Marriage Trend : भारतीय समाज में शादी एक ऐसा ओकेजन या कहें ऐसा खास दिन होता है जिस के साथ ढेरों सपने और उम्मीदें जुड़ी होती हैं और लोग इस के लिए ढेरों तैयारियां करते हैं और आखिर वह दिन आ जाता है जब दो लोग विवाह के खूबसूरत रिश्ते में बंधने वाले होते हैं लेकिन बहुत बार ऐसा नहीं हो पाता और कभीकभार यह सफर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाता है.

कई बार तो शादी की कई रस्में निभाने के बाद भी अचानक कुछ ऐसा हो जाता है कि या तो दुल्हन के परिवारवालों की तरफ से या दूल्हे के परिवारवालों की तरफ से रिश्ता तोड़ दिया जाता है और बारात या तो लौट जाती है या लौटा दी जाती है और आखिरी पल में शादी टूट जाती है. उस समय लिया गया फैसला बाद में एक ऐसा अनुभव होता है जो न केवल दूल्हादुल्हन को पूरी तरह तोड़कर रख देता है बल्कि उन के परिवारों के लिए भी बेहद दर्दनाक होता है.

बचकानी बातों पर शादी तोड़ना

ऐसे नहीं होगी शादी और न आएगा बैंड न बजेगा बाजा, न आएगी बरात. आजकल देखने में आ रहा है कि कुछ परिवार या लड़कालड़की छोटीछोटी या बेतुकी बात पर शादी से पहले ऐन मौके पर शादी तोड़ रहे हैं. हमारे आप के आसपास अनेक ऐसे परिवार मिल जाएंगे जिन्होंने किसी न किसी बचकानी सी बात जैसे कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सिर्फ इस बात पर शादी कैंसिल हो गई कि डीजे वाले बाबू ने बारातियों की पसंद का गाना नहीं बजाया.
दरअसल हुआ यूं था कि बारातियों ने डीजे वाले से एक गाना बजाने की डिमांड की लेकिन जब डीजे वाले ने वह गाना नहीं बजाया तो बारातियों ने हंगामा शुरू कर दिया और बाराती और घराती आपस में भिड़ गए और इस बात का जब दुल्हन पता लगा तो उस ने शादी ही तोड़ दी और दूल्हे से बारात वापस ले जाने को कहा.
अब आप ही जरा सोचिए इतनी छोटी सी बात पर शादी तोड़ देने से किसी को क्या फर्क पड़ा लेकिन वे दो लोग जो विवाह के बाद एक होने वाले थे अलग हो गए, उन्होंने शादी के बाद के जो सपने देखे थे वे टूट गए, दोनों परिवारों की अपने बच्चों के विवाह को ले कर अब तक की गई सारी मेहनत और इमोशन्स पर पानी फिर गया!
इसलिए छोटीछोटी बेतुकी बातों पर शादी तोड़ देने का यह चलन या सोच कहीं से ठीक नहीं है इस से किसी को कोई फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही होता है. उस समय तो तैश में आ कर शादी तोड़ देने का निर्णय ले लिया लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि अगली बार ऐसा या इस से कुछ बड़ा नहीं होगा तो क्या फिर से बारात लौटा दी या ली जाएगी ?

बारात बिना दुल्हन के वापस जाएगी

ऐसे ही एक और किस्से में दूल्हे के नशे में होने पर दुल्हन ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया. पहले वधू पक्ष को लगा कि दूल्हे की तबीयत खराब हो गई है, लेकिन कुछ ही देर में दूल्हे की असलियत सामने आ गई. असल में विवाह समारोह के दौरान दूल्हा नशे में टल्ली था. काफी देर तक दोनों पक्षों के बीच में बातचीत होती रही . आखिर में यह तय हुआ कि बारात बिना दुल्हन के वापस जाएगी और सामान और इंतजाम का खर्चा वर पक्ष वहन करेगा.
इसी तरह मेरठ में भी एक शादी समारोह में शादी की खुशियां रंज में बदल गईं. वर और वधू पक्ष ने विवाह की सभी तैयारियां पूरी कर लीं थी और शादी के लिए बारात विवाह स्थल पर भी पहुंची लेकिन बारात के पहुंचते ही पहले तो दुल्हन पक्ष ने वर पक्ष पर सही लहंगा न लाने का आरोप लगाया और इस बात पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया फिर वर पक्ष ने दूल्हे के स्वागत के दौरान नेग कम देने का आरोप लगाया.
इस के बाद खाना शुरू हुआ तो वर पक्ष के लोगों ने खाना सही न होने का आरोप लगा दिया और इस तरह दोनों पक्षों के लोग एकदूसरे पर आरोप लगाने लगे और बात इतनी बिगड़ गई कि दूल्हे को बिना दुल्हन ही बारात संग लौटना पड़ा. अब आप ही सोचिए इस शादी को तोड़ने के पीछे की सारी वजहें बेकार की नहीं थी ?

शादी से पहले शादी वाले दिन शादी तोड़ने का सिलसिला या ट्रेंड

जी हां, हैरान मत होइए ऐसा सच में हो रहा है. आजकल शादी से पहले शादी वाले दिन शादी तोड़ने का सिलसिला या ट्रेंड कुछ ज्यादा ही जोर पकड़ रहा है. आइए देखते हैं इस के कुछ उदाहरण –
झारखंड के देवघर में खुले आसमान के नीचे शादी के मंडप में दूल्हादुल्हन ने हंसीखुशी एकदूसरे को वरमाला डाली. पंडित जी ने शादी की रस्में शुरू कर दीं. इसी बीच दूल्हा कंपकंपाते हुए अचानक बेसुध होकर गिर पड़ा. दूल्हे का शरीर ठंडा पड़ गया. डौक्टर को बुलाया गया. दूल्हे को इंजेक्शन लगाए गए. करीब एक से डेढ़ घंटे बाद दूल्हे को होश आया. मंडप में दूल्हा फिर से बैठने को तैयार हुआ, लेकिन दुल्हन ने सात फेरे लेने से मना कर दिया और शादी तोड़ दी.
दुल्हन बोली- दूल्हे को पक्का कोई बीमारी है. मैं इस से शादी नहीं करूंगी. जबकि दूल्हे को ठंड के कारण चक्कर आ गया था और बेसुध होकर गिर पड़ा था. दूल्हा और उस के घर वालों ने दुल्हन को मनाने की बहुत कोशिश की कि शादी मत तोड़ो लेकिन दुल्हन नहीं मानी और उस ने शादी कैंसिल कर दी और शादी का अरमान लिए आये दूल्हे को बिना दुल्हन के घर लौटना पड़ा!

लड़की को दूल्हा पसंद नहीं

इसी तरह हाल ही में बिहार के नवादा में एक लड़की अपनी शादी से पहले घर से इसलिए फरार हो गई क्योंकि लड़की को दूल्हा पसंद नहीं था, उस का रंग सांवला था, परिवार वाले चाहते थे कि लड़की उस से शादी करे लेकिन वह उस से शादी नहीं करना चाह रही थी.
शादी से पहले कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें बिल्कुल तवज्जो नहीं दिया जाना चाहिए जैसे शादी से पहले किसी दुर्घटना को अपशकुन मान लेना, एकदूसरे के हिसाब से कुछ रीतिरिवाजों का पालन नहीं होना, सामान एकदूसरे की पसंद का नहीं होना, शादी में लेनदेन की शर्तों का एकदूसरे के हिसाब से पूरा न होना, दोनों पक्षों के बीच बेबात पर लड़ाईझगड़ा होना, शादी समारोह में कोई छोटीमोटी गड़बड़ी जैसे खानापीना हिसाब से नहीं होना ऐसी बातों को तूल देना और इन बातों पर पर शादी तोड़ने का फैसला ले लेना बिल्कुल भी सही नहीं होता.

कब सही या गलत है शादी तोड़ने का निर्णय

यह सही बात है कि शादी एक ऐसा बंधन है, जिस में दूल्हादुल्हन पक्ष दोनों को ही किसी भी तरह की कोई बात नहीं छिपानी चाहिए. कई बार शादी के ऐन मौके पर कुछ ऐसी बात पता चलती है जिस से लड़का या लड़की की पूरी जिंदगी बर्बाद हो सकती है, जहां कोई जरूरी बात छिपाई जा रही हो और उस से लड़के या लड़की के भविष्य पर असर पड़ रहा हो तो शादी तोड़ना या बारात लौटना, या लौटा देना गलत नहीं है. जैसे शादी पक्की होने के बाद, शादी वाले दिन भी कहीं से पता पता चले कि परिवार लालची है, लड़के या लड़की वालों ने छिपाया है कि दोनों में से कोई पहले से मैरिड है, लड़के का कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड है, लड़के या लड़के की फाइनेंशियल सिचुएशन के बारे में गलत जानकारी दी गई हो तो शादी तोड़ने का निर्णय सही हो सकता है लेकिन शराबी दोस्तों के हुड़दंग की वजह से एक दूल्हे की बारात बिना दुल्हन के बैरंग लौटा देना, दु्ल्हन को दूल्हे के परिवार द्वारा दिया गया अपना शादी का लहंगा पसंद न आना जैसी बेतुकी और बचकानी वजहे हैं जिन की वजह से बरात लौटने या लौटाने का निर्णय कहीं से कोई समझदारी नहीं है!

जेनुइन रीजन पर ही तोड़ें शादी

इस बात में दो राय नहीं कि शादी एक अहम फैसला है जिसे सोचसमझ कर लेना चाहिए क्योंकि कई बार एक गलत फैसला पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकता है ऐसे में शादी तोड़ना ही सही है जैसे निकिता और निमिष की शादी की तैयारियां जोरों पर थीं. दोनों परिवारों में खुशी का माहौल था लेकिन शादी से कुछ दिन पहले निकिता को निमिष के बारे में पता चला कि वह न केवल कई लड़कियों के साथ सेक्शुअल रिलेशनशिप में है बल्कि उस पर कुछ क्रिमिनल केसेज भी चल रहे थे जिस के बारे में उस ने निकिता और उस के परिवार से छिपाया था. इस बात ने उसे झकझोर कर रख दिया. वह मान नहीं पा रही थी कि जिस इंसान पर विश्वास करके उस ने शादी करने का जीवन भर साथ रहने का फैसला किया था वह उस के साथ ऐसा धोखा कर सकता है. आखिरकार उस ने शादी तोड़ने का फैसला कर लिया और इस केस में निकिता का यह फैसला सही था.

बरात लौटा देने या लौटा लेने का बराबर असर

अब वह जमाना लद गया जब शादी से पहले बरात लौटने से सिर्फ लड़की या उस के परिवार वालों की बदनामी होती थी और कहा जाता था कि एकबार शादी टूट गई तो जिंदगी भर कुंवारा रहना पड़ेगा, दोबारा अच्छा रिश्ता नहीं मिलेगा, लड़की में ही कुछ कमी होगी.
आज समय बदल गया है, आज बेतुकी बातों पर बरात लौटा देने या बारात लौटा लेने का यह ट्रेंड न सिर्फ दोनों परिवारों पर भारी पड़ता है बल्कि लड़केलड़की दोनों पर भी इस का असर पड़ता है. आज लड़के और उसके परिवार वाले भी शादी टूटने से उतने ही इफेक्ट होते हैं जितने कि लड़की वाले उन के भी मन पर असर पड़ता है, उन के परिवार वालों की भी बदनामी होती है. शादी से ठीक पहले शादी टूटना यह एक ऐसा अनुभव होता है जो न केवल दूल्हादुल्हन को पूरी तरह तोड़ कर रख देता है बल्कि उन के परिवारों के लिए भी बेहद दर्दनाक होता है. बाद में ठंडे दिमाग से सोचा जाए तो छोटीसी बात पर शादी तोड़ कर दोनों पक्षों को पछतावे के अलावा कुछ नहीं मिलता.

कुछ मामलों में समाज की परवाह न करें

कई बार लड़का या लड़की वाले समाज के डर से एक पक्ष के बारे में कुछ गलत जानकारी मिलने के बाद भी समाज में बदनामी के डर शादी से पहले शादी तोड़ने या बारात लौटने से डरते हैं. जैसा कि विवेक के केस में हुआ शादी से ठीक दो दिन पहले विवेक और उसके परिवार वालों को पता चला कि जिस लड़की से उसकी शादी होने वाली है उस लड़की को फिट्स पड़ते हैं जो लड़के के परिवार वालों ने लड़की के परिवार वालों से छिपाई.
ऐसे में अगर आपने सही कारण से शादी से पहले शादी तोड़ने का फैसला लिया है तो समाज को समझना होगा कि जिस तरह ब्रेकअप होता है उसी तरह शादी टूट गई, उसे तमाशा या इज्जत का सवाल न बनाएं, सामान्य तौर पर देखा गया है कि सेम एज वालों को शादी के टूटने से फर्क नहीं पड़ता लेकिन दकियानूसी सोच वालों को फर्क पड़ता है और वे इसे बड़ा इशू बनाते हैं जिस की परवाह नहीं करनी चाहिए .

क्या गारंटी कि बरात लौटाने के बाद अगला रिश्ता मनचाहा मिलेगा ?

कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता
कहीं जमीन कहीं आसमां नहीं मिलता
जीवन के महत्वपूर्ण ओकेजन शादी की भी यही सच्चाई है. जरूरी नहीं कि आज जिस में कमी निकाल कर बारात लौटा ली या दी, जिस से रिश्ता तोड़ा है अगली बार आप को उस से बेहतर रिश्ता मिलेगा हो सकता है अगली बार आप को आज जो मिल रहा है वह भी नहीं मिले!
इसलिए शादी होने से पहले उसे तोड़ने से पहले 10 बार सोचें. परिवार कैसा है, लड़का, लड़की का स्वभाव, कैरेक्टर कैसा है इस को महत्व दें, रंग, रूप, पैसा, जाति, धर्म, घर को महत्व न दें. रिश्ता में ज्यादा मीनमेख न निकालें, ज्यादा चूंचपड़ न करें. आप को जीवन में सब कुछ मनचाहा नहीं मिल सकता इसे जीवन का दस्तूर समझ कर स्वीकार करें और जब तक कुछ बहुत ज्यादा गलत न हो रिश्ते में बंध जाएं और बरात लौटाने की गलती न करें.
इस बात को इस उदाहरण से समझिए कि आज आपने एक मकान लिया, लेकिन बाद में मकान के पास गलत लोग आ कर बस गये, सीवर प्रौब्लम हो गई तो क्या आप घर बदल लेंगे नहीं न?

शादी के लिए इतनी बड़ी चेक लिस्ट

शादी मकान जिंदगी में एकबार बनता है बारबार नहीं बदला जाता इसलिए हर चीज परफेक्ट मिलेगी यह न सोचें और बेतुकी, बेवजह की बातों को तूल देकर जिस रिश्ते में बंधने वाले हैं उसे सम्मान से स्वीकारें और निभाएं.

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