राजनीति की रणभेरी अब बज चुकी है. 2019 का आम चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनो के लिये ही जीने मरने का सवाल बन गया है. 3 राज्यों में मिली जीत से कांग्रेस में उत्साह है. वह इस उत्साह को पार्टी और वोटर दोनो के लिये प्रयोग करना चाहती है. यही वजह है कि कांग्रेस ने भी प्रियंका गांधी को मैदान में उतार कर अपना सबसे अहम किरदार सामने कर दिया है. कांग्रेस के पक्ष में बन रही हवा को इस ‘मास्टर स्ट्रोक’ से केवल चुनावी लाभ ही नहीं मिलेगा बल्कि चुनाव के बाद उपजे हालात में नये तालमेल बनाने में भी सहायता मिलेगी. ‘शाहमोदी’ खेमे में भी इससे बेचैनी हो गई है. ऐसे में एक बार फिर से प्रियंका गांधी को लेकर नयेनये मैसेज वायरल होने लगे हैं.

12 जनवरी को जन्मी प्रियंका गांधी 47 साल की हो चुकी हैं. जनता उनमें पूर्व प्रधनमंत्री इंदिरा गांधी की छवि देखती है. इसी वजह से वह हमेशा ही कांग्रेस की स्टार प्रचारक मानी जाती रही हैं. समय समय पर कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता प्रियंका के राजनीति में आने को लेकर मांग भी करते रहे हैं. कई चुनावों में प्रियंका ने अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के चुनाव प्रचार में हिस्सा भी लिया है. अभी तक प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली सीटों पर ही प्रचार अभियान को संभालती रही या फिर पर्दे के पीछे रहकर काम करती रही हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका को राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है. पहली बार प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली से बाहर निकल कर चुनाव प्रचार करेंगी.

आकर्षक व्यक्तित्व की धनी

लोकसभा में सबसे ज्यादा सीटे होने के कारण उत्तर प्रदेश बहुत अहम हो जाता है. उम्मीद की जा रही है कि प्रियंका अपनी मां की संसदीय सीट रायबरेली से चुनाव भी लड़ेंगी. प्रियंका का लम्बा छरहरा कद छोटे बाल और साड़ी पहनने का लुक उन्हें दादी इंदिरा के करीब लाता है. वह 5 फिट 7 इंच लंबी हैं. अपने परिवार में वह सबसे लंबी महिला हैं. प्रियंका के अंदर संगठन की क्षमता, राजनीतिक चतुराई और वाकपटुता सबसे अलग है. लोगों से बात करते समय खिलखिला कर हंसना और अपनी बात बच्चों की तरह जिद करके मनवाने की कला प्रियंका को दूसरों से अलग करती है.

सौम्य सहज और आत्मीय दिखने वाली प्रियंका जरूरत पडने पर अपने तेवर तल्ख करना भी जानती हैं. इससे कार्यकर्ता अनुशासन में रहते हैं. वह देश के सबसे बड़े सियासी परिवार की होने के बाद भी सियासी बातें कम करती हैं. विरोधी दल के नेता उनके बारें में कुछ भी कहे पर वह कभी इन नेताओं पर कमेंट नहीं करती. कभी मीडिया कमेंट के लिये कहती भी है तो वह मुस्कुराकर बात को टाल जाती हैं.

उत्साह में है टीम कांग्रेस

प्रियंका को लेकर कई तरह के नारे कार्यकताओं के बीच बहुत मशहूर हैं. इनमें ‘अमेठी का डंका बेटी प्रियंका’ और ‘प्रियंका नहीं यह आंधी है नये युग की इंदिरा गांधी है’ सबसे खास है. 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रियंका जब 2012 के विधनसभा चुनाव में प्रचार के लिये आईं तो सबसे पहले इतने दिन बाद आने के लिये माफी मांगी. वह महिलाओं और बच्चों से बेहद करीब से बात करती हैं. उम्रदराज महिलायें जब उनका पैर छूने के लिये आगे बढती हैं तो वह रोक लेती हैं. उनका हाथ अपने सिर पर रख लेती हैं. प्रियंका गांधी के इस प्यार भरे व्यवहार से गांव की महिलायें निहाल हो जाती हैं कई कई दिन तक वह प्रियंका की बातें करती नहीं थकती हैं.

अमेठी रायबरेली में खूब चला जादू

2007 के विधनसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने अमेठी-रायबरेली क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया था. उत्तर प्रदेश के इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने पूरे प्रदेश की 402 विधानसभा सीटों में से 22 सीटें जीती थीं. अमेठी-रायबरेली क्षेत्र में कुल 10 विधानसभा की सीटे थीं. इनमें से 7 सीटें कांग्रेस ने जीत ली थी. इनमें बछरांवा से राजाराम, संताव से शिव गणेश लोधी, सरेनी से अशोक सिंह, डलमऊ से अजय पाल सिंह, सलोन से शिवबालक पासी, अमेठी से रानी अमिता सिंह और जगदीशपुर से रामसेवक कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये. 10 में से 7 सीटें जीतना कांग्रेस के लिये चमत्कार जैसा था कांग्रेस के लिये यह चमत्कार प्रियंका गांधी वढेरा ने किया था.

प्रियंका गांधी ने इसके पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रही अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव संचालन को संभाला था. 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी तक अपने को सीमित रखा था. प्रियंका के इस सहयोग से राहुल और सोनिया को पूरे प्रदेश में पार्टी के प्रचार का मौका मिला. इससे कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 22 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. प्रियंका गांधी को कांग्रेस का स्टार प्रचारक माना जाता है. इसी कारण उनको राजनीति में सीधेतौर पर उतरने की मांग कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के द्वारा होती रहती है. चुनावी राजनीति से दूर रहते हुये प्रियंका कांग्रेस का प्रचार करती रही हैं. प्रियंका गांधी की नजरे जनता से सम्पर्क का एक माध्यम है रायबरेली-अमेठी क्षेत्र के कई विधायक प्रियंका को राजनीति में लाने अपनी सीट छोडने की पेशकश कई बार कर चुके हैं कांग्रेस के बड़े नेता कहते हैं प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने का फैसला खुद उनको करना है.

परिवार है सपफलता की धुरी

प्रियंका गांधी की शादी राबर्ट वढेरा के साथ हुई है. उनके एक बेटा रेयान वढेरा और बेटी मिरिया वढेरा है. प्रियंका जब चुनाव प्रचार में जाती हैं तो आमतौर पर बच्चे उनके साथ होते हैं प्रियंका पौलिटिक्स के साथ अपने परिवार का पूरा ध्यान रखती हैं. वह अपनी मां और भाई के सहयोगी की भूमिका में अपने को रखती रही हैं. कई बार प्रियंका बिना कहे ही सारी बात कह जाती हैं. उनका यही अंदाज राहुल से जुदा लगता है. राहुल अपनी बात कहने के लिये भाषण का सहारा लेते हैं. वहीं प्रियंका गांधी जब नाराज होती हैं यह बात से सहमत नहीं होती तो उनके हावभाव से पता चल जाता है गुस्से में प्रियंका का चेहरा तमतमाकर लाल हो जाता है जानकार लोग कहते हैं ऐसे मौके कम ही आते है कार्यकताओं का गुस्सा कम करने के लिये प्रियंका अपनी मुस्कान का सहारा लेती हैं. अपने उपर भी गुस्सा हो जाती हैं. उनकी यह अदा देखकर कार्यकर्ता सबकुछ भूल कर वापस प्रियंका की बात सुनने लगते हैं. प्रियंका की यही सफलता विरोधी दलो के लिये सोचने का विषय बन जाता है. सभी दलों को लगता है कि अगर प्रियंका ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली तो उनके सामने मुश्किल खड़ी हो जाएगी.

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