अनुराग कश्यप के नेतृत्व वाली कंपनी ‘फैंटम’ तथा एकता कपूर की कंपनी ‘‘बालाजी मोशन पिक्चर्स’’ द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के सेंसर प्रमाण पत्र को लेकर विवाद गर्माता जा रहा है. बालीवुड से जुड़े सूत्रों की माने तो यह विवाद महज फिल्म को सेंसर प्रमाणपत्र दिलाने तक का नहीं है, बल्कि इस विवाद के चलते कुछ लोग अपनी अपनी रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं.

क्या है फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’?

फिल्म के रिलीज ट्रेलर व सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ की कहानी पंजाब में मादक द्रव्यों/ ड्रग्स की तस्करी और इसके सेवन के इर्दगिर्द घूमती है. जिसमें शाहिद कपूर ने एक ऐसे गायक टॉमी का किरदार निभाया है, जो कि ड्रग्स के सेवन में गले तक डूबा हुआ है. तो वहीं करीना कपूर एक डाक्टर की भूमिका में हैं. तीसरी तरफ आलिया भट्ट का किरदार कुमारी पिंकी का है, जो कि बिहार से आयी एक मजदूर है. वह पंजाब के खेतों में मजदूरी करती है. उसे भरपेट भोजन खाने लायक पैसे भी नहीं मिलते. धीरे धीरे वह भी ड्रग्स की शिकार हो जाती है. फिर वह ड्रग्स हासिल करने के लिए पैसों के अभाव में कई पुरूषों से संबंध स्थापित करती है.

अब तक सेंट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टीफिकेशन व फिल्म ‘‘उड़ता पजाब’’ के बीच क्या क्या हुआ?

सूत्रों के अनुसार ‘‘फैंटम’’ ने यह फिल्म सेंसर प्रमाणपत्र के सेंट्ल बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन’ के पास दस मई को भेज दिया था. एक्जामिंनिंग कमेटी ने फिल्म देखकर 40 दृश्यों को काटकर लाने पर ‘ए’ प्रमाणपत्र देने की सिफारिश की. (यहां याद रखना होगा कि ‘सेंट्ल बेार्ड आफ फिल्म सर्टीफिकेशन’ खुद किसी भी फिल्म पर कैंची नहीं चलाता. फिल्म में दृश्यों पर कैंची फिल्म के निर्माता को ही चलानी होती है.). इसके बाद निर्माताओं को अपनी इस फिल्म को रिवाइजिंग कमेटी के पास भेजना चाहिए था. लेकिन अनुराग कश्यप ने घोषणा की कि वह अपनी फिल्म को एफसीएटी(फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलिएट ट्ब्यिूनल) में ले जाएंगे. अब वह ट्रिब्यूनल में गए या नहीं, पर एक जून को वह अपनी फिल्म को रिवाइंजिंग कमेटी के पास लेकर पहुंच गए.

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