जेट एयरवेज के यात्रियों के लिए बुरी खबर है. एयरलाइन में वेतन कटौती और विभिन्न विभागों में छंटनी की आशंकाओं को लेकर जेट एयरवेज के पायलट और प्रबंधन के बीच विवाद बढ़ गया है. जेट एयरवेज ने कर्मचारियों से कहा है उसके लिए कंपनी को दो महीने से ज्यादा चला पाना मुमकिन नहीं है. पायलट समुदाय में मौजूद सूत्रों ने यह जानकारी दी. हालांकि, जेट एयरवेज ने 60 दिन से आगे एयरलाइन का कामकाज जारी नहीं रह पाने संबंधी खबरों को “गलत और दुर्भावनापूर्ण” बताया और हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत की खबरों को भी खारिज किया.
एयरलाइन में हैं 16 हजार से ज्यादा कर्मचारी
सूत्रों ने कहा कि जेट एयरवेज ने कर्मचारियों को बताया कि कैप्टन के लिये एक वर्ष का नोटिस पीरियड भी खत्म कर दिया जाएगा. वर्तमान में जेट एयरवेज में 16,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं. विमानन कंपनी ने कहा कि वह लागत खर्च को कम करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है.
नरेश गोयल के साथ हुई थी बैठक
पायलट सुमदाय के सूत्रों ने बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में कंपनी के शीर्ष प्रबंधन के साथ पायलट समेत अन्य कर्मचारियों की बैठक हुई थी. इसमें उन्हें बताया कि जेट एयरवेज की वित्तीय हालत खराब है और लागत को कम करने के लिए उनका सहयोग मांगा गया है. प्रस्तावित कदमों में वेतन कटौती भी शामिल है. इस बैठक में जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल, सीईओ विनय दुबे और डिप्टी सीईओ अमित अग्रवाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
बस 60 दिन चल पाएगी कंपनी
सूत्रों के अनुसार, प्रबंधन ने बैठक में कहा कि अगर लागत को कम करने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो कंपनी के पास 60 दिन से ज्यादा समय तक परिचालन करने के लिए पैसा नहीं है. जेट एयरवेज ने बंबई शेयर बाजार को बताया कि लागत को कम करने के साथ-साथ अधिक राजस्व के लिए कुछ कदम उठाए जा रहे हैं. जेट एयरवेज ने यह जानकारी बंबई शेयर बाजार द्वारा मीडिया में आई खबरों पर स्पष्टीकरण के जवाब में दी है. खबरों में कहा गया था कि विमानन कंपनी के लिए 60 दिन से ज्यादा परिचालन करना संभव नहीं है.