रविवार, 14जनवरी को पूरे देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया गया. लोगों ने इस त्यौहार को मनाते हुए पतंगबाजी का भरपूर आनंद लिया. लोग दिन भर चाइनीज और शीशा युक्त व आयरन युक्त मांझे से दूसरों की पतंग काटते हुए खुशियां मनाते रहे. मगर किसी ने भी इस बात की परवाह नही की कि उनके द्वारा उपयोग किए जा रहे चाइनीज व शीशायुक्त मांझा के चलते पूरे देश में कितने पक्षियों की जान गयी, कितने पक्षी घायल हुए, इस पर किसी का ध्यान नहीं गया.
सिर्फ मुंबई के परेल स्थित ‘‘द बांबे सोसायटी फार प्रिवेंसन आफ क्रूएलिटी टू एनीमल’’ के अस्पताल में 14 जनवरी को 62 कबूतर, तोता, चिड़िया सहित 80 पक्षी बुरी तरह से घायल अवस्था में पहुंचाए गए. इस अस्पताल के लेफ्टीनेंट कर्नल डा. जे सी खन्ना ने कहा-‘‘हम हर बार सलाह देते हैं कि लोग शीशा युक्त मांझे का उपयोग करने की बजाय काटन/धागे वाले मांझे का उपयोग करे, पर कोई ध्यान नहीं देता. सिर्फ हमारे यहां अस्सी पक्षी आए, पूरे देश में इनकी संख्या कितनी हुई होगी, उसकी जानकारी नही. हमें तो यह भी नहीं पता कि शीशा युक्त मांझे से घायल कितने पक्षियों को डाक्टरी मदद नही मिली और उनकी मौत हुई.’’
उधर पक्षियों की इस दुर्दशा से अभिनेत्री सोनम कपूर भी काफी व्यथिति हैं. अपनी फिल्म ‘‘पैडमैन’’ का प्रमोशन करते हुए भी सोनम कपूर ने निजी हैसियत से कुछ पक्षियों को बचाया. सोनम कपूर उन अभिनेत्रियों में से हैं, जिन्होंने सबसे पहले छह वर्ष पहले ‘‘शीशायुक्त मांझे’’ को प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए महाराष्ट्र राज्य के गृहमंत्री को पत्र लिखा था. मगर उन्हें उनके पत्र का जवाब नही मिला. जबकि वह हर वर्ष अपनी इस मांग के साथ महाराष्ट्र सरकार के पास पत्र भेजती रहती हैं.
शीशायुक्त मांझा पर प्रतिबंध की चर्चा करते हुए खुद सोनम कपूर ने हमसे एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा-‘‘मैं हर वर्ष पत्र लिखती रहती हूं. मगर आज तक मेरे किसी भी पत्र का जवाब मुझे नहीं मिला. शीशा युक्त मांझे से ना सिर्फ पक्षी मरते हैं, बल्कि इस मांझे का उपयोग कर पतंग उड़ाने वाले इंसान भी घायल होते हैं.
कई बार शीशा युक्त मांझा से गला कटने के कारण लोगों के मरने की भी खबर आयी है. इसलिए सरकार को पूरी तरह से इस तरह के मांझे पर बैन लगाना चाहिए. इससे पतंग उड़ाने पर असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि पतंग उड़ाने के लिए कई तरह के दूसरे मांझे बाजार में हैं. पर पता नहीं क्यों सरकार कुछ कर नही रही है. मुझे भी पतंग उड़ाना पसंद है, मैं खुद इस तरह के मांझे से घायल हुई हूं.
मैं मानती हूं कि लोगों को हवा में उड़ती दूसरी पतंग को काटना बहुत पसंद है, पर उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि यह मांझा पक्षियों को मौत दे रहा है. आम इंसान भी मर रहे हैं. ऐसे में हर इंसान को उस पतंग उड़ाने के लिए उस मांझे का उपयोग करना चाहिए, जिससे पक्षी भी ना मरें और आम लोग भी. फिर किसी भी तरह के मांझे से पतंग उड़ाकर आनंद लिया जा सकता है. ’’