किसी ने सच ही कहा है कि इंसान को हैवान बनते जरा भी देर नहीं लगती. हम आएदिन लड़कियों के साथ हो रहे रेप के बारे में सुनते रहते हैं और यह सब सुन कर हमारा खून इतना खौल उठता है कि कभीकभी लगता है कि इन्हें कानून द्वारा बीच चौराहे पर फांसी पर लटका देना चाहिए. मन में एक और विचार आता है कि इन आरोपियों के अंदर इतनी दरिंदगी आती कहां से है? जवान लड़कियों के साथसाथ अब छोटीछोटी बच्चियों के साथ भी सनकी लोग दुष्कर्म करते जा रहे हैं.

ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला मध्य प्रदेश के गुना जिले से सामने आया है जिस ने लोगों के दिल और दिमाग को हिला कर रख दिया है. मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक 8 साल की छोटी सी बच्ची के साथ बलात्कार कर हत्या करने का मामला सामने आया है. आरोपी ने पहले 8 साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया और फिर उस के हाथों और पैरों को पत्थरों से बांध कर शव को एक कुएं में फेंक दिया.

पिता नहीं दरिंदा

आप जान कर हैरान हो जाएंगे कि इस मामले को अंजाम किस ने दिया होगा. जहां एक तरफ मांबाप अपने बच्चों पर जान छिड़कते हैं और अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैय्यार रहते हैं वहीं इस सनसनीखेज मामने को अंजाम उस 8 साल की मासूम बच्ची के बाप ने ही दिया है. बिना कुछ सोचे, बिना किसी की परवाह किए अपनी ही फूल जैसी बच्ची के साथ बलात्कार कर उसे मौत के घाट उतार दिया सनकी बाप ने.

दरअसल, उस बच्ची का शव पिछले दिनों कुएं से बरामद किया गया और शव मिलते ही परिजनों ने सब से पहले पुलिस को सुचित किया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिला मुख्यालस से लगभग 75 किलोमीटर दूर चाचौड़ा पुलिस थाना छेत्र के एक गांव में रहने वाली 8 वर्षीय बच्ची 3 दिन पहले अपने घर से लापता हो गई थी और पीड़िता को आखिरी बार अपने पिता के साथ देखा गया था.

पुलिस की सख्ती

पुलिस ने शव मिलते ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आते ही पता चला कि बच्ची की मौत से पहले उस के साथ बलात्कार किया गया था. पुलिस को शुरुआत से ही पीड़िता के पिता पर शक था क्योंकि जहां एक तरफ 8 साल की बच्ची के लापता होने पर मांबाप का खून सूख जाता है, वहीं दूसरी यह बाप अपनी बच्ची को ढूंढ़ने में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था.

रविवार सुबह बच्ची के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने पिता को हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ करने के दौरान उस ने अपना मुंह खोल अपनी दास्तान सुनाई. उस का कहना था कि वह अपनी बच्ची से जरा भी प्यार नहीं करता था और उसे अपनी बेटी बिलकुल भी पसंद नहीं थी, जिस वजह से उस ने अपनी 8 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म किया और फिर हाथपैरों को पत्थरों से बांध कर कुएं में धकेल दिया.

कहां जाएं लङकियां

यह घटना सभ्य समाज के मुंह पर एक तमाचा ही है कि जब हम अपनी लड़कियों को बाहर के दरिंदों से बचाने के लिए घर में रहने को कहते हैं लेकिन जब घर में अपना बाप ही दरिंदा निकल जाए तो ऐसे में लड़कियां कहां जाएं?

दरअसल, इन सब मामलों में देखा जाए तो हमारे कानून व्यवस्था भी जिम्मेदार है. आरोपियों को पता है कि अगर हम आज कोई गुनाह करते हैं तो सजा मिलतेमिलते पता नहीं कितने साल निकल जाएंगे और कुछ आरोपी तो जेल में अपनी सजा का इंतजार करतेकरते मस्त जिंदगी गुजार लेते हैं. यही अगर ऐसे गुनाहों की सजा हाथोंहाथ मिलने लगें और इन आरोपियों की कोई सुनवाई न हो तो बाकी आरोपियों के लिए यह एक सबक बन सकता है.

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