विराट कोहली समेत कई बड़े खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में टी-20 ट्राएंगुलर सीरीज में भारत की शुरूआत तो खराब रही, लेकिन श्रीलंका से पहले मैच में हारने के बाद भारतीय टीम संभली और अगले तीनों मैच में उसने जीत हासिल की. बता दें कि भारत ने श्रीलंका को अगले मैच में 6 विकेट से हराया. इसके अलावा बांग्लादेश को पहले मैच में 6 विकेट से और दूसरे मैच में 17 रन से हराकर टीम इंडिया ने टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. अब शुक्रवार को बांग्लादेश या श्रीलंका में से जो टीम जीतेगी वो फाइनल में टीम इंडिया के सामने होगी.
टीम इंडिया को मिली पिछली दोनों जीत में स्पिनर वाशिंगटन सुंदर का रोल अहम रहा. देसी भाषा में कहा जाता है कि टी-20 में गेंदबाजी करने वाले स्पिनर के पास जिगरा होना चाहिए. भारतीय टीम की जीत के बाद हर किसी को अब इस बात पर विश्वास हो गया कि वाशिंगटन सुंदर के पास वही मजबूत जिगरा है. सुंदर ने इस सीरीज में अब तक भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 7 विकेट लिए हैं.
क्या है वाशिंगटन सुंदर की खासियत
टी-20 फौर्मेट में स्पिन गेंदबाजों की सफलता का मूलमंत्र है उनकी हिम्मत. वाशिंगटन सुंदर ने अब तक सीरीज में यही हिम्मत दिखाई है. उनका ध्यान बल्लेबाज को आउट करने पर रहा है. वो बल्लेबाज को ललचाते हैं. इस बात से कतई नहीं डरते कि कहीं बल्लेबाज उनकी धुनाई ना कर दे. बड़ी बात ये है कि उनका इकौनमी रेट सिर्फ 5.87 का है, जो बताता है कि टी-20 जैसे मुश्किल फौर्मेट में वाशिंगटन सुंदर ने कितनी किफायती गेंदबाजी की है. इस ट्राएंगुलर सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने के साथ साथ वो टीम इंडिया के सबसे किफायती गेंदबाज भी रहे हैं.
इस सीरीज में उन्हें पावरप्ले में गेंदबाजी कराई गई. पावरप्ले में बल्लेबाज स्पिन गेंदबाज पर ‘अटैक’ की पूरी कोशिश करता है, वाशिंगटन सुंदर ने इस बात से बगैर घबराए अपनी रणनीति से गेंदबाजी की और हर मैच के नतीजे में उनका रोल रहा.
बांग्लादेश के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने 4 ओवर में 22 रन देकर 3 विकेट लिए. वाशिंगटन सुंदर ने बांग्लादेश के टौप और्डर के तीन बल्लेबाज तमीम इकबाल, लिटान दास और सौम्य सरकार को पवेलियन भेजा. सुंदर के प्रदर्शन को देखते हुए फाइनल में एक बार फिर उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है.
बढ़ रही है भारतीय स्पिन आक्रमण की ताकत
वाशिंगटन सुंदर की कामयाबी का एक मतलब ये भी है कि भारतीय स्पिन आक्रमण की ताकत और मजबूत हो रही है. टीम इंडिया में आर अश्विन, यजुवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा जैसे स्पिन गेंदबाज पहले से ही हैं. हाल के दिनों में आर अश्विन और रवींद्र जडेजा को टेस्ट मैचों में जबकि यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को वनडे मैचों में ज्यादा मौका दिया गया है. टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली ने अपने स्पिन गेंदबाजों को ये भरोसा भी दिया है कि वो गेंदबाजी करते वक्त विकेट लेने पर ध्यान दें. रन अगर बनते हैं तो बनने दें. उनके इस विश्वास का ही असर है कि दक्षिण अफ्रीका में चहल और कुलदीप यादव की जोड़ी ने धूम मचाई. पूरी सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के पास इन दोनों गेंदबाजों का कोई तोड़ नहीं था. वाशिंगटन सुंदर भी इसी लिस्ट में जुड़ गए हैं. वो भी इसी रणनीति के तहत गेंदबाजी करते हैं.
इन स्पिनर्स के अलावा अक्षर पटेल भी हैं टीम इंडिया के साथ
इन सभी स्पिनर्स के अलावा अक्षर पटेल भी टीम इंडिया के साथ हैं. उन्हें प्लेइंग 11 में ज्यादा मौका नहीं मिल पा रहा है लेकिन वो भी अपनी स्पिन का जादू दिखाने को तैयार हैं. इन सभी स्पिनर्स के फिट रहने और फौर्म में रहने का सबसे बड़ा फायदा है कि अगले साल विश्व कप के लिए टीम इंडिया के पास स्पिनर्स की अद्भुत ‘वेराइटी’ है.
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