जिस रफ्तार से खिलाडि़यों के खिलाड़ी अक्षय कुमार सफलता की सीढि़यां चढ़ रहे हैं, उन्हें हिट मशीन भी कहा जाए तो अतिशयोक्ति न होगी.

90 के दशक में हिट और ऐक्शन फिल्म देने वाले अभिनेता अक्षय कुमार आज ऐसे मुकाम पर पहुंच चुके हैं कि हर निर्माता निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में लेना चाहता है. कभी ऐसा वक्त था जब अक्षय कुमार को काम के लिए प्रोडक्शन हाउस के चक्कर लगाने पड़ते थे. ‘खिलाड़ी शृंखला’ ने उन के जीवन को एक अलग दिशा दी और आज वे हिंदी सिनेमाजगत में ऐक्शन हीरो के नाम से मशहूर हैं. उन्होंने केवल एक्शन ही नहीं, हर तरह की फिल्मों जैसे रोमकौम, कौमेडी, थ्रिलर आदि में काम किया है.

मार्शल आर्ट के ऐक्सपर्ट अक्षय कुमार 29 साल से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. वे अपनी अनुशासित दिनचर्या के लिए भी जाने जाते हैं.

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जीवन में संघर्ष के बारे में अक्षय कहते हैं, ‘‘संघर्ष से सब को गुजरना पड़ता है और मेरे लिए भी है. रोज सुबह उठ कर अच्छा काम करने की चाहत और न मिलने पर हताश होना, ये सारी बातें संघर्ष की ही पहचान हैं.’’

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आप स्टंट हमेशा खुद करते हैं, इसे देख कर आज की युवा पीढ़ी भी कोशिश करती है, उन के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे, इस पर वे अपनी राय रखते हुए कहते हैं, ‘‘कोई भी स्टंट ऐसे ही नहीं होता, इस के लिए एक बड़ी टीम होती है जो हर बात की निगरानी करती है. ऐसे में किसी को भी स्टंट खुद करने की जरूरत नहीं है. बिना सावधानी के करने पर ये जानलेवा भी हो सकते हैं.

‘‘मैं ने बचपन से स्टंट किए हैं और मुझे कोई खतरा नहीं लगता, लेकिन हमेशा मैं यह कहता आया हूं कि घर पर कभी भी खुद कोशिश न करें,क्योंकि ये संभल कर, सावधानी के साथ किए जाते हैं. मेरे मातापिता ने हमेशा मेरे हर काम पर सहयोग दिया है. मैं पहले एक स्टंटमैन हूं, बाद में अभिनेता बना. फिल्म ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ के स्टंट के बाद ही मुझे काम मिला था. वरना यहां कोई मेरा गौडफादर नहीं था जिस की वजह से मुझे काम मिला हो. मैं स्टंटमैन बन कर ही आज यहां पर आया हूं.’’

आप की और ट्विंकल की बौंडिंग सालों से अच्छी चल रही है, जबकि आज रिश्तों के माने बदल चुके हैं. आप दोनों की इस गहरी बौंडिंग के पीछे का राज क्या है और अपने टीनेज बच्चों की देखभाल कैसे करते हैं?

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इस सवाल के जवाब में अक्षय बताते हैं, ‘‘हम एकदूसरे के प्रोफैशन में कभी दखलंदाजी नहीं करते, एकदूसरे का सम्मान करते हैं, स्पेस देते हैं आदि. इस से हमारा रिश्ता गहरा रहता है. आज के बच्चे काफी होशियार हैं. वे गलत व सही को समझ सकते हैं. मेरे पिता ने भी मुझे वह आजादी दी थी और किसी भी गलत बात को छिप कर करने से मना किया था.’’

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