अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..
सवाल -
मेरा बेटा 17 साल का है. वह दिनभर कमरे में बैठा रहता है और अपने फोन में लगा रहता है. यहां तक कि खाना खाने के लिए भी बाहर नहीं निकलता. स्कूल से आते ही अपने कमरे में घुस जाता है. मुझे अपने बेटे को ले कर काफी चिंता हुई. फिर जब वह स्कूल गया तो उस के पीछे से उस का फोन चैक किया. मैं देख कर हैरान हो गई कि वह सारा दिन अपने फोन में औनलाइन जुआ खेलता रहता है. मैं उसे जो भी पौकेट मनी देती हूं उसे वह औनलाइन जुए में लगा देता है. मैं ने उसे कई बार समझाने की भी कोशिश की लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ा. मुझे डर है कि उस को जुए की आदत न लग जाए. ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?
जवाब -
मोबाइल ने आजकल के किशोरों को बुरी तरह बिगाड़ दिया है. जहां एक तरफ इंटरनैट के अनगिनत फायदे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ नुकसान भी हैं. आप की समस्या काफी कौमन है क्योंकि आजकल बच्चों से ले कर बड़ों तक इस औनलाइन जुए की गिरफ्त में हैं.
आप को यह जान कर हैरानी होगी कि शुरुआत में तो ₹50-100 का प्रलोभन दे कर पहले तो ये विश्वास जीतते हैं और फिर जब किसी को इस की आदत लग जाती है तब हराना शुरू कर देते हैं. यह एक मकङजाल है जिस में किशोर बच्चों को ये लोग आसानी से इस गंदी लत का शिकार बना देते हैं.
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