आईपीएल का खुमार सब पर छाया है, जिसके कारण सीरीज में हो रही हर छोटी बड़ी गतिविधी पर लोगों की पैनी नजर है. इसी बीच राजस्थान रौयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच हुए एक मैच में अश्विन ने राजस्थान रौयल्स के जोस बटलर को रनआउट किया जिसके बाद हर तरफ से उनकी किरकिरी हुई. बहुत से जानकारों ने इसे खेल भावना के विपरीत बताया.

क्या है पूरा मामला

असल में हुआ ये था कि किंग्स इलेवन के कप्तान अश्विन गेंदबाजी कर रहे थे और नौन स्ट्राइकर एंड पर थे राजस्थान रौयल्स के जोस बटलर. बटलर अपनी टीम के लिए एक अहम पारी खेल रहे थे. इसी बीच अश्विन अपने ओवर की आखिरी गेंद डालने के लिए दौड़ लगाई, अश्विन ने अंपायर को पार ही किया की बटलर अपनी क्रीज से बाहर निकल गए. जिसके बाद अश्विन से नौन स्ट्राइकर एंड की गिल्लियां उड़ा दी. विकेट के लिए अश्विन के अपील को अम्पायर ने मान लिया और बटलर आउट हो गए. बटलर ने 43 गेंदों में 69 रनों की पारी खेली. अपनी इस पारी में उन्होंने 10 चौके और 2 छक्के जड़ें. इस रन आउट को मांकडिंग रन आउट कहते हैं.

विवादों में अश्विन

बटलर को इस तरह से आउट करने पर अश्विन की काफी आलोचना हो रही है. कई दिग्गजों ने इसे खेल भावना के विपरीत बताया है.

क्या होता है मांकडिंग

इसमें नौन स्ट्राइकर एंड पर खड़े बैट्समैन को बौलर द्वारा गेंद फेंकने से पहले रन आउट कर दिया जाता है. इसमें जब गेंदबाज को लगता है कि नॉन-स्ट्राइकर क्रीज से बहुत पहले बाहर निकल रहा है तो वह नौन-स्ट्राइकर छोर की गिल्लियां उड़ाकर नौन-स्ट्राइकर को आउट कर सकता है। इसमें गेंद रेकौर्ड नहीं होती लेकिन विकेट गिर जाता है.

कैसे हुई शुरुआत

सबसे पहले इस तरह का विकेट वीनू मांकड ने लिया था. उन्होंने औस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन को रन आउट किया था. यह घटना 13 दिसंबर 1947 की है. माकंड गेंदबाजी कर रहे थे और उन्होंने ब्राउन को क्रीज से बाहर निकलने पर रन आउट कर दिया. उन्होंने औस्ट्रेलिया-XI के खिलाफ उस दौरे पर दूसरी बार ब्राउन को ऐसे आउट किया था. इसके बाद औस्ट्रेलियाई मीडिया में इसकी काफी आलोचना की गई और इसे खेल भावना के विपरीत बताया था. पर तत्कालीन औस्ट्रेलियाई कप्तान डौन ब्रेडमैन ने इसका समर्थन किया था.

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