होते हैं बहुत खूंखार
यादों के जंगल
छिपी होती है इन में
बेशुमार जहरभरी यादें
जिन्हें हम भूल नहीं पाते
लाख चाह कर भी.
-हरीश कुमार ‘अमित’
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होते हैं बहुत खूंखार
यादों के जंगल
छिपी होती है इन में
बेशुमार जहरभरी यादें
जिन्हें हम भूल नहीं पाते
लाख चाह कर भी.
-हरीश कुमार ‘अमित’