देश की सड़कें तो छोटी ही हैं पर उन से ज्यादा छोटे दिल सड़कों को इस्तेमाल करने वालों के हैं जो केवल अपनी सोचते हैं और अपने रोबदाब के आगे खुद की भी, दूसरों की भी जान पर खेलते हैं. देश में जितनी दुर्घटनाएं होती हैं उन में बड़ा हिस्सा युवाओं का होता है चाहे वे ड्राइविंग कर रहे हों या सड़क पर हों.

जो बात हरेक को मालूम होनी चाहिए कि चाहे सिनेमा में एंट्री हो या रेल का टिकट खरीदना हो, अपनी बारी का सब्र से इंतजार करें, युवाओं ने शायद पैदा होते ही यह आदत गंवा डाली. वे अगर स्कूटर, साइकिल पर आड़ेतिरछे, हो कर इंच भर जगह से निकलने की कोशिश करेंगे और कभी इस से टकराएंगे कभी उस से, कोई कुछ कह दे तो नारा होता है, ‘जो हम से टकराएगा, चूरचूर हो जाएगा.’ अगर चल रहे हैं तो न लालबत्ती का इंतजार करेंगे न डिवाइडरों का, जहां मुंह उठाया चल दिए. दूसरे परेशान हो रहे हैं तो होते रहें. सड़क के बीच रुक कर गपशप करना और स्कूटर, गाड़ी रोक कर हैलोहाय करना आम है. यहांवहां कहीं भी अपनी गाड़ी खड़ी कर देना, अगर इन्हें कोई रोके या कहे कि यहां पार्किंग नहीं है और आप के ऐसा करने से ट्रैफिक जाम हो जाएगा तो वे दोदो हाथ आजमाने से भी पीछे नहीं हटते. अगर चलते हुए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया तो यूथ कैसे कहलाएंगे. पैदल चलते हुए भी कानों में इयरप्लग लगे होंगे और ध्यान या तो बातों पर या गानों पर होगा. नतीजा दूसरों को परेशानियां.

अगर युवा 5-7 के झुंड में चल रहे हैं तो समझ लें कि मिल्कीयत का बदलाव हो गया. सड़क उन को अभी से विरासत में मिल गई और बाकी सब घुसपैठिए जो सरियों से पीटे जाने लायक हैं और इस के लिए युवा तैयार रहते हैं. गाड़ी चलाना सीखने से पहले मारपीट करना सीखा जाता है इस देश में और यह भी सड़क दुर्घटनाओं का कारण है.

सड़कों पर ट्रैफिक जाम सड़कों के संकरी होने के कारण तो है ही, सड़कों पर कतार में न चलना और दूसरों का खयाल न रखना भी है. आज का युवा बेचैन है और मर्दानगी सड़क पर ही दिखाता है चाहे खुद उसे ज्यादा भुगतना पड़े. बात अनुशासन की नहीं, अपनी सुविधा जुटाने की है. आप अगर ट्रैफिक या रोड एटीकेट छोड़ेंगे तो दूसरे भी छोड़ेंगे और अंतत: हरेक को परेशानी होगी. यह सोचना कि धौंस से कुछ जल्दी आगे निकल जाएंगे गलत है. आज इतना ट्रैफिक और इतनी नजरअंदाजी है कि चार कदम अगर जल्दी चल भी लिए तो आगे फंस जाओगे. सड़कें तो गर्लफ्रैंड की तरह हैं, उन्हें प्यार से, दुलार से रखोगे तो ही दिल खुश रहेगा. धौंस से काम लोगे तो वे रूठी मुंह बनाए रहेंगी.

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