घृणा
हम कुछ आदमियों से इसलिए घृणा करते हैं कि हम उन के बारे में पूरी तरह नहीं जानते और कभी जान भी नहीं सकेंगे, क्योंकि उन से हम घृणा करते हैं.
धारणा
पहली मुलाकात में ही किसी व्यक्ति के बारे में कोई निश्चित धारणा न बना ली जाए, क्योंकि बाद में उस पर अडिग नहीं रहा जा सकता.
गणित
अगर किसी का ध्यान इधरउधर बहुत भटकता हो तो उसे गणित पढ़ना चाहिए, जहां भी जरा ध्यान चूकेगा, फिर शुरू से पढ़ना होगा.
दुख
किसी ने ठीक ही कहा है कि उस दुख से बढ़ कर कोई दूसरा दुख नहीं है जो अपने को व्यक्त न कर सके.
चरित्र
दुश्चरित्र आदमी से न दोस्ती करो न जानपहचान. गरम कोयला जलाता है, ठंडा कोयला हाथ काले करता है.
गौरव
हमारा गौरव कभी न गिरने में नहीं है बल्कि गिर कर उठने में है.
रिवाज
रिवाज अकसर गलती के पुरानेपन के सिवा कुछ नहीं होते.
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सरिता से और