वक्त बदलने के साथ जितनी तेजी से बीमारियां बढ़ी हैं उतनी ही तेजी से इलाज का खर्च भी बढ़ा है. इन सब के अलावा बचा-कुचा काम बिगाड़ने के लिए मंहगाई है. कई बार तो इलाज का खर्च निकालने के लिए लोगों को अपना घर भी गिरवी रखना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दवाओं और औपरेशन के खर्चे के अलावा हमारी अपनी गलती से भी इलाज का खर्च बढ़ जाता है. इन कामों को करने से बचें और और अपने इलाज का खर्च कम करें.

नियमित रूप से जांच न करवाना

ये आदत ज्यादातर भारतीयों में है कि वे नियमित रूप से अपनी जांच नहीं करवाते हैं. पर नियमित रूप से अपने पूरे शरीर की मेडिकल जांच करवाना बहुत जरूरी है. इससे आपको दोहरा लाभ होगा. सही समय पर बीमारी पता लगने से आप जल्द से जल्द अपना इलाज करवा सकेंगे और इससे आपका खर्च भी थोड़ा कम हो जाएगा. बीमारी का पता जितनी देरी से पता चलता है, आपका स्वास्थय उतना ही गिरता है और आपकी जेब पर भी इसका भारी प्रभाव पड़ता है.

बीमा पालिसी की सही जानकारी न होना

आपने हेल्थ इंश्योरेंस ले तो लिया है पर बीमा लेते समय आपने पालिसी के कागजात ठीक से नहीं पढ़े, क्योंकि या तो आपको सब्र नहीं है या आपको पढ़ने की जरूरत महसूस नहीं हुई. पर बिना ढंग से पढ़े कोई भी बीमा ले लेना सही नहीं है. पालिसी के कागजात ढंग से नहीं पढ़ने के कारण आपको पालिसी की सभी शर्तों के बारे में पता नहीं चलेगा. ऐसे में जब आपको या आपके परिवार के किसी सदस्‍य को इलाज की जरूरत पड़ती है तब आपको पता चलता है कि किस-किस बीमारी को आपकी पालिसी में कवर नहीं मिलता है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप सारी जानकारियां जुटा कर ही मेडिकल इंश्योरेंस लें.

किसी लंबी बीमारी को छिपाना

अगर आप मेडिक्लेम कर रहे हैं तो आपसे फार्म में कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं. जिसमें आपसे आपकी बीमारियों और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी पूछा जाता है. इन सवालों का सही जवाब देना बहुत जरूरी है. बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं कि अपनी पुरानी बीमारी की जानकारी दिए बिना ही उनका काम चल जाएगा. अगर आपने कोई बात छिपाई है तो बीमा कंपनी वाले पता लगा ही लेते हैं, क्योंकि आपके द्वारा दी गई जानकारी को क्रौस-चेक भी किया जाता है. पर बेहतर इलाज के लिए अपने बारे में सारी जानकारी देना जरूरी है. सही जानकारी देने से आपको मेडिक्लेम भी आसानी से मिल जाएगा.

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