रोमरोम अब है तुम्हारा

चाहे तो तसदीक कर लो

भले खुशियों में न करो

अपने गम में शरीक कर लो

बेजान सा दिल मेरा

धड़क उठेगा बेसाख्ता गर-

थाम कर हाथ मेरा

अपने दिल के नजदीक कर लो.

                   – डा. नीरजा श्रीवास्तव ‘नीरू’

 

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