेरी जैसी ना जाने कितनी लड़कियों की हिम्म्त बन गई हो. आज से नहीं बल्कि उस दिन से जिस दिन से तुमने अपने डिप्रेशन की सच्चाई को अपनाते हुए उससे लड़ी और जीती भी.
80-90 के दशक में फिल्मों के नायक को हम लड़कियां अपना हीरो समझती थीं जो बस्ती के लिए लोगों के लिए लड़ता. जो महिलाओं की इज्जत बचाता. जो गरीबों का मसीहा होता. जो कभी मजदूरों का लीडर तो कभी कुली बन जाता. जब हम लड़कियां बड़ी हुईं तो समझ आया ये तो कल्पना के हीरो हैं असलियत के नहीं. हां असल जिंदगी में फिल्मों के उन विलेन से जरूर सामना हुआ. ये अलग बात थी कि उनके चेहरे अलग थे.
तुम हो असली हीरो…
बचपन से सुना था कि फिल्में समाज के लिए आईना होती हैं. असल में हीरो तो तुम हो. तुमने तुम्हारे किरदार को जिया. अपनी काबिलियत के बलबूते फिल्मी दुनिया में अपनी जगह बनाई. टॉप की एक्ट्रेस होते हुए भी एक एसिड पीड़िता का किरदार निभाकर तुमने हम लड़कियों के लिए दिल में जगह तो बना ही ली.
साथ ही जेनयू में जाकर वहां के छात्रों का सपोर्ट कर बहुत से युवाओं की प्रेरणा भी बन गई. दीपिका तुमने देश के युवाओं के साथ खड़े होकर करोड़ों दिलों को जीता है. उम्मीद है देश की बड़ी हस्तियां तुमसे सीख लेंगी और आवाज़ उठाने की हिम्मत कर पाएंगी.
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तुम्हारे अंदर हैं सच्चाई की ताकत
तुम्हें हमेशा पता होता है कि लोग बातें करेंगे, ट्रोलर्स तुम्हें ट्रोल करेंगे, तुम्हारा पुतला जलाया जाएगा या लोग फिल्मों का बौयकोट करेंगे. एक सेलिब्रिटी होने के नाते ज्यादातर एक्टर और एक्ट्रेस विवाद में आने से बचते हैं लेकिन तुमने इस बात की परवाह नहीं की, क्योंकि तुम्हारे अंदर सच्चाई कहने की ताकत है और तुमने इस बार भी ये बात साबित कर दी.
जब बताई थी डिप्रेशन की कहानी
लोगों ने तो तब भी बाते बनाई थीं जब तुमने अपने मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) पर खुलकर बात की थी. लोगों ने कहा था ये सब पब्लिसिटी स्टंट है लेकिन तुम डटी रही. फिर एक समय बाद लोगों ने इस बात को स्वीकारा कि मानसिक पीड़ा भी एक तरह की बीमारी होती है.
ब्रेकअप के बाद एक लड़की किस तकलीफ से गुजरती है तुमने इसे स्वीकारा लेकिन हार नहीं मानी बल्कि इसे अपनाते हुए आगे बढ़ी.
मिला लोगों का साथ…
तुमने माना कि सिनेमा एक मजबूत माध्यम है और समाज पर इसके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता है. देखो आज तुम्हारे सपोर्ट में आज कितने लोग हैं. आम लोगों के अलावा फ़िल्म निर्देशक अनुराग कश्यप, फ़िल्म निर्माता अनुभव सिन्हा, गायक विशाल ददलानी, फ़िल्म अभिनेत्री रिचा चड्ढा और स्वरा भास्कर सहित कई लोगों ने तुम्हारे इस इस क़दम को बहादुरी भरा बताया है और सराहा है. इसलिए तुम उन चंद लोगों की बातों पर ध्यान ना देना जो तरह-तरह की बातें बनाकर तुम्हारे कदम को को रोकना चाहेंगे.
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तुमने हम सभी को हिम्मत दी…
वैसे भी यहां महिलाओं के सम्मान और हक की बातें तो बहुत होती हैं लेकिन जैसे ही कोई महिला आगे बढ़ने लगती है कुछ लोग धर्म और परंपरा के नाम पर उसे पीछे खींचने लगते हैं और दबाने की कोशिश करने लगते हैं. लड़कियों की आवाज को तेज आवाज से दबाने की कोशिश की जाती है. उसके इमोशन से भरे आसुंओं को तलवार बताया जाता है. ऐसे में तुमने हम सभी को हिम्मत दी है, अपनी बात कहने और आवाज उठाने का.
तुमने हमे पंख दिए दीपिका
दीपिका तुमने कभी अपनी फिल्मों से तो कभी खुद के माध्यम से हम लड़कियों को वो पंख दिए हैं जिससे अब खुलकर सांस ले सकती हैं और एक उंची उड़ान भर सकती हैं. हम लड़कियां तुम्हारी फैन इसलिए नहीं कि तुम एक खूबसूरत एक्ट्रेस हो बल्कि इसलिए क्योंकि तुम खास में भी एक आम लड़की हो. ऐसे ही नहीं तुम सबसे अलग हो दीपिका.
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