एडवैंचर स्पोर्ट्स का अलग ही मजा है. आप अपने जीवन के कुछ घंटे ऐसी चुनौतीपूर्ण ऐक्टिविटीज को करने में व्यतीत करते हैं जो आप को उत्साह और थ्रिल से भर देती हैं. ये ऐक्टिविटीज ट्रेनर्स की देखरेख में होती हैं, तो इन में जान का खतरा नहीं होता. इन में मजा इतना आता है कि लगता है जिंदगी जी ली. एडवैंचर स्पोर्ट्स वे होते हैं जिन में शारीरिक के साथसाथ मानसिक संबल की भी जरूरत होती है.
एडवैंचर स्पोर्ट्स कई तरह के होते हैं. भारत में अलगअलग पर्यटन स्थलों पर अलगअलग एडवैंचर स्पोर्ट्स होते हैं. इन एडवैंचर स्पोर्ट्स में स्काईडाइविंग, रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग, स्कूबा डाइविंग, माउंटेन बाइकिंग, रौक क्लाइंबिंग, पैराग्लाइडिंग प्रमुख हैं. अरुणाचल प्रदेश, गोवा, ऋषिकेश, असम और हिमाचल प्रदेश एडवैंचर स्पोर्ट्स के लिए मुफीद जगहें हैं.
बंजी जंपिंग
बंजी जंपिंग में आप को कुछ सेफ्टी उपकरण पहनाए जाते हैं और एक लंबी मजबूत रस्सी से बांधा जाता है. इस के बाद आप को जमीन से 70-130 मीटर के बीच की ऊंचाई के एक प्लेटफौर्म से नीचे कूदना होता है. रस्सी की इलास्टिसिटी के कारण वह आप के भार के अनुसार तेजी से आप को नीचे ले जाती है और उतनी ही तेजी से वापस ऊपर खींचती है. रोमांच के शौकीनों के लिए इस से बेहतर आखिर क्या हो सकता है.
ये भी पढ़ें- सोलो ट्रैवल टिप्स: जो बनाएं आपके सफर को खूबसूरत
कहां जाएं
ऋषिकेश : बंजी जंपिंग के लिए भारत के कुछ पर्यटन स्थल मशहूर हैं. ऋ षिकेश के मोहनचट्टी गांव को बंजी जंपिंग के लिए जाना जाता है. इस
बंजी जंपिंग सैंटर का नाम जंपिन हाइट्स है. इसे पूर्व आर्मी अफसर और न्यूजीलैंड से आए ट्रेनर्स द्वारा चलाया जाता है. यहां एक फिक्स्ड प्लेटफौर्म है जो जमीन से 83 मीटर ऊंचाई पर स्थित है. एक जंप के लिए यहां की फीस 2,500 रुपए है. जंपिन हाइट्स मंगलवार को बंद रहता है.
बेंगलुरु : बेंगलुरु का ओजोन एडवैंचर भी बंजी जंपिंग के लिए मशहूर स्थानों में से एक है. यहां कोई फिक्स्ड प्लेटफौर्म नहीं है, एक क्रेन के जरिए 80 मीटर की ऊंचाई से जंप कराई जाती है. यहां 18 से 60 वर्ष के व्यक्ति इस का लुत्फ उठा सकते हैं. अक्तूबर से फरवरी के बीच यहां आप बंजी जंपिंग के लिए जा सकते हैं. यहां एक व्यक्ति को जंप कराने के मात्र 400 रुपए लगते हैं.
दिल्ली : दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में स्थित वंडरलस्ट में बंजी जंपिंग 51 मीटर ऊंचाई से कराई जाती है. इस की खास बात यह है कि यहां के ट्रेनर्स जरमनी से प्रशिक्षण प्राप्त हैं और एडवैंचर स्पोर्ट्स जरमन तकनीक से औपरेट होते हैं. 14 से 50 वर्ष के व्यक्ति इस का लुत्फ उठा सकते हैं. यहां बंजी जंपिंग के लिए 3,000 रुपए प्रतिव्यक्ति फीस है. यह हफ्ते के सभी दिन खुला रहता है.
स्कूबा डाइविंग
स्कूबा डाइविंग सब से ज्यादा रोमांचकारी अंडरवाटर एडवैंचर स्पोर्ट है. यह समुद्र के अंदर होता है. इस में गोताखोर के चेहरे पर मास्क पहनाए जाते हैं जो उसे पानी के अंदर सांस लेने में मदद करते हैं. स्कूबा डाइविंग में आप समुद्र की अंदरूनी दुनिया से वाकिफ होते हैं जो अपनेआप में ही विस्मयकारी अनुभव है. यह ट्रेनर्स की मौजूदगी में सेफ्टी उपकरणों के साथ कराया जाता है.
कहां जाएं
अंडमान और निकोबार द्वीप : गहरे साफ पानी और समुद्री जनजीवन के लिए जाना जाने वाला यह द्वीप बैस्ट अंडरवाटर स्पोर्ट्स के लिए मशहूर है. यहां ऐसे ढेरों डाइविंग स्थल हैं जहां आप को स्टारफिश, औक्टोपस, स्कौर्पियन फिश और कोरल रीफ्स जैसी वैराइटीज देखने को मिलती हैं.
द वाल, किनके आइलैंड और फिश रौक जा कर आप स्कूबा डाइविंग कर सकते हैं. यहां 5 हजार से 10 हजार रुपए के बीच में स्कूबा डाइविंग कराई जाती है.
पुदुचेरी : यहां का कोरल शार्क्स रीफ स्कूबा डाइविंग के लिए बेहद ही खूबसूरत और रोमांचभरी जगह है. खूबसूरत इसलिए क्योंकि यहां का समुद्र तल रेतीला है व कोरल रीफ्स सुंदर, रोमांचकारी इसलिए क्योंकि डाइविंग की गहराई 5 मीटर से 25 मीटर के मध्य है.
यहां डाइविंग करने का अच्छा समय मार्च और अक्तूबर है जब पानी ठंडा व शांत होता है. स्कूबा डाइविंग करने के लिए आप को प्रतिव्यक्ति 3,500 से 6,000 रुपए के बीच खर्च करने होंगे.
गोवा : गोवा केवल अपने बीचेस और पार्टीज के लिए ही मशहूर नहीं हैं, बल्कि यह एडवैंचर स्पोर्ट्स के लिए भी लोगों में चर्चा का विषय बना रहता है. गोवा का ग्रैंड आइलैंड दुनियाभर में एडवैंचर के शौकीनों का पसंदीदा एडवैंचर स्थल है. यहां पहुंचने के लिए आप को नाव या फैरी से जाना होता है.
यहां का तापमान नवंबर और मार्च के महीने में परफैक्ट होता है, तो आप उस समय यहां जा सकते हैं. प्रतिव्यक्ति 4,000 रुपए में स्कूबा डाइविंग कराई जाती है. बताए गए रेट कमज्यादा हो सकते हैं.
रौक क्लाइंबिंग
भारत अपनी पर्वत शृंखलाओं को रौक क्लाइंबिंग, माउंटेनियरिंग और दूसरे एडवैंचर स्पोर्ट्स के लिए भलीभांति इस्तेमाल कर रहा है. रौक क्लाइंबिंग में व्यक्ति पर्वतों पर ऊपर की तरफ या साइड में चढ़ाई करता है. पर्वत या पत्थर प्राकृतिक भी हो सकते हैं और कृत्रिम भी. वह समय जा चुका है जब सभी को लगता था कि रौक क्लाइंबिंग केवल प्रशिक्षण प्राप्त ऐथलीट ही कर सकते हैं. अब युवा अपनी ताकत और शक्ति का मुआयना करने के लिए रौक क्लाइंबिंग के लिए आते हैं और इस एडवैंचर स्पोर्ट का मजा उठाते हैं. रौक क्लाइंबिंग के लिए टूरिस्ट किसी रौक क्लाइंबिंग अकादमी से शौर्टटर्म कोर्स के बाद रौक क्लाइंबिंग कर सकते हैं. इस के लिए विशेष उपकरण होते हैं जिन्हें वे खरीद सकते हैं और ट्रेनर्स की मदद से इस एडवैंचर का आनंद ले सकते हैं.
ये भी पढ़ें- कम खर्च में घूमें ऋषिकेश, जानें कैसे
कहां जाएं
हिमाचल प्रदेश : हिमाचल प्रदेश में कई पर्वत शृंखलाएं हैं जहां चोटी तक पहुंचने की इच्छा पर्यटकों को रौक क्लाइंबिंग की तरफ खींचती है. हिमाचल प्रदेश की पर्वत वैली रौक क्लाइंबिंग के लिए बहुत मशहूर है. यहां जाने का अच्छा सीजन मार्च से अक्तूबर है. पर्वत वैली शृंखला की ऊंचाई 5,319 मीटर है.
लेह : लेह का शेय रौक, रौक क्लाइंबिंग के लिए एक आदर्श गंतव्य स्थल है. लेह ट्रैवलिंग के लिए युवाओं में मशहूर है और यही कारण है कि यहां विभिन्न एडवैंचर स्पोर्ट्स को शामिल किया जाने लगा है. रौक क्लाइंबिंग के साथ ही रौक मूविंग भी पर्यटकों के लिए मजेदार स्पोर्ट है. जुलाई से सितंबर के बीच का समय यहां रौक क्लाइंबिंग के लिए बैस्ट है.
केरल : केरल स्थित पैथलमाला प्राकृतिक सौंदर्य के बीच रौक क्लाइंबिंग करने के लिए सब से अच्छा स्थान है. दक्षिण भारत में स्थित यह पर्वत शृंखला भारत की प्रमुख पर्वत शृंखलाओं में से एक है. यहां भीषण गरमी में जाने से बचें. जुलाई से अक्तूबर का समय यहां जाने के लिए बेहतर है.