Laser Technology : आज भी देश में दूरदराज के कई इलाकों तक बिजली नहीं पहुंची है. कई इलाकों तक बिजली पहुंची भी है तो आंधी और बारिश के मौसम में बिजली के खंबों के गिर जाने के कारण महीनों तक बिजली गुल रहती है. क्या हो अगर बिजली के लिए खंबों और लंबी तारों की जरूरत ही न हो?
जून 2025 में अमेरिकी रक्षा अनुसंधान एजेंसी डीएआरपीए ने न्यू मैक्सिको में एक हैरतअंगेज कारनामा कर दिखाया है. डीएआरपीए ने लेजर तकनीक की मदद से 800 वौट ऊर्जा को 8.6 किलोमीटर दूर तक सफलतापूर्वक भेजने में सफलता हासिल की है. इस 30 सैकंड के प्रयोग में एक मेगाजूल से अधिक ऊर्जा भेजी गई है जो पहली बार हुआ है.
यह सफलता साबित करती है कि लंबी दूरी तक वायरलैस बिजली भेजना अब कोई सपना नहीं, बल्कि एक उज्ज्वल वास्तविकता है. एक शक्तिशाली लेजर और दूर स्थित विशेष प्रकार के रिसीवर का उपयोग कर के दुर्गम इलाकों तक भी बिजली पहुंचाई जा सकती है.
वायरलैस बिजली भेजने का यह सपना लगभग एक सदी से भी पहले महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने देखा था. उन्होंने ‘वर्ल्ड सिस्टम’ नामक एक विशाल टावर के निर्माण के माध्यम से दुनियाभर में वायरलैस बिजली वितरण की कल्पना की थी लेकिन पिछली सदी में हुए तमाम प्रयासों के बावजूद निकोला का यह सपना पूरा न हो सका. लेकिन अब डीएआरपीए ने इस अधूरे ख्वाब को पूरा करने में सफलता हासिल कर ली है. यह बिजली के आविष्कार जितना ही महत्त्वपूर्ण साबित होने वाला आविष्कार है.
आने वाले वक्त में हम एक ऐसी दुनिया की कल्पना कर सकते हैं जहां बिजली के खंबों और बिजली की मीलों लंबी तारों से छुटकारा मिल जाएगा और आप के हाथ का मोबाइल बिना चार्जर के चार्ज हो जाएगा.