हाल ही में जब दीपिका पादुकोण जेएनयू पहुंची थी तो उनको लेकर काफी बवाल मचा था और सोशल मीडिया पर BUYCOTT#CHAPAK ट्रेंड कर रहा था. दीपिका की फिल्म छपाक को लेकर काफी बवाल मच चुका है लेकिन फिर भी बौक्स औफिस पर छपाक ने धमाल मचाया है और इसका अच्छा-खासा कलेक्शन भी हुआ है. दीपिका की वैसे तो बहुत सी फिल्मों ने धमाल मचाया है चाहे वो बाजीराव मस्तानी हो, पद्मावत हो या कोई भी फिल्म हो लेकिन छपाक को लेकर बवाल सिर्फ इसलिए मचा क्योंकि दीपिका उस वक्त जेएनयू में चली गईं जब स्टूडेंट्स  सीएए का विरोध कर रहे थे और वहां धरना प्रदर्शन हो रहा था लोगों का कहना था कि दीपिका ऐसे परिस्थिती में वहां फिल्म के प्रमोशन के लिए गई थीं. दीपिका के वहां जाने भर से उनकी फिल्म छपाक क विरोध होने लगा. कई संगठनों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया…लेकिन फिर भी दीपिका की फिल्म छपाक ने अपना धमाल मचा ही दिया.

वर्ल्ड इकनौमिक फौरम की तरफ से बौलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को 26 वें सालाना क्रिस्टल अवार्ड से सम्मानित किया गया. दीपिका पादुकोण को ये सम्मान मेंटल हेल्थ सेक्टर में उनके सराहनीय काम के लिए दिया गया… दीपिका इस अवार्ड को लेते वक्त काफी भावुक हो गई थीं. उन्होंने कहा कि “जिस वक्त मैं ये अवार्ड ले रही हूं.. उस समय दुनिया में एक और व्यक्ति सुसाइड से अपनी जान गवा रहा है…वो इंसान कोई भी हो सकता है एक पिता, मां, बेटा और बेटी ,भाई और बहन एक दोस्त या परिवार का कोई भी सदस्य या साथ काम करने वाला कोई भी.. हर 40 सैकेंड में एक इंसान सुसाइड से अपनी जान गंवा रहा है.

ये भी पढ़ें- बिना शादी प्रग्नेंट होने पर इस एक्ट्रेस पर उठे थे कई सवाल

 फरवरी 2014.. मुझे अच्छी तरह याद है कि मैं पेट में कुछ अजीबोगरीब एहसास के साथ उठी.. मैं खाली और दिशाहीन महसूस करने लगी. मैं चिड़चिड़ी हो गई… जो इंसान मल्टी टास्क करनेवाला हो. अपने निर्णय खुद लेता हो,  अचानक खुद को भार समझने लगता है. मैं बिना वजह बुहत रोती थी, रोज सुबह उठना मेरे लिए एक संघर्ष हो गया था. मैं बुहत थक गई थी और मैंने हार मान ली थी. मेरी मां ने मेरी परेशानियों को समझा और मुझे समझाया कि मुझे प्रोफेशनल मदद की जरूरत है, बाद में खुलासा हुआ कि मैं क्लीनिकल डिप्रेशन और परेशानी से जूझ रही थी. इस डिप्रेशन के साथ प्यार और नफरत के मेरे रिश्ते ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है और मैं इससे गुजर रहे सभी लोगों को कहना चाहती हूं कि आप अकेले नहीं हो और सबसे जरूरी बात है कि आपके पास उम्मीद है.

ये भी पढ़ें- छोटी सरदारनी: परदे के पीछे सबकी ऐसे नकल उतारता है परम

दीपिका पादुकोण ने दुनिया के सामने न सिर्फ खुद को मानसिक रोगी के तौर पर स्वीकार किया बल्कि इसके खिलाफ एक अभियान भी छेड़ दिया….और  उनके इन्हीं प्रयासों के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है… मानसिक रोग के दौर से गुजर चुकी दीपिका पादुकोण ने साल 2015 में “ लाइव लव लाफ फाउंडेशन की बनाई थी. ये फाउंडेशन मेंटल डिसौर्डर से पीड़ित लोगों के लिए एक आशा की नई किरण साबित हुई है और आज भी हो रही है.एक बार फिर से दीपिका ने खुद को साबित कर दिखाया और लोगों के लिए अच्छा संदेश भी दिया.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...