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तय योजना के अनुसार, उर्वशी ने रात करीब 10 बजे अपने परिचित युवक संदीप लांबा को अपने पास बुला लिया.

संदीप को उर्वशी ने 9 जनवरी को दिन में ही फोन कर के कहा था कि रात को उस के घर वाले घर पर नहीं रहेंगे, इसलिए वह रात को उस के घर आ जाए. जयपुर जंक्शन से औटो में जगतपुरा जाते समय भी उर्वशी ने संदीप को बता दिया था कि वह रात को 280 प्रेमनगर, जगतपुरा आ जाए.

उर्वशी के इस तरह बुलाने से संदीप लांबा खुश था. संदीप ने अपनी गर्लफ्रैंड उर्वशी के पास जाने के लिए अपने एक मित्र पोलू जाट से 5 सौ रुपए उधार लिए और सजधज कर अपने कमरे से निकला. संदीप नर्सिंग के द्वितीय वर्ष का छात्र था. वह जयपुर में गुर्जर की थड़ी पर किराए के मकान में रहता था. उस की उर्वशी से दोस्ती इस घटना से करीब एक महीने पहले हुई थी.

दोनों एक महीने से फोन पर संपर्क में थे. संदीप ने घर से निकल कर उर्वशी के लिए चौकलेट खरीदी. इस के बाद वह लो फ्लोर बस से रात करीब 10 बजे जगतपुरा पहुंचा. रात का समय होने और उस फ्लैट की सही लोकेशन न मिलने पर संदीप ने उर्वशी को 3-4 बार फोन किया. इस पर उर्वशी उसे लेने के लिए पैदल ही जगतपुरा रेलवे लाइन तक अकेली आई.

रेलवे लाइन से वह संदीप को अपने साथ ऋषिराज के प्रेमनगर स्थित फ्लैट पर ले गई. संदीप के पहुंचने पर ऋषिराज फ्लैट में छिप गया. उर्वशी संदीप को एक कमरे में ले गई, जहां बिस्तर लगा था. कमरे की बिजली जल रही थी. कमरे की बिजली जली होने पर संदीप को कुछ शक हुआ, लेकिन उर्वशी ने उसे बातों में लगा लिया. इस के बाद उर्वशी और संदीप उस कमरे में एक साथ रहे. इस दौरान उन्होंने कई बार शारीरिक संबंध बनाए.

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