केंद्र सरकार शून्य डाउन पेमेंट पर इलेक्ट्रिक कार उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रही है. इस कदम का मकसद 2030 तक देश को 100 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन वाला राष्ट्र बनाना है. प्रस्तावित योजना के तहत लोगों को महंगे पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन के उपयोग से जो बचत होगी, उससे वे इलेक्ट्रिक वाहन खरीद सकेंगे.

सीआईआई यंग इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अपनी तरह का पहला ऐसा देश हो सकता है, जो 100 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन करे. हम इस कार्यक्रम के लिए स्वयं पैसा जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हमें सरकार से एक रुपए की जरूरत नहीं है. हमें भारत के लोगों से एक रुपए के निवेश की जरूरत नहीं है.

गोयल ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, हम योजना पर काम कर रहे हैं. क्या हम वास्तव में मुफ्त में (जीरो डाउन पेमेंट) इलेक्ट्रिक कार दे सकते हैं और लोग पेट्रोलियम उत्पादों पर जो बचत हो, उससे उसके लिए भुगतान कर सकते हैं. नवप्रवर्तन संभव है, इसके लिए केवल खुले दिमाग की जरूरत है. आपको पैमाने के बारे में सोचने और ईमानदार होने की जरूरत है.

मंत्री ने कहा कि सड़क मंत्री नितिन गडकरी की अगुवाई में एक छोटा कार्यसमूह गठित किया गया है. इसमें पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर शामिल हैं. उन्होंने कहा, हम अप्रैल के पहले सप्ताह में बैठक कर रहे हैं और इस बात पर विचार करेंगे क्या भारत 2030 तक 100 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन वाला देश बन सकता है. हम इस पर गौर करने की कोशिश कर रहे हैं क्या हम कार बदलने के बाद सस्ती बिजली के उपयोग से ग्राहकों को जो बचत होगी, उसका लाभकारी तरीके से उपयोग कर सकते हैं.

पीयूष गोयल ने कहा, हम पैमाने के बारे में सोच रहे हैं. हम दुनिया का अनुकरण करने के बजाये अगुवाई करने के बारे में सोच रहे हैं. भारत दुनिया में पहला बड़ा देश होगा, जो उस पैमाने के बारे में सोचता है. गोयल ने एलईडी लाइट का उदाहरण दिया, जहां भारी मात्रा में निविदा से सरकार इन बल्बों की खरीद कीमत इस वर्ष में घटाकर 64.41 रुपए पर लाने में कामयाब हुई है, जो फरवरी 2014 में 310 रुपए थी.

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