भारतीय जनता पार्टी के नेता विजय गोयल ने देश में फैलते औनलाइन गेम के खिलाफ हुंकार भरी और कहा है, इसे वे बंद करा कर दम लेंगे. उन की बात आने वाले समय में सही भी हो सकती है क्योंकि उन्होंने एक नंबर की लौटरी पर प्रतिबंध लगवा कर एक सफलता तो हासिल कर ली है.

आज हम औनलाइन गेमिंग के पक्षविपक्ष की समीक्षा करते हुए उस के नुकसान की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं. दरअसल, औनलाइन गेम वे गेम हैं जो इंटरनैट के माध्यम से खेले जाते हैं. इन में निम्न प्रकार के गेम शामिल हैं-

वीडियो गेम : कंप्यूटर या गेमिंग कंसोल पर खेले जाने वाले गेम, जैसे कि फोर्टनाइट, पबजी आदि.

औनलाइन कैसिनो : जुआ और सट्टेबाजी के लिए औनलाइन प्लेटफौर्म.

मोबाइल गेम : मोबाइल फोन पर खेले जाने वाले गेम, जैसे कि कैंडी क्रश, पोकेमोन गो.

मल्टीप्लेयर गेम : एक से अधिक खिलाड़ियों द्वारा औनलाइन खेले जाने वाले गेम, जैसे कि कौल औफ ड्यूटी, माइनक्राफ्ट.

वर्चुअल रिऐलिटी (वीआर) गेम : वीआर तकनीक का उपयोग कर के खेले जाने वाले गेम, जो खिलाड़ियों को वास्तविक दुनिया जैसे अनुभव प्रदान कराते हैं.

औनलाइन गेम खेलने के लिए आप को इंटरनैट कनैक्शन और एक डिवाइस (जैसे कंप्यूटर, गेमिंग कंसोल, मोबाइल फोन आदि) की आवश्यकता पड़ती है. औनलाइन गेम खेलने से लोग दुनियाभर के लोगों के साथ जुड़ जाते हैं, नई दोस्तियां, संबंध बन जाते हैं.

दरअसल, औनलाइन गेम्स दुनियाभर में खेले जाते हैं और इन की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है. भारत में यह अपने उफान पर है और इसे रोकना आवश्यक है. यहां कुछ देश और क्षेत्र बता रहे हैं जहां औनलाइन गेम्स लोकप्रिय हैं-

चीन में औनलाइन गेमिंग उद्योग बहुत विशाल है और वहां कई प्रसिद्ध गेम्स, जैसे हौनर औफ किंग्स और पबजी मोबाइल पर खेले जाते हैं.

अमेरिका में औनलाइन गेमिंग बहुत लोकप्रिय है और वहां कई प्रसिद्ध गेम्स जैसे कि फोर्टनाइट और लीग औफ लेजेंड्स खेले जाते हैं.

दक्षिण कोरिया में औनलाइन गेमिंग एक बड़ा उद्योग है और वहां कई प्रसिद्ध गेम्स, जैसे लीग औफ लेजेंड्स और डोटा 2 खेले जाते हैं.

इसी तरह हमारे देश में औनलाइन गेमिंग तेजी से बढ़ता ही जा रहा है और यहां कई प्रसिद्ध गेम्स, जैसे पबजी मोबाइल और क्लैश औफ क्लैन्स खेले जाते हैं.

यूरोप में औनलाइन गेमिंग बहुत लोकप्रिय है और वहां कई प्रसिद्ध गेम्स, जैसे फीफा और कौल औफ ड्यूटी खेले जाते हैं.

जापान में औनलाइन गेमिंग एक बड़ा उद्योग है और वहां कई प्रसिद्ध गेम्स, जैसे फाइनल फैंटसी और ड्रैगन क्वेस्ट खेले जाते हैं.

हर सिक्के के दो पहलू

जैसे कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं औनलाइन गेम के भी सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हैं. इस से बहुत लोग बरबाद हो चुके हैं तो कुछ लोग आबाद भी हुए हैं.

औनलाइन गेम्स के नुकसानों के बारे में जानना बहुत जरूरी है. औनलाइन गेम्स के नुकसान भी हो रहे हैं-

औनलाइन गेम्स के अत्यधिक उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जैसे तनाव, चिंता, और अवसाद.

औनलाइन गेम्स की अत्यधिक उपयोग से नींद की कमी हो सकती है, जिस से शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

इस से सामाजिक अलगाव हो सकता है, जिस से दोस्तों और परिवार के साथ संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

आर्थिक नुकसान: औनलाइन गेम्स में पैसे लगाने से आर्थिक नुकसान हो सकता है, जैसे गेम्स में पैसे खर्च करना या धोखाधड़ी का शिकार होना.

शारीरिक स्वास्थ्य: औनलाइन गेम्स के अत्यधिक उपयोग से शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जैसे वजन बढ़ना, आंखों की समस्याएं और अन्य शारीरिक समस्याएं.

अध्ययन और काम पर प्रभाव: औनलाइन गेम्स के अत्यधिक उपयोग से अध्ययन और काम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जैसे ग्रेड्स में कमी या काम में कम उत्पादकता.

व्यसन: औनलाइन गेम्स के अत्यधिक उपयोग से व्यसन हो सकता है, जिस से व्यक्ति को गेम्स छोड़ने में मुश्किल होती है.

धोखाधड़ी: औनलाइन गेम्स में धोखाधड़ी का खतरा रहता है, जैसे गेम्स में पैसे लगाने वाले स्कैम या व्यक्तिगत जानकारियां चोरी होना. इस तरह औनलाइन गेम्स के अत्यधिक उपयोग से आदतें खराब हो सकती हैं, जैसे जुए की आदत या अन्य नकारात्मक आदतें. औनलाइन गेम्स के अत्यधिक उपयोग से बरबादी होती है, जिस से जीवन के आवश्यक काम और गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

इन नुकसानों को ध्यान में रखते हुए औनलाइन गेम्स का उपयोग सीमित और जिम्मेदारी से करना चाहिए. विजय गोयल द्वारा शुरू किया गया औनलाइन गेमिंग के खिलाफ अभियान सफल हो सकता है.

इस के लिए सब से आवश्यक है

पहला- जन जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को औनलाइन गेमिंग के नुकसानों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है.

दूसरा- अभियान को सरकारी समर्थन मिलने से औनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण करने में मदद मिल सकती है.

तीसरा- सामाजिक संगठनों का समर्थन मिलने से अभियान को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है.

चौथा- मीडिया कवरेज से अभियान को अधिक पहुंच और प्रभाव मिल सकता है.

पांचवां- युवाओं को अभियान में शामिल करने से औनलाइन गेमिंग के प्रति उन की सोच बदलने में मदद मिल सकती है.

ऐसे में औनलाइन गेमिंग उद्योग इस अभियान का विरोध कर सकता है. जिस से अभियान की प्रगति धीमी हो सकती है. सरकारी नीतियों की कमी से औनलाइन गेमिंग पर नियंत्रण करना मुश्किल हो सकता है. वहीं, लोगों की औनलाइन गेमिंग की आदत बदलना भी मुश्किल हो सकता है.

अभियान की सफलता के लिए विजय गोयल और उन की टीम को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. मगर ईमानदारी से विरोध और जागृति अभियान चलाया जाए तो हमारा देश दुनिया में मिसाल बन सकता है. औनलाइन गेमिंग एक दोधारी तलवार है, जिस के अच्छे और बुरे दोनों पहलू हैं. लेकिन यह मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक नुकसान और सामाजिक अलगाव पैदा करता है. वहीं जानकार बताते हैं कि औनलाइन गेमिंग के अत्यधिक उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं.

युवाओं को इस के नुकसानों के बारे में जागरूक होना चाहिए और इस का उपयोग अपने जीवन को सुधारने के लिए करना चाहिए, न कि इस के अधीन होने के लिए.

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