केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. हालांकि, ताजा जानकारी ये है कि सरकारी कर्मचारियों को इसी वित्त वर्ष से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी. वह भी वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा. सूत्रों की माने तो मोदी सरकार अगले साल होने वाले चुनाव से पहले इस मामले को सुलझाना चाहती है. अब खबर है कि सरकार न्यूनतम सैलरी 18 हजार के बजाए 21 हजार करने पर भी विचार कर रही है. उम्मीद है सरकार इसे जल्द से जल्द लागू कर सकती है. हालांकि, इस बीच खबर यह भी है कि सरकार की अगला वेतन आयोग खत्म करने की भी प्लानिंग है.

आएगा 'औटोमैटिक पे रिवीजन सिस्टम'

सूत्रों के मुताबिक सातवें वेतन आयोग के बाद अगला वेतन आयोग नहीं आएगा. यह बेहद चौंकाने वाली खबर है. सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारकों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में औटोमैटिक वृद्धि हो जाए. इस व्यवस्था को 'औटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम’ के नाम से शुरू किया जा सकता है. कर्मचारियों का मानना है कि वेतन वृद्धि की मौजूदा सिफारिशों से उनके लिए सम्मानपूर्वक जीना मुश्किल होगा. अब सवाल यह है कि सातवें वेतन आयोग की यह उलझन कब तक सुलझेगी.

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कब मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों को यह खुशखबरी इसी साल मिलेगी. हालांकि, अभी इसकी तारीख तय नहीं है. लेकिन, सैलरी अप्रैल 2018 से ही लागू माना जाएगा. दावा यह भी है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मिनिमम पे स्केल में 3000 रुपए की बढ़ोतरी होगी. यानी 18,000 रुपए के बजाय अब मिनिमम बेसिक पे 21,000 रुपए होगी.

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