महत्वाकांक्षी औरत पुरुषों के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है, इसी बात को निर्माता दिनेश विजन और निर्देशक अमर कौशिक ने अपनी हौरर कौमेडी फिल्म ‘‘स्त्री’’ में पेश किया है. यूं तो फिल्म की कहानी एक ऐसी भूतनी की है, जो कि लोगों के घरों के दरवाजे पर रात्रि में दस्तक देती है. पुरुष के कपड़े उतरवाकर उसे उठाकर ले जाती है. सैकड़ों वर्षों से हमारे देश की औरतें भूतनी या चुड़ैल के नाम पर प्रताड़ित की जाती रही हैं. पर अंत में यह फिल्म कहती है कि उसे प्यार व इज्जत चाहिए.

bollywood stree movie review in hindi

फिल्म की कहानी मध्यप्रदेश के चंदेरी नामक छोटे शहर की है. जहां हर वर्ष मंदिर में चार दिन की पूजा होती है. और हर वर्ष इन चार दिन की हर रात एक ‘स्त्री’ आती है और लोगों के शरीर के कपड़े फेंक कर उन्हे उठा ले जाती है. हर वर्ष लोग अपने घरों की दीवारों पर लिखवाते हैं-‘ओ स्त्री कल आना’. हर किसी का मानना है कि एक भूतनी यह काम करती है. इसी गांव मे एक दर्जी का बेटा और सिलाई में निपुण विकी (राज कुमार राव) अपने दोस्तों बिट्टू (अपराशक्ति खुराना) और जना (अभिषेक बनर्जी) के साथ रहता है.

bollywood stree movie review in hindi

विकी खुद को मौर्डन युवक मानता है और वह भूम प्रेत आदि में यकीन नही करता. उधर इसी शहर के ‘रूद्र पुस्तक सेंटर’ के मालिक रूद्र (पंकज त्रिपाठी) खुद को ज्ञानी मानते हैं और भूतनी से बचने के उपाय लोगों को बताते रहते हैं. मंदिर में पूजा शुरू होने से पहले एक लड़की आकर विकी से अपने लिए तीन दिन में लहंगा सिलकर देने के लिए कहती है. उसकी अदा पर विकी मोहित हो उससे प्यार कर बैठते हैं. लड़की रात में मंदिर में पूजा के समय मिलने की बात कह देती है. विकी मंदिर में जाता है. पर लड़की आरती खत्म होने के बाद मंदिर से बाहर विकी से मिलती है.

bollywood stree movie review in hindi

उसी रात एक पुरुष को भूतनी /चुड़ैल उठा ले जाती है. उधर रूद्र इन तीनों दोस्तों को चंदेरी पुराण और स्त्री के पीछे की सच्चाई बताता है. उधर लड़की विकी से छिपकली की पूंछ सहित कई तरह को सामान मंगवाती है और विकी को लेकर सुनसान जंगल में जाती है. पर वह अचानक गायब हो जाती है. मगर कुछ देर बाद उसके दोस्त जना को भूतनी उठा ले जाती है. हर दिन शहर के हालात बिगड़ते जाते हैं. उधर वह लड़की विकी के साथ मिलकर उस भूतनी को खत्म करने की बात करती है. कहानी में कई मोड़ आते हैं. अंततः गायब हुए सभी पुरुष वापस आ जाते हैं. चार दिन बाद वह लड़की वापस चली जाती है. बस में उसका असली रूप सामने आ जाता है.

bollywood stree movie review in hindi

फिल्म की कहानी व पटकथा ठीक ठाक है. फिल्म डराती नहीं है, मगर हंसाती जरुर है. मगर लेखक व निर्देशक दोनों कई जगह दुविधा में नजर आते हैं कि वह ‘स्त्री’ के माध्यम से अंध श्रद्धा को खत्म करने की बात करें या न करें. फिल्म में कुछ ह्यूमरस संवाद हैं, जो कि दर्शकों को हंसाते हैं. ज्ञानी यानी कि रूद्र के परदे पर आने से ही हंसी के पल पैदा होते हैं.

bollywood stree movie review in hindi

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो राज कुमार राव व श्रद्धा कपूर दोनों ने जानदार काम किया है. पर फिल्म के असली हीरो बनकर पंकज त्रिपाठी उभरते हैं. इंटरवल के बाद वह अकेले अपने बलबूते पर पूरी फिल्म को लेकर चलते हैं. पंकज त्रिपाठी के उम्दा अभिनय की तारीफ तो करनी ही पड़ेगी. अपराशक्ति खुराना व अभिषेक बनर्जी ठीक हैं.

दो घंटे सात मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘स्त्री’’ का निर्माण दिनेश विजन और राज एंड डीके ने मिलकर किया है. फिल्म के निर्देशक अमर कौशिक, पटकथा लेखक राज एंड डी के, संवाद लेखक सुमित अरोड़ा, संगीतकार सचिन जिगर, पार्श्व संगीतकार केतन सोधा, कैमरामैन अमलेंदु चैधरी तथा कलाकार हैं – राज कुमार, श्रद्धा कपूर,पंकज त्रिपाठी, अपराशक्ति खुराना, अभिषेक बनर्जी, विजय राज और मेहमान कलाकार नोरा फतेही व कृति सैनन.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...