कुप्रथाएं अपराधी भी बनाती हैं. लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे लुटेरे गैंग का परदाफाश किया है, जिस के सदस्य शादी करने से पहले 6 हत्याएं करते हैं. पंजाब के इस गैंग को इस वजह से ही ‘छैमार गैंग’ के नाम से जाना जाता है. यह गैंग लूट के दौरान विरोध करने पर हत्या करता है. यह गैंग केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में भी डकैती डालता है. लखनऊ पुलिस ने पंजाब से आए इस गिरोह के 4 सदस्यों को एसटीएफ के सहयोग से मडियांव थाना इलाके में पकड़ा. इन के पास से 2 तमंचे, चाकू, नकदी और जेवर मिले.

3 साल पहले इस गैंग ने जौनपुर के शाहगंज इलाके में डाका डाला था. जौनपुर पुलिस ने इन के 2 सदस्यों पर 2-2 हजार रुपए का इनाम भी ऐलान कर रखा था. लखनऊ के ट्रांस गोमती इलाके के एएसपी दुर्गेश कुमार ने बताया कि रात को पुलिस को यह सूचना मिली थी कि पंजाब के ‘छैमार गैंग’ के कुछ सदस्य डकैत घैला पुल के पास मौजूद हैं. एसटीएफ के एसआई विनय कुमार और मडियांव इलाके के इंस्पैक्टर नागेश मिश्रा ने पुलिस बल के साथ इन की घेराबंदी की. पुलिस को देख कर इन डकैतों ने फायरिंग कर दी, पर जवाबी फायरिंग में ये लोग भागने लगे. इसी दौरान पुलिस ने इस गिरोह के 4 बदमाशों को पकड़ लिया. इन की पहचान कदीम उर्फ पहलवान, अली उर्फ हनीफ, मुन्ना उर्फ बग्गा और सलमान उर्फ अजीम के रूप में हुई. इन के पास से जौनपुर में हुई लूट का सामान भी बरामद किया गया.

दरअसल, ये लोग ‘छैमार गैंग’ के सदस्य थे. ‘छैमार गैंग’ पंजाब के बदमाशों द्वारा तैयार किया गया गैंग है. ये लोग लोकल अपराधियों को अपने साथ रेकी के लिए रखते हैं और उस घर की तलाश करते हैं, जहां पर इन्हें डाका डालना होता है. इस के बाद का काम ‘छैमार गैंग’ का होता था. लोकल अपराधी कत्ल करने में पीछे हट जाते थे, इसलिए ‘छैमार गैंग’ के क्रूर सदस्य कत्ल को अंजाम देते थे. ये अपना ठिकाना बदलते रहते थे, जिस से इन की शिनाख्त नहीं हो पाती थी. 6 कत्ल करने के बाद ये डकैत शादी कर अपना घर बसा लेते थे. लूट के पैसे से ये अपना काम चलाते थे.

आज भी बहुत से लोग हत्या जैसे अपराध को बाहुबल से जोड़ कर देखते हैं, जिस वजह से ऐसी प्रथाएं भी चलती हैं. अपराधी खुद का दामन बचाने के लिए ऐसी प्रथाओं का हवाला देते हैं. ये लोग अपने नाम और गैंग का नाम बदल कर आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं.

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