नोज रिंग फौर मैन! चौंक गए? अरे, यह सुनकर आप तो लगे नाक-भौं सिकोड़ने! हो सकता है आपको यह एक बड़े हद तक ‘गर्ली थिंग’ लगे. पर आजकल यही ट्रेंड फैशन की दुनिया में यह ‘इन’ है. फिलहाल यह ट्रेंड मौडलिंग की दुनिया और शो बिजनेस से जुड़े लोगों तक ही सीमित है. मजे की बात यह है कि फैशन की दुनिया में ताल से ताल मिलाकर चलनेवाली लड़कियों के लिए भी यह बहुत ही ‘कूल’ है. लड़कियों द्वारा इस ट्रेंड का स्वागत करने के बाद जल्द ही यह चलन में जाएगा.

पिछले साल पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश जिन मलिक ने नोजपिन के साथ अपनी एक पिक्चर इंस्टाग्राम में पोस्ट की थी. तब से फैशन की दुनिया ने नोटिस तो किया था. इसके बाद एक के बाद एक लेनी क्रेवित्ज, जेमी कैंपबेल, टुपाक शकुर, जस्टिन बीबर, क्रिस ब्राउन रैपर और पौप सिंगर इस कड़ी से जुड़ते चले गए. जहां तक भारत का सवाल है तो बौलीवुड हंक और जेन एक्स के ट्रेंड सेटर रणवीर सिंह ओफिसियल इंडिया नामक पत्रिका के कवर पेज में नोज पिन के साथ दिखे. मुंबई में काला घोड़ा फेस्टिबल के दौरान स्टेज पर आयुष्मान खुराना को नोज स्टड के साथ देखा गया. वैसे भारत में रणवीर सिंह और आयुष्मान खुराना से पहले अक्षय कुमार का नोजस्टड अवतार सामने आ चुका है.

कोई आठ-दस साल पहले मैन ज्वेलरी का ट्रेंड शुरू हुआ था. हालांकि तबभी क्लासिक मैन शोवनिज्म के हिमायतियों ने फैशन की दुनिया के इस नए ट्रेंड को अपनाने में झिझक थी. लेकिन धीरे-धीरे इसे स्वीकार कर लिया गया. दरअसल, मैन्स ज्वेलरी शब्द में एयररिंग के कारण इसे स्वीकार करने में झिझक थी, वरना आमतौर पर कड़े से लेकर ब्रेसलेट, अंगूठी, कफलिंक, चेन पहनने से किसीको कभी कोई गुरेज नहीं रहा था. पर धीरे-धीरे इयररिंग / इयरस्टड को भी इस तर्क के साथ स्वीकार कर लिया गया कि पुराने जमाने में राजा-रजवाड़े-सामंत ऐसे जेवर पहना करते थे. इससे आभिजात्य का एक एहसास होता है.

आजकल हौलीवुड से लेकर बौलीवुड में नोजपिन या नोजस्टड का चलन चल पड़ा है. फिर वह अभिनेता हो या गायक – हर कोई अपने ‍फंकी लुक के लिए नोजस्टड / नोजपिन को बड़े ही शिद्दत के साथ कैरी कर रहा है. इयररिंग ने पुरुषों के बीच अपनी जगह एक बड़े हद तक बना ली है. लड़कों के नोज पिय‍रसिंग को लड़कियों ने बहुत बड़े कूल अंदाज में स्वीकार किया है.

लड़कियों की पसंदीदा ज्वेलरी अचानक लड़कों के बीच इतनी लोकप्रिय आखिर क्यों और कैसे हो गयी? दरअसल, यह ट्रेंड अभी फैशन-म्युजिक-अभिनय की दुनिया से निकल कर समाज के जेन एक्स तक पहुंच चुकी है. लेकिन इसके औपचारिक रूप से ज्यादा बढ़त नहीं मिलेगी. कुछ तो इस फैशन ट्रेंड को पानी का बुदबुदा ही मान रहे हैं. अभी-अभी कौलेज में कदम रखनेवाले प्रांजल पटनायक का कहना है कि दफ्तर या कामकाजी दुनिया में इसे कभी एंट्री नहीं मिलेगी. इयर पियरसिंग तक तो ठीक है, लेकिन नोज पियरसिंग बड़े पैमाने पर स्वीकार नहीं होगा.

बावजूद इसके बंगाल के संस्कारी परिवार से ताल्लुकात करने वाले टेक्नोलोजी के दूसरे वर्ष के छात्र रजत मजूमदार का मानना है कि नोजपिन को फैशन स्टेटमेंट के तौर पर स्वीकारना सबके वश का नहीं होगा. इयररिंग से यह बराबरी नहीं पर पाएगा. वहीं वेब डिजाइनिंग का कोर्स करने वाले राजदीप गोयल का कहना है कि हडप्पा-मोहनजोदाड़ों सभ्यता के दौरान महिलाओं की ही तरह पुरूषों में नाक में जेवर पहनने का चलन था. इसके अलावा भारत में बहुत सारे आदिवासी जाति व जनजाति समुदाय के बीच यह ट्रेंड है.

इसीलिए इस ट्रेंड को ‘गर्ली थिंग’ कह कर इस फैशन ट्रेंड की आलोचना करनेवालों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तर्क यह दिया जा रहा है कि लड़कियां अगर जिन्स या चिनोस पहन सकती हैं, स्पोर्ट्सशूज कहन सकती हैं तो हम नोजपिन क्यों नहीं कैरी कर सकते हैं? इस ट्रेंड से प्रभावित होकर हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई थी. यह पोस्ट मुंबई के लड़के का था, जिसमें उसने लिखा था कि अपनी मां के ज्वेलरी बौक्स से उसने नोजपिन निकाल पहना है. इस पोस्ट में लाइक की बाढ़ उमड़ पड़ी थी. 

बहरहाल, अब सवाल यह है कि कैसा नाक इस नए ट्रेंड के लिए सही होता है? जाहिर है नुकीले नाक में नोजपिन हो या नोचस्टड फबते हैं. साथ में इस ट्रेंड को कैरी करने लायक स्मार्टनेस भी जरूरी है. ढीलीढाली पर्सनलिटी में यह बिल्कुल नहीं जचेंगा.

जहां तक मौके का सवाल है तो ग्रूमिंग एक्सपर्ट शुभम बसु का कहना है कि रोजमर्रा के दिनों में कभी-कभार डेमिन के साथ काले रंग का स्टड पहना जा सकता है. यह एथनिक लुक देगा. हां, खास मौके पर शेरवानी या चकटदार रंग के धोती-पैंट में भारी किस्म का नोजपिन पहना जा सकता है. पाटर्क्ष या कैजुअल वेयर के साथ मेटल पिन फबता है.

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