मैं ने बीएससी प्रथम वर्ष के लिए ऐडमिशन फार्म मंगवाए थे. हम सभी बैठ कर उस कालेज की पत्रिका पढ़ रहे थे. तभी मेरा छोटा भाई कुछ सोच कर अचानक बोला, ‘‘दीदी, आप कितनी भी कोशिश कर लें, आप का ऐडमिशन इस कालेज में नहीं हो सकता.’’
हम सब ने हैरानी से पूछा, ‘‘क्यों?’’
उस ने तपाक से जवाब दिया, ‘‘यह तो महिला कालेज है और आप महिला नहीं, लड़की हो.’’ उस की बात का मतलब समझते ही हम खूब हंसे.
आरती जांगड़ा, भिवानी (हरियाणा)
मेरी पोती अनाया 5 वर्ष की है, ज्यादातर फोन वही उठाती है. एक दिन फोन पर उस से किसी ने कहा, ‘‘बेटा, अपने पापा से बात करा दो.’’ ‘‘वे नहीं हैं.’’ उधर से कहा, ‘‘अच्छा, अपनी मम्मी से बात करा दो.’’
अनाया ने कहा, ‘‘कौन सी मम्मी से बात कराऊं?’’
फिर उधर से पूछा, ‘‘तुम्हारी कितनी मम्मी हैं?’’ अनाया झट से बोली, ‘‘3 हैं.’’
शाम को अनाया के पापा अमित का दोस्त आया और बोला, ‘‘अरे यार, तेरी 3-3 बीवी हैं?’’ पहले तो अमित सकपकाया, फिर बोला, ‘‘अरे, यह बड़ी ताई को विशी मम्मी कहती है और मझली ताई को मणी मम्मी कहती है.’’
सभी घर में बैठे थे. यह बात सुन कर खूब हंसे.
राजरानी गोयल, जनपथ (न.दि.)
मेरी भांजी नन्नू नर्सरी कक्षा में पढ़ती है. एक दिन उस की मम्मी ने पूछा, ‘‘बेटा, डोमैस्टिक ऐनिमल्स के नाम बताओ.’’ नन्नू सोचने लगी तो उस की मम्मी ने हिंट देते हुए कहा, ‘‘वे जो घर में रहते हैं.’’
‘‘अच्छा मम्मी, पापा, दिद्दा…’’ तुरंत जवाब देते हुए, मुड़ कर अपने पापा से पूछा, ‘‘पापा, आप भी डोमैस्टिक हो ना?’’
वंदना, सहारनपुर (उ.प्र.)
बेटे के घर आई मीना कुछ दिनों बाद जब वापस जाने को तैयार हुई तो पोता गट्टू अपनी जिद पर अड़ गया और बोला, ‘‘दादी, आप न जाइए. आप यहीं रहिए.’’
बेटे की जिद को देख कर बहुत बोलने वाली बहू बोली, ‘‘दादी का घर तो लखनऊ में है, इसलिए वे यहां कैसे रह सकती हैं. उन्हें जाने दो.’’
इतना सुनते ही गट्टू तपाक से बोला, ‘‘आप का घर भी तो नानी का घर है. जब आप अपने बेटे के साथ रहती हैं तो दादी भी तो अपने बेटे के पास रह सकती हैं.’’
रेणुका श्रीवास्तव, लखनऊ (उ.प्र.)