हमारे देश में पुराने समय से अनाज से तैयार होने वाली मिठाइयों का खूब प्रचलन रहा है. बालूशाही ऐसी मिठाई है, जिस का स्वाद बिना खोए के भी दिनोंदिन याद रहता है. बालूशाही जैसी खस्ता और स्वादिष्ठ मिठाइयां बहुत कम होती हैं. बालूशाही की एक खासीयत यह है कि इसे बिना किसी दूसरी चीज की मदद के लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. मैदा, घी और चीनी से बनी होने के कारण इस की कीमत भी कम होती है. आम लोगों से ले कर खास लोगों तक को बालूशाही बहुत पसंद आती है. गांवों और कसबों में शादी या दूसरे अवसरों पर लोग बालूशाही जरूर बनवाते हैं. इसे लेनदेन में भी बहुत इस्तेमाल किया जाता है. बालूशाही भारत के अलावा पाकिस्तान और दूसरे अरब देशों में भी बहुत मशहूर है.
लखनऊ में रहने वाले हलवाई दिनेश लाल कहते हैं, ‘बालूशाही को बनाना बहुत आसान होता है. इसे कोई भी कारीगर बना सकता है. इसीलिए बालूशाही सभी जगह मिल जाती है. कई दिनों तक खराब न होने के कारण सफर में जाने वाले लोग इसे लेकर जाते हैं.’ बालूशाही का रसीला स्वाद खाने वालों को दीवाना बना देता है. कुछ बड़ी मिठाई की दुकानों में देशी घी वाली बालूशाही बनती है. यह कीमत में ज्यादा भले ही होती है, पर इस का स्वाद मुंह में खुशबू और जायका दोनों को घोल देता है.
बालूशाही बनाने की सामग्री
500 ग्राम मैदे से बालूशाही बनाने के लिए 150 ग्राम घी मिलाने की जरूरत होती है. इन के अलावा आधा चम्मच बेकिंग सोडा, आधा कप दही, 600 ग्राम चीनी और बालूशाही को तलने के लिए जरूरत के अनुसार घी चाहिए होता है.