Cooking With Love : किचन में रोमांस का अपना एक अलग रोमांच और मजा है लेकिन तभी जब पति कुकिंग में भी पत्नी का सहयोग करें. नए दौर के कपल्स किचन रोमांस से अछूते नहीं हैं क्योंकि अब यह परदे पर भी दिखता है और पन्नों पर भी नजर आने लगा है. इसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है, आइए देखें.

भाभी जी घर पर हैं टीवी सीरियल आमतौर फूहड़ कौमेडी के लिए कुख्यात है. यह और बात है कि इस में अकसर बौद्धिक कौमेडी के दृश्य और संवाद भी रहते हैं. इस धारावाहिक की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह इस का रोमांटिक होना भी है जिस के 2 मुख्य पात्र विभु और अनीता रोमांस में नएनए प्रयोग करते रहते हैं. घर का कोई कोना ऐसा न होगा जिस में ये रोमांस करते न दिखाए गए हों. किचन इस का अपवाद नहीं है. विभु चूंकि नल्ला यानी बेरोजगार दिखाया गया है, इसलिए घर के सारे कामकाज उसे ही करने पड़ते हैं. झाड़ूपोंछा और कपड़े धोने से ले कर खाना भी वही बनाता है. एक तरह से वह हाउस हसबैंड है. किचन रोमांस टीवी धारावाहिकों में अब बेहद आम है और कुछ हिंदी फिल्मों में, प्रतीकात्मक तौर पर ही सही, दिखाया गया है.

इन फिल्मों में अकसर नायिका सुबह उठ कर खुले और गीले बालों में रसोई में चाय, नाश्ता या खाना बना रही होती है और पीछे से नायक आ कर उसे गुदगुदाने लगता है या बांहों में समेट कर बेडरूम में ले जाता है.

हौलीवुड की कई फिल्मों में खुलेआम न सिर्फ किचन में रोमांस दिखाया गया है बल्कि कुछ फिल्मों में तो सहवास के दृश्य भी दिखाए गए हैं. मसलन, 1987 में नायक माइकल डगलस और नायिका ग्लेन क्लोज अभिनीत फिल्म `फैटल अट्रैक्शन` में दोनों किचन में ही अंतरंग हो जाते हैं. हिंदी फिल्म निर्माता कभी इतनी हिम्मत नहीं कर पाए क्योंकि धर्म और संस्कृति के चलते दर्शक तो दर्शक, सैंसर बोर्ड भी शायद इस जुर्रत को बरदाश्त न करता और कट लगा ही देता.

भारतीय समाज से संयुक्त परिवारों का रिवाज अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है लेकिन अब हो रहा है, तो किचन में रोमांस को स्वीकृति मिलने लगी है. ‘भाभीजी घर पर हैं’ के अलावा ‘तारक मेहता का उलटा चश्मा’ में केंद्रीय पात्र जेठालाल भी पत्नी दया से किचन में छेड़छाड़ और रोमांस किया करता है. ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘बधाई हो’, ‘चीनी कम’, ‘बागबान’ और ‘लंचबौक्स’ सरीखी दर्जनभर फिल्मों में इसी तरह का हलकाफुलका किचन रोमांस दिखाया गया है तो साफतौर पर यह सामाजिक बदलाव का भी संकेत है.

दरअसल, सिनेमा, साहित्य और पत्रिकाएं अहम इसलिए होते हैं कि वे आप के अंदर की उन इच्छाओं को सामाजिक स्वीकृति दिलवाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं जिन्हें पूरा करने में आप कोई दबाव महसूस कर रहे होते हैं. पारिवारिक जीवन में किचन रोमांस इन में से एक है.

शायद ही नहीं, बल्कि तय है इसीलिए दबाव से उबरते भारतीय कपल्स बेडरूम से निकल कर भी रोमांस करने लगे हैं क्योंकि घर के इस हिस्से यानी किचन में रोमांस का रोमांच ही अलग है. जहां अपनापन है, खाने की खुशबू है और रोमांस की अपनी सीमाएं भी हैं. हालांकि, नए दौर में किसी भाईभाभी, बहन या मांबाप के किचन में आने का खटका खत्म हो गया है. इस के बाद भी आमतौर पर कपल्स हदें पार नहीं करते और जब खुद पर काबू नहीं रख पाते तो बेडरूम का रुख कर लेते हैं. काबू न भी रख पाएं तो भी किचन में प्यार पकाना कतई हर्ज की बात नहीं. यानी, किचन स्वस्थ और हलकेफुलके से ले कर भारी रोमांस के लिए एक आदर्श जगह है जिस में रोमांस का एहसास और अनुभव ही अलग है जो ड्राइंगरूम और बाथरूम रोमांस से अलग है. इसे और अलग बनाता है पक रहा खाना और खाना बनाने में व्यस्त पत्नी जिस की झिड़कन और आमंत्रण में फर्क करना मुश्किल हो जाता है. यह एक पत्नी के अंदर की दबी इच्छा होती है कि पति किचन में उस के सामने रहे, उस का हाथ बंटाए, उस से बतियाए और साथसाथ रोमांस भी करता जाए. क्योंकि उस का अनुभव तो यही रहता है कि पिछली पीढ़ी तक के पति किचन में झांकना भी गुनाह समझते थे. वे सिर्फ और्डर चलाते थे और खाना खाना जानते थे. उस के बननेबनाने को एंजौय नहीं करते थे. फिर हाथ बंटाना तो उन के लिए तौहीन वाली बात होती थी. इस बदलते ट्रैंड में पति का रोल अहम हो चला है जो कुछ इस तरह से किचन रोमांस को परवान चढ़ा सकता है-

– रसोई पकाना अब सिर्फ पत्नी की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि पति की भी है, इसलिए वह किचन में पर्याप्त समय गुजारे.

– आजकल बड़ी तादाद में पतिपत्नी दोनों कामकाजी होते हैं, इसलिए आमतौर पर घर में कुक भी होता है और जिन घरों में नहीं होता वहां पति नाममात्र का भी काम करते नजर नहीं आता.

– सुबह की अपनी व्यस्तताएं होती हैं, भागादौड़ी रहती है, इसलिए किचन रोमांस और शेयरिंग का मुनासिब वक्त शाम का ही रहता है. वीकैंड इस के लिए और बेहतर साबित होगा क्योंकि अगले दिन काम और औफिस की चिंता नहीं रहेगी और बच्चे अगर हों तो उन के स्कूल जाने का झंझट भी न रहेगा.

– अगर आप की मंशा किचन में जा कर पत्नी को सिर्फ बांहों में उठा लेने, कमर में चिकोटी काट लेने, उसे किस कर लेने या हग करने की है तो यकीन मानें आप उस के लिए परेशानियां और झल्लाहट ही पैदा करेंगे. इसलिए पहले उस के काम में हाथ बंटाइए या एकाधदो कामों की जिम्मेदारी लीजिए और फिर इसी दौरान ये सब शरारतें करिए तो आप को बराबर रिस्पौंस मिलेगा.

– हाथ बंटाने का यह मतलब नहीं कि आप को कोई कुदाली-फावड़ा चलाना है बल्कि किचन के प्लेटफौर्म पर बैठ कर या फिर कुरसी डाल कर पत्नी की आंखों में आंखें डाले सब्जी काटना है और उस की खूबसूरती की तारीफ करते रहना है. इस दौरान आप को आटा गूंथने या सब्जी काटने जैसा कोई काम जो भी आता हो उसे करते रहना है. इस से काम तो आसान हो ही जाएगा, साथ ही, रोमांस में भी नईनई फीलिंग्स आप महसूस करेंगे.

– किचन में रोमांस के दौरान हलका रोमांटिक गीतसंगीत का भी तड़का लगाएं. इस से दोनों का मूड और बनेगा. मोबाइल फोन का साउंड अच्छा हो तो यूट्यूब पर गाने सुने जा सकते हैं नहीं तो आजकल बाजार में बजट वाले ब्लूटूथ स्पीकर इफरात से उपलब्ध हैं.

– किचन में कुछ वक्त गुजार कर ही किचन की परेशानियों और जरूरतों को समझा जा सकता है जैसे गरमी में वहां पंखा या एसी हो तो काम करने के साथसाथ रोमांस करने में भी आनंद आएगा.

– अपनेपन, लगाव और छुअन सहित जो दूसरे एहसास किचन में होंगे वे घर के किसी दूसरे हिस्से में नहीं होते क्योंकि ड्राइंगरूम में टीवी व मोबाइल में ध्यान बंटा रहता है. लिविंगरूम बड़ा होने के चलते रुकावटें पैदा करता है तो बाथरूम रोमांस की मियाद बेहद कम होती है. तो देर किस बात की, आज से ही किचन रोमांस शुरू करें जिस का सब से बड़ा फायदा पतिपत्नी में नजदीकियां बढ़ने का होगा. पत्नी को यह महसूस होगा कि नए दौर का पति किचन में भी उस का हाथ बंटाना चाहता है. खाना बनाना एक अलग अनुभव है, समझदार और बीवी को वाकई में प्यार करने वाले पति सारा भार पत्नी पर नहीं डालते. फिर, यहां तो कुकिंग के साथ रोमांस फ्री मिल रहा है. Cooking With Love

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