New Trend : इंटीरियर में लकड़ी का प्रयोग मंहगा होने के बावजूद ट्रेंड में है. अब लकड़ी के प्रकार और डिजाइन भी बदल रहे हैं.
घर और लकड़ी का बहुत पुराना साथ है. अब पुराने रिश्ते को नए तरह से देखा जा रहा है. घर को बनाने के लिए लकड़ी सब से पुरानी वस्तुओं में से एक है. जब घर बनाने के लिए कोई दूसरी सामाग्री मौजूद नहीं होती थी तब लकड़ी ही अकेला सहारा होती थी. लकड़ी से घर ही नहीं बनाए जाते हैं फर्नीचर से ले कर दूसरी उपयोगी वस्तुएं तैयार होती थी. लकड़ी मजबूत और टिकाऊ होती है. यह लंबे समय तक चलने वाला विकल्प बन जाती है.
आज के दौर में कमर्शियल लकड़ी की पैदावार बढ़ रही है. ऐसे पेड़ लग रहे हैं जिस का प्रयोग लकड़ी के रूप में किया जा रहा है. पेशेवर बिल्डर अब इस का प्रयोग करते हैं. इन में ऐश, पाइन, सागौन, ओक, बीच, महोगनी और भी बहुत कई किस्म के पेड़ों की लकड़ी का जिक्र किया जा सकता है. हर प्रकार की लकड़ी में विशेष प्रकार का गुण होता है. इन की अपनी अलग शैली होती है. लकड़ी एक प्राकृतिक सामग्री है. यह वातावरण के अनुकूल होती है. जैसे यह गरमी को भी रोकती है और सर्दी को भी.
इंटीरियर डिजाइनर और मम गृहम की प्रमुख नीना मिश्रा कहती हैं, ‘आज के दौर में जलवायु परिर्वतन की बात बहुत होती है. सब को इस की चिंता है. ऐसे में लकड़ी का प्रयोग फिर से चलन में हो रहा है. अब लकड़ी को टैक्नोलौजी के जरीए बेहतर बनाया जा रहा है. इस से लकड़ी का बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है. इंटीरियर डिजाइन और सजावट में लकड़ी बेहतर हो रही है. इस तरह की मशीनें, एडहेसिव और भी तमाम सामाग्री मौजूद है, जिस से लकड़ी को और उपयोगी बनाया जा रहा है. इस वजह से इंटीरियर डिजाइनिंग में लकड़ी का उपयोग बढ़ रहा है.’
कंकरीट से ऊब गए लोग
प्लास्टिक का प्रयोग अब लकड़ी के विकल्प के रूप में नहीं सहयोगी के रूप में होने लगा है. इस से लकड़ी को और भी अधिक उपयोगी बनाया जा रहा है. इंटीरियर डिजाइनर और आर्किटैक्ट लंबे समय के बाद लकड़ी का वापस उपयोग करने लगे हैं. इंटीरियर डिजाइनिंग में पौधे और लकड़ी का प्रयोग बढ़ रहा है. इस से कारण भी लकड़ी उपयोगी हो गई है. कई तरह की रिसर्च से पता चलता है कि लकड़ी और पेड पौधों हैल्थ के लिए ठीक होते हैं. जिस तरह से इनडोर पौधे तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं, उसी तरह लकड़ी का उपयोग करने से शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार हो सकता है.
82 प्रतिशत कर्मचारी जो अपने औफिस में 8 या उस से अधिक लकड़ी के फर्नीचरी का प्रयोग करते थे, वह अपने काम से या तो संतुष्ट थे या बहुत संतुष्ट थे. इस के विपरीत जिस औफिस में लकड़ी का प्रयोग कम होता था, वहां केवल 53 प्रतिशत कर्मचारी ही अपने काम से संतुष्ट थे. लकड़ी के गुण, रंग और तत्व कर्मचारियों की संतुष्टि में सुधार का कारण है. लकड़ी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती हैं.
अब लकड़ी का हर हिस्सा उपयोग में लाया जा रहा है. पहले लकड़ी का बडा हिस्सा जलाने के काम आता था. अब लकड़ी का हर हिस्सा किसी न किसी रूप से प्रयोग में आने लगा है. इस का बुरादा भी अब लकड़ी के रूप में तैयार होने लगा है. अब कई तरह के रंग और वार्निष प्रयोग में आने लगे हैं जो लकड़ी की लाइफ और उस की सुदंरता को बढ़ा देती है. जिस से लकड़ी का घरेलू और व्यावसायिक दोनों जगहों उपयोग बढ़ने लगा है. लकड़ी के नए पेड़ जल्दी तैयार हो रहे हैं जिस से लकड़ी मंहगी नहीं लगती है.
टैक्नोलौजी ने बनाया लकड़ी को उपयोगी
लकड़ी का प्रयोग डेकिंग से ले कर क्लैडिंग और फ्लोरिंग तक होने लगा है. लकड़ी से मशीनों के जरिए बेहतर उपयोगी डिजाइन तैयार होने लगे हैं. लकड़ी को पौलिश किया जा सकता है, रेत से साफ किया जा सकता है, रंगा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर चमकदार फिनिश दी जा सकती है. इंटीरियर में पुराना, मौसम से प्रभावित, खलिहान जैसा लुक है जो इंटीरियर देहाती एहसास सुखद करता है. लकड़ी में बिना कोई बदलाव किए ही इस से कई डिजाइन तैयार किए जा सकते थे.
लकड़ी का प्रयोग फर्श के रूप में होने लगा है. लकड़ी के फर्श से घर में शान और मौसम का एहसास होता है. फर्श के साथ लकड़ी की दीवारों और पैनलिंग का उपयोग भी किया जा रहा है. बेडरूम या डाइनिंग रूम के लिए घर के अंदर हो, या बाहर बरामदे पर लकड़ी की क्लैडिंग का प्रयोग हो रहा है. लकड़ी के फर्नीचर अपनी अनोखी डिजाइन के लिए पसंद किए जा रहे हैं. पुराने समय में लकड़ी की छतें बनती थीं, जिन में लकड़ी के ही बीम और पटरे का प्रयोग किया जाता था. नए समय में भी इन का प्रयोग इंटीरियर में होने लगा है. आज की लकड़ी की छतों को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि धूप और पानी उस का नुकसान न कर सके.
कांच या प्लास्टिक प्रयोग करने के लिए भी लकड़ी से बने ढांचे का उपयोग किया जाने लगा है. अब लकड़ी की सीढ़ियों का भी विकल्प बनने लगा है. लकड़ी की सीढ़ियां शानदार और कम रखरखाव वाली होती हैं. यह सालोंसाल चलती है. लकड़ी की दीवारें मौसम की मार से घर को बचाती है. अब इन के लिए थर्मोवुड आने लगा है. इस के प्रयोग से दीवारें ठंडी रहती हैं और छूने पर गरम नहीं होती है.
कंकरीट के प्रयोग से परेशान हो चुके लोग अब लकड़ी को पंसद करने लगे हैं. वह घर के आसपास के वातावरण को नैचुरल तो रखना ही चाहते हैं घर के अंदर भी सकून के लिए लकड़ी का प्रयोग करने लगे हैं.