अपने और अपने परिवार का पेट पालने के लिए इंसान को न जाने क्याक्या काम करना पड़ता है. कोई नौकरी करता है, कोई व्यापार तो कोई ऐसा काम करता है, जिस से लोगों के चेहरे पर मुसकराहट आए. पाकिस्तान के कराची शहर में रहने वाले 35 वर्षीय मुराद अली का पेशा भी लोगों को हंसाने का है. दरअसल मुराद कराची जू में काम करते हैं. उन का काम है, रोज सुबह से शाम तक लगभग 12 घंटे के लिए लोमड़ी बन जाना. क्या हुआ जनाब? आप चौंक गए? जरा सोचिए जिस पेशे के बारे में सुन कर आप को हैरानी हो रही है उसी पेशे को बड़ी ही ईमानदारी के साथ मुराद निभा रहे हैं.
इस पेशे ने न केवल मुराद की पहचान बदल दी है बल्कि उन का नाम भी 12 घंटों के लिए मुराद अली से बदल कर मुमताज बेगम हो जाता है. मुमताज को दूसरे जानवरों की तरह ही पिंजरे में बंद कर दिया जाता है और उसे देखने के लिए 10 रुपए का टिकट लगता है. रोज हजारों लोग टिकट खरीद कर मुमताज को देखने आते हैं. सभी के मन में ढेरों सवाल होते हैं, ‘‘यह कैसे हुआ?’’, ‘‘क्या बचपन से ही मुमताज ऐसी है?’’, ‘‘मुमताज के घर वाले कौन हैं?’’ लोगों के इन सवालों का जवाब मुमताज को घुमाफिरा कर देना होता है, जो लोगों को हैरान कर दे. इतना ही नहीं, मुमताज के किरदार को हर रोज निभाने वाले मुराद अली को रोज भारीभरकम मेकअप करना होता है और खुद को देखने आने वाले हर दर्शक को अपने इस अजीबोगरीब शरीर की कहानी सुनानी पड़ती है. मुमताज कहानी सुनाते वक्त बताती है कि उस का जन्म 35 वर्ष पूर्व अफ्रीका में हुआ था और उसे खाने में फल, केक और जूस बहुत पसंद हैं. यह एक बनावटी कहानी होती है, जो मुमताज को दर्शकों को लुभाने के लिए सुनानी पड़ती है.
खैर, मुराद अली इस पेशे को करने वाले अकेले ऐसे इंसान नहीं हैं. कराची के जू में यह पिंजरा कई सालों से है और मुमताज के किरदार को अब तक कई आदमी निभा चुके हैं. खुद मुराद के पिता भी मुमताज बन चुके हैं, लेकिन 18 वर्ष पूर्व उन की मौत होने के बाद मुराद को घर वालों का पेट पालने के लिए इस पेशे से जुड़ना पड़ा. वैसे इस किरदार के लिए जू के निर्देशक मोहम्मद फईम खान को ऐसे पुरुष का चयन करना पड़ता है, जो अच्छी एक्टिंग कर सके, लोगों द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का जवाब दे सके और उन के द्वारा खुद को बनाया गया मजाक सह सकें. साथ ही उस पुरुष में 12 घंटे एक ही आसन में बैठने का स्टैमिना भी होना चाहिए और उसे कई सारी भाषाओं का ज्ञान भी होना चाहिए ताकि वह दर्शकों से बात कर सके.
मुराद अली अपने पेशे से बेहद खुश हैं. वह कहते हैं, ‘‘लोग मुझे देख कर हंसते हैं, तो मुझे लगता है मैं अच्छा काम कर रहा हूं. मेरा काम भी आसान नहीं है, लोगों को हंसाना एक कठिन काम है और इस काम को करने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं.’’
वैसे मुमताज के किरदार को निभाने वाला यह अजीब पेशा दुनिया भर में अकेला ऐसा पेशा नहीं जिसे सुन कर कोई चौंक जाए. और भी ऐसे पेशे हैं जिन्हें अजूबों की फहरिस्त में शामिल किया जा सकता है. आइए कुछ हम आप को बताते हैं
1. बैड वारमर्स
यहां बैड वारमर्स का आशय उन लोगों से है जिन्हें गरम पानी की बोतल के समान लंदन के कुछ होटलों में गैस्ट के बैड को गरम और कोजी बनाने के लिए उन के बिस्तर पर लेटने को कहा जाता है. इस के लिए बैड वारमर सर्विस देने वाले आदमी या औरत को गरम नाइट सूट पहनाया जाता है और गैस्ट के आने से पहले उस के बैड को गरम करने का काम सौंपा जाता है.
2. किराए का बौयफ्रैंड
आप ने सुना होगा कि कार, बुक, कपड़े, घर या इलैक्ट्रौनिक आइटम्स को किराए पर लिया जा सकता है लेकिन जापान में एक कंपनी (रेंटल करेशी टोकियो) है, जो रैंट पर बौयफ्रैंड देने का काम करती है. यह वैबसाइट लड़कों को किराए का बौयफ्रैंड बनने की जौब औफर करती हैं. इस के लिए लड़कों को वैबसाइट पर अपना प्रोफाइल बनाना होता है. लड़के अपने क्लाइंट्स खुद बनाते हैं. हर किसी का अपना रेट होता है और क्लाइंट से मिली फीस का कुछ हिस्सा उन्हें वैबसाइट चलाने वाली कंपनी को देना होता है.
3. पक्षियों को भगाने वाला पुतला
भारत के कई होटलों और किलों में आज भी जीवित आदमियों को पक्षियों को डराने के लिए पुतला बनाया जाता है. इन के हाथ में एक झंडा पकड़ाया जाता है और जैसे ही कोई पक्षी स्वीमिंग पुल या फाउनटेन एरिया में बैठा दिखता है, तो इन्हें उसे भगाना होता है.