Husband Wife Relationship : सदियों से कहा जाता है कि पति और पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए हैं. यदि दोनों पहिए एक विचारधारा के हों तो जिंदगी बहुत खूबसूरत हो जाती है. वर्तमान में सोशल मीडिया, जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप आदि पर पत्नियों पर काफी सारे जोक्स प्रसारित किए जा रहे हैं. अधिकतर पति उन पर हंस रहे हैं. लेकिन क्या कभी आप ने अपनी पत्नी की दिनचर्या, उस के कामकाज के बारे में विचार-विमर्श किया है?
मैंने अपनी एक परिचित महिला रिश्तेदार से यूं ही पूछ लिया कि आप क्या करती हैं, कहीं जॉब करती हो या हाउसवाइफ हो? उन का उत्तर था, ‘मैं फुलटाइम वर्किंग वुमन हूं. सुबह-सवेरे मैं घर की अलार्म लॉक हूं. मैं घर की कुक, सर्वेंट, वेटर हूं. मैं बच्चों की टीचर हूं, घर में बूढ़े सास-ससुर की नर्स हूं. मैं घर की सिक्योरिटी हूं. मैं मेहमानों की रिसेप्शनिस्ट हूं. मैं शादी समारोह में सजधज कर जाने वाली मौडल हूं. मैं अपने पति की हीरोइन हूं. मेरा कोई हॉलिडे नहीं होता. मैं कोई वेतन, कोई महंगाई-भत्ता नहीं लेती हूं. इस के बावजूद मु झ से सभी लोग यही पूछते हैं कि सारा दिन तुम ने आखिर किया ही क्या है?’
यह व्यथा हाउसवाइफ के साथ-साथ कामकाजी महिलाओं की भी हो सकती है. कभी आप ने सोचा है कि कोई भी पति, चाहे वह बिजनेसमैन हो, नौकरी करता हो या कोई अन्य दूसरा काम करता हो, वह तो अपने तय समय से औफिस, दुकान या शोरूम जा कर अपना काम शुरू कर देता है लेकिन जरूरी नहीं है कि दुकानदार के पास दिनभर ही ग्राहक आएं.
प्राइवेट जॉब को अगर छोड़ भी दिया जाए तो सरकारी नौकरी में काम करने वाला कर्मचारी तो अपने काम करने के लिए जगप्रसिद्ध है ही लेकिन गृहिणी का काम तो अल-सुबह से ही शुरू हो जाता है.
पति की चाय, बच्चों को दूध-नाश्ता, सुबह का खाना, बर्तनों की सफाई, सब के कपड़े धोना, सुखाना और उन्हें प्रेस कर के रखना, घर की सफाई, बच्चों का होमवर्क और शाम होते-होते रात के खाने की तैयारी, फिर सब के सोने के पहले दूध, चाय, काढ़ा दे कर रात के खाने के जूठे बर्तन भी साफ करना शामिल होता है.
यह लिस्ट तकरीबन हर गृहिणी के लिए कॉमन है. इस के अलावा रविवार को जब सारा घर संडे की छुट्टी मनाता है तो वह बिना तनख्वाह वाली गृहिणी स्पेशल नाश्ता विद स्ट्रांग चाय की तैयारी में जुटी रहती है. उस के बाद उसे संडे का स्पेशल खाना भी बनाना है क्योंकि पति तो बेचारा 6 दिन काम कर के थका-मांदा आज सिर्फ आराम करेगा.
एक सर्वे के अनुसार भारतीय गृहिणी प्रतिदिन करीब 299 मिनट अपने परिवार के सदस्यों को अवैतनिक घरेलू सेवाएं देती है जबकि पुरुष ऐसे काम सिर्फ 97 मिनट्स करते हैं.
ठंड के मौसम में पति और बच्चों के गर्म कपड़े, रजाई, स्वेटर्स, कोट, जर्किन निकाल कर अलमारियों में रखना, ठंड के मौसम में आने वाले आंवला, हरी मटर व तमाम फलों को अगले मौसम तक प्रिजर्व करना, बरसात में पति व बच्चों के रेनकोट तैयार रखना ताकि बरसात से उन का बचाव हो सके. Husband Wife Relationship :





