एक्सिस बैंक की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं. बैंक की सीईओ शिखा शर्मा के कार्यकाल घटाने का अनुरोध के बाद एक तरफ उनके उत्तराधिकारी की खोज हो रही है. वहीं, दूसरी तरफ बैंक के बिकने की खबरें भी तेज हैं. एशिया के सबसे अमीर बैंकर एक्सिस बैंक को खरीदने के लिए बोली लगा सकते हैं. इसका जिक्र जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने एक रिपोर्ट में किया है. नोमुरा का दावा है कि एशिया के सबसे अमीर बैंकर उदय कोटक बैंक को खरीदने के लिए बोली लगा सकते हैं. यह उनके लिए शानदार मौका है. आपको बता दें, एक्सिस बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर बैंक है.

एक्सिस की लोन बुक कोटक से दोगुनी

जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का दावा है कि एक्सिस बैंक के पास कोटक महिंद्रा बैंक की तुलना में दोगुनी लोन बुक है. अगर दोनों बैंकों को मिला दिया जाए मतलब मर्जर कर दिया जाए तो लोक बुक काफी बड़ी हो जाएगी. साथ ही दोनों के पास इतनी ब्रांच होंगी जितनी अभी तक किसी बैंक के पास नहीं हैं. नोमुरा की यह रिपोर्ट एक्सिस बैंक के इस बयान के एक दिन के बाद आई है, जिसमें उसने कहा था कि शिखा शर्मा दिसंबर 2018 में पद छोड़ देंगी. उनका चौथा कार्यकाल जून से शुरू हो रहा है और सामान्य परिस्थिति में इसे मई 2021 में खत्म होना था, लेकिन अब वह 31 दिसंबर को खत्म हो जाएगा.

मर्जर की स्थिति में क्या?

अगर दोनों बैंकों का मर्जर होता है तो उसके बाद बनने वाले बैंक के पास 5,760 ब्रांच होंगी. इतनी ब्रांच देश के किसी प्राइवेट सेक्टर बैंक के पास नहीं है. ICICI बैंक के पास 4,860 ब्रांच हैं. मर्जर के बाद बैंक की लोन बुक 6.16 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी, जो HDFC बैंक की 6.31 लाख करोड़ की लोन बुक से कुछ ही कम होगी.

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रिजर्व बैंक का भी दबाव

नोमुरा की रिपोर्ट में बताया गया है कि कोटक के लिए एक्सिस बैंक को खरीदने का शानदार मौका है. क्योंकि, शिखा 9 महीने तक ही इसकी सीईओ रहेंगी. रिजर्व बैंक भी एक्सिस के बोर्ड पर दबाव बना रहा है. इसके साथ वह बैंकिंग इंडस्ट्री की बैलेंस शीट क्लीन करने की भी मुहिम चला रहा है. नोमुरा का कहना है कि मौजूदा शेयर प्राइस पर 2.15 का स्वाईप रेशियो ठीक होगा.

हिस्सेदारी कम करने में मिलेगी मदद

अगर दोनों बैंकों के बीच डील होती है तो इसका मतलब यह है कि एक्सिस बैंक के 2.15 शेयरों के लिए कोटक महिंद्रा बैंक का एक शेयर मिलना चाहिए. इस डील के बाद कोटक की हिस्सेदारी बैंक में अभी के 30 फीसदी से घटकर 17.6 फीसदी रह जाएगी. इससे दिसंबर 2018 तक बैंक में उन्हें अपनी हिस्सेदारी कम करने की शर्त को भी पूरा करने में मदद मिलेगी.

पहले भी हो चुकी है मर्जर पर बात

नोमुरा का कहना है कि एक्सिस बैंक ने ज्यादातर बैड लोन की पहचान पहले ही कर ली है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछली बार जब दोनों बैंकों के बीच मर्जर की बात हुई थी, उसके बाद से कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर ने एक्सिस बैंक को 30 फीसदी से आउटपरफौर्म किया. इसलिए उस समय की तुलना में डील अभी कहीं ज्यादा आकर्षक है

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