हरभजन सिंह की खुशमिजाजी के सभी कायल हैं वे लंबे समय से टीम में नहीं हैं, आईपीएल में जिस टीम के साथ उन्होंने सालों बिताए, उस मुंबई इंडियन्स ने भी उन्हें रीटेन नहीं किया. चेन्नई ने उन्हें बेस प्राइस पर ही खरीदा तो भी वे अपने मिजाज के मुताबिक खुश ही रहे. साल 2018 के आईपीएल में भी उन्हें केवल कुछ ही मैचों में खिलाया गया लेकिन जब भी वे मैदान में दिके उन्हें खेल का मजा लेते ही देखा गया. इस साल वे काफी कूल और खुश भी नजर आए और अपने साथी खिलाड़ियों के साथ हर लम्हे में पूरे जोश के साथ नजर आए. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं उन्होंने अपने एक साथी क्रिकेटर की भी मदद की जो अपनी जिंदगी से लड़ रहा था.

भज्जी का यह रूप केवल उनके साथी खिलाड़ी के अलावा कोई नहीं जानता वे अपने साथियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. हरमन हैरी जिन्होंने भज्जी के साथ 1990 में पंजाब के लिए अंडर 16 क्रिकेट खेला था, हाल ही में अपनी आंतों में फिश्चुला के हो जाने से अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे थे.

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1990 के बाद हरभजन तो टीम इंडिया में जगह पाने में सफल रहे लेकिन हैरी का करियर उड़ान नहीं भर सका. लेकिन एक दिन हैरी ने मदद की उम्मीद में भज्जी को फोन लगा दिया. भज्जी ने फौरन ही उसकी मदद करने का फैसला कर लिया. भज्जी ने बताया, “ उसने किसी तरह से मुझसे संपर्क किया और अपनी तकलीफ दायक बीमारी के बारे में मुझे बताया. उसे पैसों की सख्त जरूरत थी. मैने उससे कहा कि वह बेझिझक औपरेशन करा ले और वादा किया कि मैं सारे जरूरी खर्च देख लूंगा. एक मानव जीवन से बढ़कर कुछ भी नहीं होता.” उन्होंने कहा, “मैने उससे कहा कि वह पैसे को भूल जाए और अपना अच्छे अस्पताल में किसी अच्छे डौकटर को दिखाकर औपरेशन कराए.

हरमन का हुआ सफल औपरेशन

आखिर हरमन हैरी को नांग्लोई स्थित राठी अस्पताल में उनका औपरेशन हुआ. उनका औपरेशन करने वाले डा. राठी ने कहा  “उनकी हालत काफी खराब होती जा रही थी और उन्हें तुरंत ही औपरेशन की जरूरत थी. उन्हें परफोरेशन पेरिटौनिटिस और एनट्रो्क्यूटेनियस फिश्चुला हुआ था जिसमें आंतों या पेट और चमड़ी के बीच असामान्य कनेक्शन विकसित हो जाता है जिसकी वजह से आंतो में से चीजें त्वचा के माध्यम से बाहर आने लगती हैं.”

हरमन हैरी के बारे में खुद हरभजन ने डा. राठी से बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि इलाज का सारा खर्च वे उठाएंगे उसकी चिंता वे न करें और इलाज पर ध्यान दें. बताया जा रहा है कि भज्जी ने पूरे इलाज में करीब ढाई लाख रुपये खर्च किए और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ व्यस्त कार्यक्रम होने के बावजूद हरभजन ने सुनिश्चित किया कि इलाज में कोई कसर न छूटे.

हरमन ने कहा, “मैं जीवन भर उसका (हरभजन) कर्जदार रहूंगा. उसने साबित किया है कि सच्ची दोस्ती क्या होती है. पिछले साल ही इलाज पर अपनी पूरी बचत खर्च करने के बाद मेरे पास बिलकुल भी पैसा नहीं बचा था. हरभजन एक मसीहा की तरह आया और उसने मुझे मौत के मुंह से निकाल लिया.”

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