1 अप्रैल से ई-वे बिल की व्यवस्था शुरू हो जाएगी. इस नई व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. आइये जानते हैं कि क्या है ई-वे बिल और इसे कब जनरेट करना होगा और किन्हें इसकी जरूरत पड़ेगी.
ई-वे बिल क्या है?
ई-वे बिल एक दस्तावेज है. 50 हजार रुपये से ज्यादा की कीमत का सामान व वस्तु ट्रांसपोर्टर के जरिये सप्लाई करने वाले लोगों के लिए यह बिल हासिल करना जरूरी होगा. वैसे तो यह एक राज्य से दूसरे राज्य में इस कीमत की वस्तु व सामान को ट्रांसपोर्ट करने के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ राज्यों में अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट के लिए भी यह अनिवार्य होगा. हालांकि 50 हजार रुपये से ज्यादा के सामान के अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था धीरे-धीरे लागू होगी.
किन-किन चीजों के लिए ई-वे बिल जरूरी?
ई-वे बिल सभी उत्पादों के लिए जरूरी है. सिर्फ वे उत्पाद इसमें शामिल नहीं होंगे, जो नियम और सरकारी अधसूचना की बदौलत इससे बाहर रखे गए हैं. सरकार ने साफ किया है कि हैंडीक्राफ्ट सामान और जौब वर्क के लिए भेजे जाने वाले सामान के लिए कुछ विशेष परिस्थितियों में सामान की वैल्यू 50 हजार रुपये से कम होने पर भी यह बिल जरूरी होगा.
ई-वे बिल कैसे हासिल करें?
ई-वे बिल हासिल करने के लिए आप ewaybillgst.gov.in पर जाएं. अगर आप रजिस्टर्ड कारोबारी हैं और 50 हजार रुपये से ज्यादा का सामान कहीं भेज रहे हैं, तो आपको साइट पर पहुंचकर Part A का EWB-01 फौर्म भरना अनिवार्य है. वस्तु सप्लाई करने से पहले आपको ई-वे बिल प्राप्त करना जरूरी है. अगर सामान भेजने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड नहीं है और सप्लाई प्राप्त करने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड है, तो उसे Part A का EWB-01 फौर्म भरना होगा. दोनों ही के रजिस्टर न होने पर, सामान की सप्लाई करने वाले ट्रांसपोर्टर को यह फौर्म भरना होगा.
अगर कोई ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो वह जीएसटी कौमन पोर्टल पर खुद को एनरौल कर सकता है और अपने ग्राहक के लिए ई-वे बिल जनरेट कर सकता है.
ई-वे बिल के लिए जरूरी शर्त
ई-वे बिल जनरेट करने की पहली शर्त तो यह है की कारोबारी जीएसटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो. अगर ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसका ई-वे बिल पोर्टल https://ewaybillgst.gov.in पर एनरौल होना जरूरी है. इसके लिए उसके पास टैक्स एनवौइस, बिल या डिलीवरी चालान और वस्तु व सामान ट्रांसपोर्ट कर रहे ट्रांसपोर्टर की आईडी होना जरूरी है. इसके साथ ही ट्रांसपोर्टर डौक्युमेंट नंबर या व्हीकल नंबर होना जरूरी है.
ई-वे बिल की वैलिडिटी कितनी है?
ई-वे बिल की वैलिडिटी तय है. यह इस पर निर्भर करेगा कि कोई सामान या वस्तु कितनी दूरी तक ट्रांसपोर्ट किया जाना है. अगर सामान्य वाहन और परिवहन माध्यम से आप कोई 50 हजार रुपये से ज्यादा का सामान या वस्तु 100 किलोमीटर या उसके दायरे में भेज रहे हैं, तो ई-वे बिल एक दिन के लिए वैध होगा. वहीं अगर सामान ऑवर डायमेंशनल कार्गो व्हीकल से भेजा जा रहा है, तो हर 20 किलोमीटर और इसके दायरे में जा रहे सामान के लिए जनरेट हुए ई-वे बिल की वैधता भी एक दिन ही होगी.
वैलिडिटी कैसे कैल्कुलेट करें?
मान लीजिए आपने ई-वे बिल 00:04 पर 14 अप्रैल को जारी किया. ऐसे में पहला दिन 15-16 अप्रैल की मध्यरात्रि 12:00 बजे खत्म होगा. वहीं, दूसरा दिन 16-17 की मध्य रात्रि 12 बजे खत्म होगा. वहीं, अगर कोई ई-वे बिल 14 अप्रैल की 23.58 (रात के 11.58 बजे ) जनरेट किया गया है, तो पहला दिन 15-16 अप्रैल की मध्यरात्रि 12 बजे तक वैध होगा. वहीं, दूसरा दिन 16-17 अप्रैल की 12 बजे तक माना जाएगा.
वैलिडिटी को बढ़ा सकते हैं क्या?
ई-वे बिल की वैधता को कुछ खास परिस्थितियों में ही जैसे प्राकृतिक आपदा, कानून-व्यवस्था का मामला, दुर्घटना आदि कुछ वजहों से ही बढाया जा सकता है. हालांकि वैलिडिटी बढ़ाने के दौरान वजह की पूरी जानकारी देनी जरूरी है.
ई-वे बिल में कोई गलती होती है तो क्या?
अगर ई-वे बिल में किसी भी तरह की गलती हो जाती है, तो आप उसे सुधार नहीं सकेंगे. ऐसी स्थिति में आपको जिस ई-वे बिल में गलती हुई है, उसे रद्द करना होगा और नया ई-वे बिल जनरेट करना होगा.