गुवाहाटी में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में रेस्तरां में खाने पर लगने वाला जीएसटी 18 से 5 प्रतिशत कर दिया गया था. जीएसटी रेट में किए गए बदलाव 15 नवंबर, 2017 से लागू हो गए. जीएसटी रेट घटने से वैसे तो खाना सस्ता होना चाहिए, लेकिन एक वजह से ऐसा होने में मुश्किल आ सकती है.
होटल व रेस्तरां में आपको जीएसटी तो 5 फीसदी ही देना होगा, लेकिन आपके बिल में ये फायदा शायद ही दिखे. जानिए आखिर क्यों जीएसटी रेट घटने के बाद भी आपको इसका फायदा मिलना मुश्किल दिख रहा है.
दरअसल एसी और नौन-एसी होटलों पर जीएसटी रेट तो 5 फीसदी कर दिया गया है, लेकनि होटल मालिकों से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ छीन लिया गया है.
वहीं, रेस्तरां मालिकों का कहना है कि जीएसटी 5 फीसदी करने के बाद भी इसका ज्यादा फायदा उन्हें नहीं मिल पाएगा. उनका कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा उनसे लिये जाने की वजह से उनकी जेब पर बोझ पड़ेगा. ऐसे में रेस्तरां मालिक इसका समाधान कीमतें बढ़ाकर निकाल सकते हैं.
नये बदलाव से नाराज कई रेस्तरां मालिक मेन्यू प्राइस में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी करने की तैयारी कर रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो ग्राहकों को जीएसटी के घटे स्लैब का फायदा नहीं मिल पाएगा.
हालांकि जब तक रेस्तरां ऐसा कोई फैसला नहीं लेते हैं, तब तक आम लोगों को घटे रेट का फायदा मिलता रहेगा. इसका मतलब है कि आपको सिर्फ और सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी रेट अपने बिल पर भरना होगा.
अभी तक नौन एसी रेस्टोरेंट्स में खाने पर 12% और एसी रेस्तरां में खाने पर 18% जीएसटी देना होता था. इसके साथ रेस्तरां मालिकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट भी मिलता था, लेकिन अब यह क्रेडिट नहीं मिलेगा.
हालांकि कुछ होटल हैं, जहां आपको अभी भी 18 फीसदी जीएसटी चुकाना होगा. अगर आप किसी ऐसे होटल में खाना खाने जाते हैं, जहां एक कमरे का किराया एक रात के लिए 7500 रुपये से ज्यादा है, तो यहां आपको 18 फीसदी जीएसटी रेट अदा करना होगा. इसमें ज्यादातर फाइव स्टार होटल आते हैं.
फाइव स्टार होटल के अलावा आउटडोर कैटरिंग पर भी 18 फीसदी जीएसटी आपको देना होगा. इस मामले में टैक्स स्लैब में कोई राहत नहीं दी गई है. हालांकि ये लोग इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा ले सकते हैं.