Pushpa 2 की सक्सैस ने अल्लु अर्जुन को पैन इंडियन स्टार बना दिया है. अल्लु को मास ऐक्टर के रूप में पहचान मिली है जो शाहरूख, सलमान, प्रभास, रजनीकांत जितनी कहीं है.
17 नवंबर को जब पटना, बिहार के गांधी मैदान में अल्लु अर्जुन अभिनीत तेलुगु भाषा की फिल्म ‘Pushpa 2 : द रूल’ का हिंदी में डब संस्करण का ट्रेलर लौंच कार्यक्रम संपन्न हुआ था तो इस कार्यक्रम में अपेक्षा के विपरीत 2 लाख से अधिक आम लोग पहुंच गए थे. उत्साह को देखते मंच से अल्लु अर्जुन ने झुकते हुए कहा था, ‘‘पुष्पा हरगिज नहीं झुकेगा साला… लेकिन आज आप के प्यार के सामने वह झुक गया.  मंच से अपनी फिल्म का ही संवाद दोहराते हुए अल्लु अर्जुन ने कहा था, ‘‘पुष्पा को फायर समझा है, फायर नहीं वाइल्ड फायर है…’’

फायर नहीं वाइल्ड फायर

 5 दिसंबर को भारत सहित पूरे विश्व के साढ़े 13 हजार स्क्रीन्स में तेलुगु के अलावा हिंदी, बंगला, तमिल, मलयालम व कन्नड़ भाषा में डब हो कर व विदेशों में इंगलिश सबटाइटल के साथ रिलीज होते ही ‘Pushpa 2’ की ऐसी आंधी चली कि इस ने अबतक फिल्मों की कमाई के सारे रिकौर्ड तोड़ दिए.
मजेदार बात यह है कि इस से पूरा बौलीवुड संकट में दिखाई दे रहा है. बौलीवुड के किसी भी कलाकार ने अबतक ‘Pushpa 2: द रूल’ या अल्लु अर्जुन को ले कर कुछ कहने की बजाए अपने मुंह पर ताला लगा रखा है.
फिल्म ‘Pushpa 2 : द रूल’ की इस सफलता का श्रेय अल्लु अर्जुन को ही दिया जा रहा है. यूं बहुत कम लोगों को याद होगा कि अल्लु अर्जुन और फिल्म के निर्देशक सुकुमार का संबंध 20 साल पुराना है. अल्लु अर्जुन ने 2004 में सुकुमार के निर्देशन में अपने कैरियर की दूसरी फिल्म ‘आर्या’ की थी.
उस के बाद से अबतक अल्लु अर्जुन ने सुकुमार के निर्देशन में कई फिल्में की हैं. वह अबतक अपनी झोली में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अलावा 6 फिल्मफेयर पुरस्कार और 3 नंदी पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों को डाल चुके हैं. उन की गिनती भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ नर्तकों/डांसरों में होती है. उन्हें ‘स्टाइलिश स्टार’ और ‘आइकन स्टार’ की पदवियां भी मिल चुकी हैं.
आज अल्लु अर्जुन की गिनती भारतीय सिनेमा में सब से अधिक कमाई करने वाले अभिनेताओं में होती है. 2014 में ही ‘फोर्ब्स इंडिया की सैलिब्रिटी 100 सूची में अल्लु अर्जुन का नाम जुड़ गया था.

फिल्मी माहौल में हुई परवरिश

फिल्म ‘Pushpa 2 : द रूल’ में अभिनय करने के लिए 300 करोड़ रूपए फीस लेने वाले 42 वर्षीय अभिनेता अल्लु अर्जुन का जन्म फिल्मी परिवार में ही हुआ था. तेलुगु सुपरस्टार चिरंजीवी, अल्लु के फूफा और तेलुगु अभिनेता तथा वर्तमान में आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण अल्लु के फुफेरे भाई हैं. हालांकि वंशवाद का ठप्पा सिर्फ बौलीवुड पर ही लगाया जाता है मगर साउथ में सभी कलाकार वंशवादी हैं.
अल्लु अर्जुन अपने मातापिता की 3 संतानों में दूसरे नंबर पर हैं. उन के बड़े भाई वेंकटेश उद्योगपति हैं. जब कि उन का छोटा भाई सिरीश भी अभिनेता है. अल्लु, अभिनेता राम चरण के चचेरे भाई हैं.
8 अप्रैल 1982 को चेन्नई में जन्मे अल्लु अर्जुन मशहूर तेलुगु फिल्म निर्माता अल्लु अरविंद के बेटे हैं, उन की मां निर्मला गृहिणी है. अल्लु के दादा प्रसिद्ध हास्य अभिनेता अल्लु रामलिंगैया थे, जिन्होंने 1000 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया.
वैसे उन के पूर्वज आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के पलाकोल्लू के निवासी हैं पर अल्लु का परिवार वहां से चेन्नई आ गया था और 1990 के दशक से उन का परिवार हैदराबाद में रह रहा है. अल्लु अर्जुन की प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई के सेंट पैट्रिक स्कूल में हुई. उस के बाद उन्होंने एमएसआर कालेज, हैदराबाद से बैचलर औफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री प्राप्त की.

चार साल की उम्र में किया अभिनय

यूं तो बौलीवुड के कई नेपोकिड की तरह अल्लु अर्जुन भी दक्षिण के नेपोकिड ही हैं, मगर जिस समय उन्होंने फिल्मों में एंट्री ली उस दौरान नेपोटिज्म नाम की बहस ही नहीं थी, बल्कि फिल्मों में स्टार्स के बच्चों की भरी डिमांड थी और फिल्में रिलीज से पहले ही चर्चा बटोर लेती थीं.
हालांकि फिल्मों में उन के अभिनय की शुरुआत उन्होंने महज 4 साल की उम्र में अपने पिता अल्लु अरविंद द्वारा स्वनिर्मित फिल्म ‘‘विजेता’ से बाल कलाकार के रूप में हो गई थी, जिस में अल्लु अर्जुन के फूफा चिरंजीवी हीरो थे. फिर 19 वर्ष की उम्र में उन के पिता अल्लु अरविंद ने ही स्वनिर्मित फिल्म ‘‘डैडी’’ में डांसर के रूप में अल्लु अर्जुन को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर दिया, इस फिल्म में भी उन के फूफा चिरंजीवी ही हीरो थे. यानी उन की झोली में फिल्में बिना संघर्ष के आती रहीं.

21 साल की उम्र में बने हीरो

फिल्मों में बतौर हीरो 21 साल की उम्र में उन के कैरियर की शुरूआत 2003 में उन के पिता अल्लू अरविंद और सी. अश्विनी दत्त निर्मित फिल्म ‘‘गंगोत्री’ से हुई, जिस का निर्देशन के राघवेंद्र राव ने किया था. फिल्म ‘गंगोत्री’ के रिलीज होने के बाद उन के अभिनय की प्रशंसा हुई मगर उन के लुक की आलोचना करते हुए आइडलब्रेन के जीवी ने कहा था, ‘‘अर्जुन को ऐसी भूमिकाएं चुननी चाहिए जो उन की ताकत को बढ़ाए और उन की कमजोरियों को खत्म करे.’’

लेकिन फिल्म ‘गंगोत्री’ में अल्लु अर्जुन के अभिनय से प्रभावित हो कर निर्देशक सुकुमार ने दिल राजू निर्मित रोमांटिक एक्शन प्रधान तेलुगु फिल्म ‘आर्या’ में शीर्ष भूमिका निभाने का अवसर दिया. फिल्म आर्या में आर्या, एक मिलनसार और स्वतंत्र विचारों वाला लड़का है, जिसे गीता (अनु मेहता) से प्यार हो जाता है, जो एक अंतर्मुखी लड़की है, जो एक अन्य व्यक्ति अजय (शिव बालाजी) की ढाल पर है. हालांकि यह टौक्सिक रिलेशनशिप वाली फिल्म थी, जिस में आर्या का किरदार टौक्सिक टावर जैसी थी.

‘आर्या’ की सफलता

फिल्म ‘आर्या’ की सफलता ने अल्लु अर्जुन को स्टार बनाया, साथ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, तेलुगु के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए पहला नामांकन अर्जित किया और नंदी स्पैशल जूरी पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (आलोचकों) के लिए सिनेमा पुरस्कार जीता. फिल्म आलोचनात्मक और व्यावसायिक रूप से सफल रही.
2004 में 4 करोड़ की लागत में बनी इस फिल्म ने 30 करोड़ रूपए से अधिक की कमाई कर दिया था. 2006 में इस फिल्म को मलयालम भाषा में डब कर केरला में रिलीज किया गया, जहां सफलता के झंडे गाड़ने के साथ ही अल्लु अर्जुन ने पूरे मलयाली समाज में अपनी पैठ बना ली.
इस के बाद अल्लु अर्जुन ने वी. वी. विनायक के निर्देशन में अपने पिता द्वारा सहनिर्मित तेलुगु फिल्म ‘‘बन्नी’’ में एक कालेज छात्र बन्नी का किरदार निभाया. इस फिल्म ने बौक्स औफिस पर सफलता दर्ज कराने के साथ ही आलोचकों को भी अल्लु अर्जुन की कार्यशैली, अभिनय व डांस की प्रशंसा करने पर मजबूर कर दिया. 2006 में वह ए. करुणाकरन की संगीतमय प्रेम कहानी ‘हैप्पी’ में नजर आए, जिस ने भारतीय बौक्स औफिस के साथ ही विदेशों में जम कर कमाई की.

शैलियों का प्रयोग

फिल्मी परिवार का सदस्य होने का फायदा अल्लू अर्जुन को शुरू में खूब मिला. इस के बाद अल्लु अर्जुन ने अपने अभिनय कैरियर को संवारने के लिए अपने पिता पर निर्भर छोड़ने में सफलता पाई. जिस चलते उन्होंने 2007 से अलगअलग शैलियों में प्रयोग करना शुरू कर दिया. 2007 में उन्होंने पुरी जगन्नाध की एक्शन फिल्म ‘देसमुदुरु’ में अभिनय किया. इस फिल्म में अल्लु अर्जुन एक निडर पत्रकार बाला गोविंदम की भूमिका में नजर आए, जो एक अंधेरे अतीत वाली महिला के प्यार में पड़ जाता है.
इस फिल्म के लिए संतोषम फिल्म पुरस्कार, सिनेमा पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता- तेलुगु के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए दूसरा नामांकन हासिल किया. 2007 में ही वह पहली बार अपने फूफा चिरंजीवी के साथ फिल्म ‘शंकर दादा जिंदाबाद’ के गीत ‘जगदेका वीरुदिकि’ में कैमियो किया.
2008 में लेखक व निर्देशक भास्कर की रोमांटिक एक्शन तेलुगु फिल्म ‘परुगु’ की, जिस में वह हैदराबाद के ऐसे खुशमिजाज इंसान कृष्णा की भूमिका में नजर आए, जो अपने दोस्त को उस की प्रेमिका के साथ भागने में मदद करता है, लेकिन उसे महिला के पिता के क्रोध और भावनात्मक संघर्ष का अनुभव करना पड़ता है.

पहला फिल्मफेयर पुरस्कार

इस फिल्म के लिए अल्लू अर्जुन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता- तेलुगु के लिए अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार और अपना दूसरा नंदी स्पैशल जूरी पुरस्कार अपने नाम किया. 2009 में निर्देशक सुकुमार ने अल्लू अर्जुन को एक्शन कौमेडी ‘आर्या’ के सीक्वअल ‘आर्या 2’ का हिस्सा बनाया. यह फिल्म प्रेमघृणा संबंधों और प्रेम त्रिकोण की जटिलताओं के इर्दगिर्द घूमती है.
इस फिल्म में उन के अभिनय के साथ ही डांस को काफी सराहा गया. इस फिल्म के लिए अल्लु अर्जुन को सर्वश्रेष्ठ तेलुगु अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए चौथा नामांकन मिला.
फिर 2010 में उन की दो फिल्में रिलीज हुईं, जिन में से पहली गुणशेखर निर्देशित ‘वरूदु’ बौक्स औफिस पर बम साबित हुई, तो वहीं दूसरी हाइपरलिंक एंथोलौजी फिल्म ‘वेदम’ थी. कृश निर्देशित यह अल्लु के कैरियर की पहली ‘ए’ प्रमाणपत्र वाली पहली फिल्म थी, जिस की कहानी के केंद्र में मुंबई के ताजमहल पैलेस होटल में 26/11 के वक्त हुए मुंबई विस्फोट रहे.
इस फिल्म में अल्लु अर्जुन जुबली हिल्स (हैदराबाद) स्लम के रहने वाले एक केबल औपरेटर आनंद ‘केबल’ राजू की भूमिका में नजर आए. इस फिल्म में उन के साथ अनुष्का शेट्टी, मांचू मनोज और बौलीवुड कलाकार मनोज बाजपेयी भी थे. सब से बड़ी बात यह है कि इस फिल्म के एक गाने का अल्लु अर्जुन ने नृत्य निर्देशन भी किया था. इस फिल्म में उत्कृष्ट अभिनय के लिए उस ने सर्वश्रेष्ठ तेलुगु अभिनेता का अपना दूसरा फिल्मफेयर पुरस्कार हासिल किया.

मार्शल आर्ट सीखने वियतनाम जाना

2011 में उन के कैरियर में एक बदलाव आया. उन्हें वी. वी. विनायक निर्देशित फिल्म ‘बद्रीनाथ’ में अभिनय करने से पहले वियतनाम जा कर मार्शल आर्ट और तलवारबाजी का प्रशिक्षण हासिल करना पड़ा. इतना ही नहीं उन्हें अपनी दाढ़ी भी बढ़ानी पड़ी थी. वी. वी. विनायक की एक्शन फिल्म ‘बद्रीनाथ’ में उन्होंने बद्री की भूमिका निभाई थी, जो एक आधुनिक भारतीय समुराई है, जिसे उस के गुरु (प्रकाश राज) द्वारा बद्रीनाथ मंदिर की रक्षा करने का काम सौंपा गया है, जिस के प्रति वह बहुत वफादार है. इस में पहली बार अल्लु अर्जुन ने तमन्ना के साथ अभिनय किया था. यह फिल्म 187 सिनेमाघरों में 50 दिन तक दिखाई गई थी.

आलोचना का जवाब: अपने अंदर सुधार करना

आमतौर पर कलाकार अपनी आलोचना सुनना पसंद नहीं करता. मगर अल्लु अर्जुन की खासियत यह है कि वह आलोचना पर ध्यान दे कर अपने अंदर सुधार लाते हैं. जब कि बौलीवुड के कलाकारों को अपने अभिनय की आलोचना सुनना पसंद ही नहीं है. फिल्म ‘बद्रीनाथ’ के लिए उन की आलोचना हुई थी कि वह केवल एक्शन ही कर सकते हैं, इमोशनल सीन करना उन के बस की बात नहीं है.
इस के बाद अल्लु अर्जुन 2012 में रिलीज हुई निर्देशक त्रिविक्रम श्रीनिवास की एक्शन कौमेडी फिल्म: ‘जुलायी’ में नजर आए थे. इस फिल्म में उन्होंने एक स्ट्रीट- स्मार्ट, लेकिन बिगड़ैल युवा रवींद्र नारायण की भूमिका निभाई थी, जिस की जिंदगी एक बड़ी बैंक डकैती का गवाह बनने के बाद एक बड़ा मोड़ लेती है.
2013 में वह पुरी जगन्नाध निर्देशित एक्शन थ्रिलर ‘इद्दारममयिलाथो’ में अमला पौल और कैथरीन ट्रेसा के साथ एक अंधेरे अतीत वाले गिटारवादक संजू रेड्डी की भूमिका में नजर आए. फिर भी 2014 में अभिनेत्री काजल अग्रवाल के साथ वामसी पेडिपल्ली निर्देशित एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘येवडु’ में कैमियो भूमिका में दिखाई दिए.

खुद बने निर्माता

बतौर अभिनेता पहचान बनाने के साथ कई पुरस्कार हासिल करने के बाद अल्लु अर्जुन ने मई 2013 में फिल्म के निर्माण के क्षेत्र में कदम रखते हुए लघु फिल्म ‘आई एम दैट चेंज’ का निर्माण व उस में अभिनय भी किया. सुकुमार निर्देशित यह फिल्म अगस्त 2014 में रिलीज हुई थी.
फिर वह सुरेंदर रेड्डी की फिल्म ‘रेस गुर्रम’ में अल्लू लक्ष्मण नामक एक लापरवाह इंसान के किरदार में नजर आए. यह फिल्म अल्लू की पहली 100 करोड़ रुपए कमाने वाली फिल्म बनी. तो वहीं सर्वश्रेष्ठ अभिनेता तेलुगु के लिए उन्हें तीसरी बार फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया.
फिर 9 अप्रैल 2015 को रिलीज हुई त्रिविक्रम श्रीनिवास की फिल्म ‘एस/ओ सत्यमूर्ति’ में नजर आए. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए सातवां नामांकन मिला. 2015 में ही वह गुना शेखर की जीवनी एक्शन फिल्म ‘रुद्रमादेवी’ में गोना गन्ना रेड्डी की भूमिका में नजर आए. जो कि उन के कैरियर की पहली ऐतिहासिक व थ्रीडी फिल्म रही.
इस फिल्म के किरदार के साथ न्याय करने के लिए अल्लु अर्जन ने तेलंगाना में बोली जाने वाली तेलुगु भाषा सीखी. गोना गन्ना रेड्डी को मिली शोहरत के बाद फिल्म के निर्देशक गुना शेखर ने 2021 में ऐलान किया था कि वह ‘शाकुंतलम’ के बाद पूरी तरह से चरित्र पर आधारित एक फिल्म का निर्देशन करेंगे, जिस में अल्लु अर्जुन मुख्य भूमिका में होंगे.

कैरियर की एक ‘ऐतिहासिक फिल्म’

2016 में, उन्होंने बोयापति श्रीनु द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सर्रेनोडु’ में अभिनय किया. इस फिल्म ने बौक्स औफिस पर 128 करोड़ रूपए कमाते हुए अच्छी सफलता पाई थी. जब कि आलोचकों ने इस फिल्म की कहानी व पटकथा की आलोचना की थी.
उस वक्त अल्लू अर्जुन ने इसे अपने कैरियर की एक ‘ऐतिहासिक फिल्म’ की संज्ञा दी थी, तो वहीं इस फिल्म में उन के अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता- तेलुगु के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड से नवाजा गया तथा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता- तेलुगु के लिए फिल्मफेयर अवार्ड के लिए उन्हें आठवां नामांकन मिला.
2017 में वह निर्माता दिल राजू की फिल्म ‘‘डीजे दुव्वदा जगन्नाधम’ में नजर आए. हरीश शंकर निर्देशित इस फिल्म में अल्लु अर्जुन के साथ पूजा हेगड़े, राव रमेश और सुब्बाराजू भी हैं. इस फिल्म को बोरिंग बताते हुए काफी आलोचना हुई थी.
इस के बाद लेखक से निर्देशक बने वक्कनथम वामसी के निर्देशन में अल्लु अर्जन ने फिल्म ‘न पेरू सूर्या’ में नजर आए. जिस में उन्होंने भारतीय सेना के एक सिपाही सूर्या का अति चुनौतीपूर्ण किरदार निभाया. इस फिल्म की शूटिंग से पहले अल्लू अर्जुन ने पेशेवरों से ट्रिक्स और स्टंट सीक्वेंस सीखने में काफी समय बिताया. अब तक उन्हें लोगों ने स्टाइलिस्ट स्टार कहना शुरू कर दिया था.

15 साल बाद पिता की फिल्म

पूरे 15 साल बाद अल्लु अर्जुन ने अपने पिता अल्लु अरविंद व एस राधाकृष्ण निर्मित व त्रिविक्रम श्रीनिवास निर्देशित फिल्म ‘‘अला वैकुंठपूर्मुलु’’ में नजर आए. यह फिल्म जनवरी 2020 में रिलीज हुई थी. यह फिल्म उन के कैरियर की सब से ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म के साथ ही सब से ज्यादा कमाई करने वाली तेलुगु फिल्मों में से एक बन गई.

पैन इंडिया स्टार बनने की तरफ बढ़ाया कदम

अब तक स्टाइलिस्ट स्टार के साथ ही आइकन स्टार की पदवी हासिल कर चुके अल्लु अर्जुन ने खुद को पैन स्टार बनाने की दिशा में काम करना शुरू किया. इस के लिए उन्होंने अपने पसंदीदा व अति विश्व्सनीय निर्देशक सुकुमार को चुना. उन के निर्देशन में अल्लु अर्जुन ने ‘पुष्पा द राइज’ की, जो कि दिसंबर 2021 में रिलीज हुई.
आंध्र प्रदेश के शेषचलम पहाड़ियों में लाल चंदन की तस्करी पर आधारित इस फिल्म में अल्लु अर्जुन ने फहाद फासिल और रश्मिका मंदाना के साथ मजदूर से चंदन तस्कर बने पुष्पा राज की भूमिका निभाई. इस फिल्म को मिलीजुली समीक्षा मिली, लेकिन उन के अभिनय की प्रशंसा हुई. जब इसे हिंदी में डब कर के रिलीज किया गया तो पहले दिन इसे कम स्क्रीन्स और कम दर्शक मिले, लेकिन दूसरे दिन से इस ने हंगामा बरपा दिया और इस फिल्म ने सिर्फ हिंदी में 100 करोड़ रूपए कमा लिए और वह भी तब जब कोविड का दौर लगभग चल ही रहा था.
इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चौथा फिल्मफेयर पुरस्कार मिला. इसी के साथ पहली बार उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया. राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के बाद अल्लु अर्जुन ने कहा था कि अब उन के कंधे पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गई है.
इस फिल्म का संवाद ‘झुकेगा नहीं साला’ तो छोटे बच्चे से बड़ेबूढ़ों की जुबान पर छा गया था और पूरे 3 साल बाद जब ‘पुष्पा द राइज’ का सीक्वअल ‘पुष्पा 2: द रूल’ ले कर निर्देशक सुकुमार व अभिनेता अल्लु अर्जुन आए, तो इस फिल्म की आंधी में दक्षिण की फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही बौलीवुड भी संकट में आ गया.

अल्लु अर्जुन की लोकप्रियता का आलम

अल्लु अर्जुन को जीक्यू में 2020 के सब से प्रभावशाली युवा भारतीयों की सूची में शामिल किया जा चुका है. 2020 में ‘याहू’ पर सर्वाधिक खोजे जाने वाले पुरुष सेलिब्रिटी हैं. 2022 के मध्य में गूगल पर सर्वाधिक खोजे जाने वालों में वह 19वे एशियाई बन गए.
केरल में 2006 से उन्हें ‘मल्लू अर्जुन’ कहा जाता है. 2021 में, केरल पुलिस ने एसओएस के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अपने नए लौंच किए गए ऐप को बढ़ावा देने के लिए, अपने विज्ञापन में अल्लु अर्जुन की 2014 में रिलीज फिल्म ‘रेस गुर्रम’ से उन के कुछ दृश्यों का इस्तेमाल किया.

और भी बहुत कुछ

2024 में उन्हें 55वें ‘इंटरनैशनल फिल्म फैस्टिवल औफ इंडिया’ में भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए आईएफएफआई विशेष मान्यता से सम्मानित किया गया. अल्लू अर्जुन हीरो मोटोकौर्प,  रेडबस, हौटस्टार, ओएलएक्स, कोलगेट, 7 अप, कोकाकोला, जोयालुक्कास सहित कई ब्रांडों और उत्पादों के सैलिब्रिटी एंडोर्स करते हैं. वह भारत की प्रमुख कबड्डी टूर्नामेंट ‘प्रो कबड्डी लीग’ के सैलिब्रिटी एंबेसडर भी रहे हैं.
वह अपने पिता अल्लु अरविंद द्वारा स्थापित शीर्ष मीडिया सेवा, अहा के एक सक्रिय प्रमोटर और एक सैलिब्रिटी ब्रांड एंबेसडर हैं. उन्होंने रैपिडो के लिए ड्रीम वौल्ट मीडियानिर्मित विज्ञापन अभियान वीडियो में गुरु की भूमिका निभाई.
विज्ञापन फिल्म का हिस्सा बनने पर, अल्लु अर्जुन ने कहा था, ‘‘मैं खुद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखना पसंद करता हूं जो जानता है कि सर्वोत्तम संभव समाधान के साथ किसी स्थिति से कैसे निपटना है. यही कारण है कि जब मुझ से गुरु की भूमिका के लिए संपर्क किया गया, तो मैं उत्साहित हो गया, जो मेरे जैसा दिखता है.’’
विज्ञापन फिल्म की रिलीज के बाद, तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम ने टीएसआरटीसी की गलत तस्वीर पेश करने के लिए अल्लु अर्जन के साथ ही रैपिडो कंपनी को कानूनी नोटिस भेजा था, तब इस विज्ञापन को एडिट किया गया था.

तंबाकू के खिलाफ चलाया अभियान

बौलीवुड कलाकार शाहरुख खान, अक्षय कुमार व अजय देवगन की तरह तंबाकू पदार्थों का विज्ञापन करने की बनिस्बत अल्लु अर्जुन एक चारकोल कलाकार भी हैं. 2021 में अल्लु अर्जन ने तंबाकू व धूम्रपान के खिलाफ अभियान शुरू करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों का ध्यान धूम्रपान के दुष्प्रभावों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं.
हम ने बहुत गलत धारणा बना ली है कि क्या अच्छा है और क्या बेकार है. मैं एक बदलाव लाना चाहता हूं. चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो.’’ इतना ही नहीं वह ‘श्री चैतन्य शैक्षणिक संस्थानों’ के ब्रांड एंबेसडर बने.

एक बेटे व एक बेटी के पिता

फिल्म ‘वेदम’ को मिली अपार सफलता व सर्वश्रेष्ठ अभिनेता दूसरा फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने के बाद 6 मार्च 2011 को, अल्लु अर्जुन ने हैदराबाद में स्नेहा रेड्डी से विवाह किया था और अब वह बेटे अयान तथा बेटी अरहा के पिता हैं.
अल्लु अर्जुन अपनी कला की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन की बेटी अल्लू अरहा ने फिल्म ‘शाकुंतलम’ में बाल कलाकार के तौर पर राजकुमार भरत की भूमिका निभाई. अल्लु अर्जुन व्यवसायी भी हैं. 2016 में उन्होंने एम किचन और बफेलो वाइल्ड विंग्स के सहयोग से ‘800 जुबली’ नामक एक नाइट क्लब शुरू किया था.

सामाजिक कार्य

दक्षिण के अभिनेताओं की ही तरह अल्लु अर्जुन भी सामाजिक कार्यो में अपना योगदान देते रहते हैं. 2019 में अल्लु अर्जुन ने अपने पैतृक शहर पलाकोल्लू, आंध्र प्रदेश में संक्रांति मनाई और 5 पंचराम क्षेत्रों में से एक, क्षीर रामलिंगेश्वर मंदिर के विकास और नवीकरण कार्यों के लिए 20 लाख रूपए दिए थे. इस रकम से मंदिर प्रबंधन ने रथशाला, वाहनशाला, गौशाला का निर्माण तथा मंदिर के रथ का जीर्णोद्धार किया.
फिल्म ‘पुष्पा 2 द रूल’ का 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में प्रीमियर शो के दौरान मची भगदड़ में एक महिला की मृत्यु हो गई थी, उस महिला के परिवार को अल्लु अर्जुन ने 25 लाख रूपए देते हुए परिवार की हर संभव मदद करने की बात कही है.

राजनीति

अल्लु अर्जुन के फूफा चिरंजीवी व फुफेरे भाई पवन कल्याण राजनीति से जुड़े हुए हैं इसलिए अल्लु अर्जुन भी राजनीति से जुड़े नजर आते हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होने पलाकोल्लू में पवन कल्याण की जनसेना पार्टी के लिए भी प्रचार किया था. मगर 2024 में उन्होने ऐसा नहीं किया. कहा जाता है कि तभी से चिरंजीवी व पवन कल्याण के पिरवार से अल्लु अर्जुन के परिवार के संबंधों में खटास आ गई है.

‘Puspha 2: द रूल’ के बाद

‘पुष्पा 2: द रूल’ के बाद अल्लु अर्जुन इस फिल्म के अगले सीक्वअल ‘पुष्पा 3: द रैम्पेज’ में अभिनय कर रहे हैं पर इस फिल्म की शूटिंग कब होगी और यह फिल्म कब रिलीज होगी, इस की स्पष्ट जानकारी देने के लिए कोई तैयार नहीं है. मगर सूत्र बताते हैं कि इस फिल्म की आधी शूटिंग संपन्न हो चुकी है. और यह फिल्म 2025 के अंत तक रिलीज हो सकती है.
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