आगामी 14-15 महीनों में देश भर की तमाम राशन की दुकानें औनलाइन यानी डिजिटल हो जाएंगी. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की तमाम दुकानों पर ‘प्वाइंट आफ सेल’ (पीओएस) डिवाइस लगाए जाएंगे. सरकार ने मार्च 2017 तक सभी दुकानों पर पीओएस लगाने का फरमान जारी किया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, पीडीएस की तमाम दुकानों पर पीओएस लगने के बाद फर्जी राशनकार्ड पूरी तरह यानी जड़ से खत्म हो जाएंगे.
इस मसले को ले कर केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने सभी सूबों को खत भी लिखे हैं. सूत्रों के मुताबिक, बीते पिछले 1 साल के दौरान करीब 60 हजार पीडीएस दुकानों पर पीओएस लगाए गए हैं. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की कोशिश है कि मार्च तक यह आंकड़ा डेढ़ लाख की तादाद तक पहुंच जाए. इस आंकड़े को छूने के बाद अगले 1 साल में पीडीएस की तमाम यानी करीब साढ़े 5 लाख दुकानों पर भी पीओएस लगा दिया जाएगा. इसे लगाने का खास मकसद खाद्यान्न के लीकेज पर लगाम लगाना है.
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय का कहना है कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अब तक जारी किए जा चुके सभी राशन कार्डों को औनलाइन करना बेहद जरूरी है और इस के बाद तो यही सिलसिला लोगों की जिंदगी में शामिल हो जाएगा यानी नए लोग तो सीधे औनलाइन ही राशन की दुकानों से जुड़ेंगे. विभाग के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, जैसे ही तमाम सूबे खाद्य सुरक्षा कानून लागू कर देंगे, वैसे ही सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली के तहत होने वाली खाद्यान्न की लीकेज काफी हद तक कम हो जाएगी यानी करीबकरीब बंद हो जाएगी.
ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि पीओएस के जरीए हर राशनकार्ड पर जारी होने वाले खाद्यान्न का विवरण वेबसाइट पर सार्वजनिक हो जाएगा. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सभी राशन कार्डों पर एक इलैक्ट्रोनिक कोड होगा. इस के जरीए पीओएस में राशन कार्ड पर जारी खाद्यान्न का ब्योरा कंप्यूटर के स्क्रीन पर आ जाएगा. साथ ही, अगर उस आधारकार्ड पर कोई और राशनकार्ड भी जारी हुआ है, तो इस का खुलासा भी हो जाएगा. पिछले 2 सालों में सरकार ने 61.43 लाख फर्जी राशनकार्ड रद्द किए हैं. इन से करीब 4200 करोड़ रुपए की सब्सिडी बची है. पिछले साल दिसंबर तक करीब 40 फीसदी राशनकार्ड आधारकार्ड से जोड़े जा चुके हैं.