खोए हुए विश्वास को दोबारा हासिल करना आसान नहीं. इस यात्रा में कई उतारचढ़ाव आते हैं. उतारचढ़ावों को कैसे फेस करें, आइए जानते है.

रेखा को जब पता चला कि उस के पति विनय का अफेयर कहीं चल रहा है, उस का चैन खत्म हो गया. आपस में काफी तनातनी हुई. रेखा ने विनय के बारबार माफी मांगने और फिर कभी वह गलती न करने का वादा करने पर बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हुए उसे माफ कर दिया. पर रेखा का कहना है कि वह फिर कभी विनय पर आंख बंद कर विश्वास नहीं कर पाई. विनय को भी यह पता है कि अब उन के बीच पहले जैसी बात नहीं रही है.

किसी भी रिश्ते में यह बात सब से दुखदाई होती है कि जब आप को पता चलता है कि आप को धोखा दिया जा रहा है. आप कई भावनाओं, जैसे गुस्सा, अविश्वास, अपराधबोध से भर उठते हैं. जिसे धोखा मिलता है, वह मूड स्ंिवग्स, अवसाद, भूख और नींद की कमी, नकारात्मक विचारों से प्रभावित हो सकता है, यहां तक कि उस की हर चीज में रुचि खत्म हो सकती है. उस के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पर फर्क पड़ सकता है. पूरे विश्वास की धज्जियां उड़ जाती हैं.

दोनों पार्टनर्स को यह समझना होगा कि स्थिति को संभालने में काफी समय लगेगा और दोनों को ही धैर्य से काम लेना होगा. कुछ कपल्स में चीटिंग के बाद फौरन ब्रेकअप हो जाता है, पर कुछ में अपने पार्टनर के लिए बहुत मजबूत भावनाएं होती हैं. अपने भावनात्मक जुड़ाव के कारण वे इस रिश्ते को एक मौका और देना चाहते हैं.

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बहुत से लोगों को व्यक्तिगत थेरैपी की जरूरत होती है और उन्हें इस बात की बड़ी चिंता होती है कि वे एक बार का खोया विश्वास दोबारा हासिल कर पाएंगे या नहीं. यह जानना अजीब तो लग सकता है पर इस बात की सौ फीसदी गारंटी नहीं दी जा सकती कि अब उन का पार्टनर कभी चीटिंग नहीं करेगा.

कई मामलों में यह भी देखने को मिला है कि पार्टनर समझौते के बाद भी चीटिंग करता रहा है. ऐसे समय में एक स्पष्ट निर्णय ले लेना चाहिए कि रिश्ता जारी रहे या इसे खत्म कर दिया जाए. कई बार तो पार्टनर को यह पता ही नहीं होता कि उस ने अपने पार्टनर को धोखा दिया क्यों है. कुछ कहते हैं कि यह किसी भावना के बिना बिलकुल वन नाइट स्टैंड था. कुछ का कहना है कि उन का विवाह बहुत छोटी उम्र में हो गया. वे कुछ और अनुभव भी चाहते थे. कुछ बच्चों के जन्म के बाद जीवन में आए परिवर्तनों को कारण बताते हैं.

टिप्स जो बनाएं विश्वास

कुछ को अपने पार्टनर के साथ चीटिंग करने के बाद बहुत अफसोस होता है और वे इस गलती को सुधारने के लिए काफी कोशिश भी करते हैं. विश्वास दोबारा पाने में बहुत मेहनत और कोशिश करनी पड़ती है. यदि दोनों पार्टनर्स रिश्ते को बचाना चाहते हैं तो ये बातें उन की मदद कर सकती हैं :

संवादहीनता के कारण कई बार रिश्ते टूटने लगते हैं. चीटिंग के मामले में पार्टनर्स को एकदूसरे से ईमानदारी से बात करनी चाहिए और हर तरह से डर, संदेह व चिंता पर फ्री हो कर बात करनी चाहिए.

लड़ते हुए भी एक बात याद रखें. अतीत की बात को ज्यादा न खींचे. वर्तमान में रह कर सोचें और भविष्य के संदेहों में न घिरे रहें. वर्तमान में रहने का सम्मिलित प्रयास करना होगा. दोनों पार्टनर्स को एक बार फिर रिश्ता बनाए रखने के लिए मिल कर फोकस करना होगा.

खुद को दोष देने की भावना न रहे, आत्मविश्वास बना रहे. चीटिंग करने वाले पार्टनर को यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि गलती उस की है, उस के पार्टनर का दोष नहीं, जिस से उस का पार्टनर खुद को दोषी मान आत्मसम्मान न खो रहा हो.

चाहे कितना भी गुस्सा आए, एकदूसरे को शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक हानि न पहुंचाएं. इस समय विश्वास बनाना है और एकदूसरे के सम्मान का ध्यान रखना है. दोनों पार्टनर्स का अपनी प्राइवेसी पर अब भी पूरा हक है. चौबीसों घंटे एकदूसरे पर नजर रखना, शक करना, सवाल पूछते रहना दोनों पार्टनर्स को चिड़चिड़ाहट से भर सकता है.

याद रखें, कोई भी इंसान या रिश्ता परफैक्ट नहीं है. एकदूसरे में कमियां ही न निकालते रहें. यही बारबार न खोदते रहें कि यह हुआ क्यों.

चीटिंग करने वाला पार्टनर साफसाफ बात करे और अपनी हरकत की जिम्मेदारी ले. सच्चे दिल से माफी मांग कर वह पार्टनर का दुख कम कर सकता है. उसे यह समझ लेना चाहिए कि उस की चीटिंग का पता चलने पर उस का पार्टनर कुछ महीनों तक ऐसे ही व्यवहार करेगा. उसे धैर्य रखना है. कभीकभी उस का हाथ पकड़ लेना या उसे गले लगाना भी बहुतकुछ कह जाता है.

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उसे स्पेस दें, उस का सम्मान करें, छोटेछोटे प्रौमिस न करें, झूठे वादों से परहेज करें.

खोए हुए विश्वास को दोबारा हासिल करने की यात्रा में कई उतारचढ़ाव आएंगे. यह एक चुनौतीभरा काम है. आत्मनिरीक्षण और सही सोच के साथ इसे शुरू करना है. स्पष्ट निर्णय लें. अनिश्चय की स्थिति में रहने से ज्यादा तकलीफ होती है और कभीकभी साथ रहना असंभव हो जाता है. कभीकभी एकदूसरे से कुछ ब्रेक लेना भी ठीक रहता है.

फिर भी, जब कभी दोनों पार्टनर्स साथ रहने और खोया विश्वास दोबारा पाने की कोशिश करते हैं, तो यह दोनों के लिए बहुत लाभदायक फैसला होता है. इस प्रक्रिया में काउंसलिंग या साइकोथेरैपी से प्रोफैशनल हैल्प लेना भी अहम होता है.

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