राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ को भाजपा होली काऊ स्टेट मानती है. ‘होली काऊ’ यानि गाय को माता मानने वाले राज्य. इन तीनो ही राज्यों में भाजपा की सरकार है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, मणिपुर और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव के एक्जिट पोल बताते है कि ‘हौली काऊ’ यानि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में भाजपा को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है.
इस नुकसान का अंदाजा भाजपा को पहले से था यही वजह है कि भाजपा ने अपने विकास के मुददे को पीछे करके धर्म को चुनाव का मुद्दा बनाया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबसे अधिक प्रचार का मौका दिया. योगी इन चुनावों में सबसे अधिक चुनाव प्रचार करने वाले नेता रहे. राजस्थान चुनाव के ठीक पहले उत्तर प्रदेश में गौरक्षा को लेकर पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या ने चुनावी रंग में असर डालने का काम किया.
भाजपा के तमाम प्रयासों के बाद भी होली काऊ राज्यों में पार्टी का जनाधर खिसक गया है. संभव है कि किसी दल को बहुमत न मिलने के कारण भाजपा जोड़तोड़ कर सरकार बचाने में सफल भी हो जाये पर जिस तरह से भाजपा का जनाधर टूटा है उसका प्रभाव 2019 के लोकसभा चुनाव पर पडेगा.
एक्जिट पोल से यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है की हर राज्य में अकेले कांग्रेस ही भाजपा को चुनौती देती नजर आ रही है. केन्द्र में सरकार बनाने के लिये किसी भी दल के लिये सबसे जरूरी मैदानी राज्य ही होते है. यहीं से पार्टी उत्थान और पतन दोनों ही तय होता है. इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि लोकसभा की सबसे अधिक सीटें इन्हीं मैदानी इलाके के राज्यों से आती हैं.
गंगा यमुना नदियों का यह क्षेत्र कृषि बाहुल्य है. यहां गांवों में किसानों की परेशानियों को कम करने की जगह पर गोरक्षा के नाम पर परेशानियां बढ गई हैं. छुटटा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो गोरक्षा के नाम पर होने वाले झगड़े गांवों की शांंत व्यवस्था को खतरा बने हैं.
यह सच है कि एक बड़ा वर्ग इस तरह के झगड़ों से लाभ लेता है पर आम किसान इसमें परेशान हो रहा है. बुलंदशहर में मुख्य आरोपी योगेश राज को बचाने वाले भले ही बहुत हों पर गांव के आम लोगों को पुलिस परेशान कर रही है. ऐसे में लोगों को गौरक्षा के नाम से होने वाले झगड़ों से परेशानियां हो रही हैं.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में बडी संख्या में गांव के रहने वाले दलित और पिछडी जातियों ने कांग्रेस के पक्ष मे खडे होकर जो भरोसा जताया है वह कांग्रेस के लिये संजीवनी का काम कर रहा है. यह भरोसा एक बड़े जनाधार में बदल सकता है. आज लोगों को धर्म नहीं विकास चाहिये मोदी ने विकास के नाम पर जो छवि बनाकर 2014 का आम चुनाव जीता था. धर्म का सहारा लेकर 2019 में वह अपना जनाधर घटाने का काम कर रहे हैं. होली काऊ स्टेट राज्यों में पार्टी की हालत एक बागनी भर है. राम के राज्य उत्तर प्रदेश आते आते यह हालात और भी खराब हो जायेगी. अगर धर्म के नाम की राजनीति और अराजकता कम नहीं हुई तो 2019 में भाजपा के लिये आधी सीटें भी बचा पाना संभव नहीं होगा.