हमारा देश बाबा, पुजारी, तांत्रिक, हीलर, ओझा, फकीर, मौलवी और सत्संग व योगा की आड़ में कृपा बरसाने वालों के भरोसे चल रहा है. कोई समोसे की चटनी से चमत्कार का चूरन खिला रहा है तो कोई स्वदेसी का राग अलाप कर बनियागीरी कर रहा है. हालांकि इनसे भी ज्यादा खतरनाक ये बाबा, पुरोहित और तांत्रिक हैं जो हीलर/दुःख-दर्द निवारक का चोला पहनते हैं और अन्धविश्वासी लोगों की हर समस्या को सेक्स और रेप के जरिये दूर भगाने का स्वांग रचते हैं. जैसा कि महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ है.
सामने सेक्स करो, बच्चा होगा
महाराष्ट्र के ठाणे में खुद को हीलर बताने वाले एक बाबा योगेश कूपेकर की करमात तो देखिये. महाराज अपने शरण में आए भक्तों को संतानोत्पत्ति के नाम पर अश्लीलता की तमाम हदें पार करने के लिए जब तब उकसाते रहते थे. ऐसे में जब एक शादीशुदा और अन्धविश्वासी जोड़ा इनके पास निसंतान होने का दुःख लेकर आया तो उन्होंने 10,000 रुपये के पैकेज में बच्चा देने का वादा किया. हालांकि पैसा लेने के बाद उस दंपत्ति को जो तरीका बताया, वह सुनकर अच्छे अच्छे को शर्म आ जाए. लेकिन बाबा ठहरा बेशर्म. सो उसने फरमान सुनाया कि अगर अगर वे उसके सामने सेक्स करेंगे तो उन्हें संतान प्राप्त होगी. और इसके पीछे लौजिक यह दिया कि महिला के शरीर में कुछ समस्या है. जब वे उसके सामने सेक्स करेंगे तो वह उस कमी को पकड़ लेगा और उसके इलाज के बाद महिला गर्भवती हो जाएगी.
जब तक उन्हें होश आता वे ठग चुके थे. हालांकि बाद में इस दम्पति ने उस तथाकथित बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. केस लम्बे समय तक चला और आखिरकार कोर्ट ने हीलर को इस मामले में दस साल की सजा सुनाई है.
120 महिलाओं से रेप करने वाला तांत्रिक
इसी तरह का एक और बाबा पुलिस के हत्थे चढ़ गया है जो कहने को तो हरियाणा के फतेहाबाद जिले के एक बालकनाथ मंदिर में महंत था लेकिन उसका असली काम रेप करना था. यह तांत्रिक करीब 120 महिलाओं के साथ रेप कर चुका है और उनके वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग के जरिए उनसे पैसे भी ऐंठा करता था.
अमरपुरी उर्फ बिल्लू नाम का यह पुजारी प्रेतबाधा के नाम पर महिलाओं को फंसाता था और तंत्र विद्या के दौरान उन्हें नशीली दवा देता था. नशे की हालत में उनके साथ बलात्कार को अंजाम देता फिर उसका वीडियो बना लेता. इस से आजिज आकर जब एक महिला ने तांत्रिक बाबा के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया तब जाकर उसे अरेस्ट किया गया. लेकिन फिर उसे जमानत मिल गई.
बाद में जब उसकी करतूत दिखाता एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस सख्त हुई और उसके खिलाफ बलात्कार, आईटी एक्ट और ब्लैकमेलिंग की धाराओं समेत कई आरोपों में केस दर्ज किया गया. जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसके ठिकानों की छानबीन की तो उसके कब्जे से 120 वीडियो बरामद हुए जिनमें वह महिलाओं की अस्मत से खेल रहा था.
जलेबी बनाते बनाते बाबा बन गया
इस पूरे प्रकरण में दिलचस्प खुलासा यह हुआ कि फर्जी बाबा अमरपुरी 20 साल पहले पंजाब के टोहाना में जलेबी की दुकान चलाया करता था, बाद में वह तांत्रिक बन गया और एक मंदिर का महंत भी. दरअसल जितने भी देश में तथाकथित बाबा है, अमूमन सबका बीता कल खंगाल डालिए. कोई ट्रक ड्राइवर निकलेगा तो कोई ईंट भट्टा व्यापारी. कोई जलेबी बनता होगा तो कोई अपराधी.
ये सब दुनिया भर की अपराध की गलियों से गुजरते हुए मंदिरों को अपने छिपने का अड्डा बनाते हैं और देखते देखते लोगों के महान गुरु बन जाते हैं. इस पूरे घटनाक्रम में उनका शातिर जितना अहम है, उतना ही जनता का मूर्ख होना भी. वरना जो जनता सब्जी के ठेले पर एक किलो मटर भी छांट छांट और मोलभाव कर खरीदती है वह ऐसे फर्जी बाबाओं को इतनी आसानी से भगवान का अवतार कैसे मान लेती ? क्या यह आम लोगों की जिम्मेदारी नहीं है फलां बाबा का आगापीछा चेक करे. सोचने वाली बात है कि जब एक तांत्रिक के कहने पर 120 महिलाएं बहक सकती हैं तो इस देश के कोने कोने में ऐसे बाबाओं की लम्बी कतार है. ये क्या नहीं करते होंगे.
डीएनए में घुसा अंधविश्वास
देश के डीएनए में घर कर चुका यह अंधविश्वास जब तब खूनी वारदातों को अंजाम देने का कारण बनता रहता है. इसका खूनी खेल है कि थमने का नाम नहीं लेता. हाल ही में अक्टूबर, 2018 को बिहार के सीतामढ़ी में अंधविश्वास की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. जब अपने ही अंधविश्वास के चक्कर में आ गए और बेटे की चाहत में अपनी भाभी की बलि चढ़ा दी.
इसी तरह नागदा तहसील के हेड़ी गांव में रहने वाले 25 साल के युवक ने अंधविश्वास में तलवार से जीभ काटकर देवी को चढ़ा दी. कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने चार घंटे ओपरेशन कर जीभ वापस जोड़ी.
वहीं बेमेतरा के बेरला थाना इलाके में कुछ दिनों पहले अंधविश्वास के चक्कर में पोते ने पत्थर से सिर कुचलकर दादी की हत्या कर दी. फरवरी 2018 में भी तेलंगाना के हैदराबाद में एक शख़्स ने 31 जनवरी को एक बच्चे की बलि दे दी थी. एक तांत्रिक के कहने पर उस शख़्स ने चंद्र ग्रहण के दिन पूजा की और बच्चे को छत से फेंक दिया. गौरतलब है कि तांत्रिक ने उसे कहा था कि ऐसा करने से उसकी पत्नी की लंबे समय से चली आ रही बीमारी ठीक हो जाएगी.
बाबा नया, काम वही
दरअसल योगेश को इस बात का अहसास हो गया था कि संतान को लेकर दम्पति कुछ भी कर सकता है. इसी का फायदा उठाकर ये बाबा लोग अपनी हवस का खेल खेलते हैं. इसी से मिलते जुलते टोटके आसाराम से लेकर रामपाल तक और बाबा राम रहीम से लेकर वीरेंद्र दीक्षित तक अपनाते रहे हैं. फिर भी लोग हैं कि इनके भक्त बनने के लिए कतार में खड़े दिखते हैं. इस तरह से सिर्फ बाबाओं के नाम बदलते रहते हैं, शोषण और ठगी के कृत्य वही रहते हैं.
आधुनिक विज्ञान के इस दौर में हम पर अंधविश्वास कितना हावी है, इसका अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि अंधविश्वास के प्रभाव से पढ़े-लिखे लोग भी अछूते नहीं रहते हैं. जहां विज्ञान इतना आगे बढ़ चुका है और अंतरिक्ष में सैटेलाइट तक भेजे जा रहे हैं, वहां इंसानों की बलि दी जाती है और बेमतलब के रीति-रिवाज माने जाते हैं.
और तो और जब डॉ. दाभोलकर, गोविंद पानसरे और एमएम कलबुर्गी जैसे लोग इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनका ही गला घोंट दिया जाता है. जब तक हम खुद को और आने वाली पीढ़ी को वैज्ञानिक नजरिये से सोचना नहीं सिखाएंगे हालात नहीं बदलेंगे.