पिछले दिनों अभिनेता विक्की कौशल की एक फिल्म मैडिकल कंडीशन हेटरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन पर आधारित बैड न्यूज आई थी. फिल्म में विक्की कौशल के अलावा तृप्ति डिमरी और एमी विर्क हैं. इस में नायिका प्रैगनैंट हैं. उसे नहीं पता कि पेट में पल रहे बच्चे का बाप कौन है.
नायिका को 2 युवकों पर शक है. वह जानना चाहती है कि बच्चे का बाप कौन है. इस के लिए वह पैटरनिटी टैस्ट करवाती है. टैस्ट के बाद पता चलता है कि बच्चे के बाप विक्की कौशल और एमी विर्क हैं. हालांकि यह फिल्म रोमांस और कौमेडी युक्त है पर फिल्म देखने के बाद दर्शकों के जेहन में सवाल उठने लगे कि क्या वास्तव में ऐसा हो सकता है कि महिला के गर्भ में पलने वाले बच्चे के 2 पिता हों.
डाक्टरों के अनुसार ऐसा बिल्कुल संभव है लेकिन ऐसे मामले विरले ही होते हैं. दुनिया में अब तक करीब 19 मामले सामने आए हैं. मैडिकल तरक्की और वैज्ञानिक जांचों से अब मातृत्व और पितृत्व की सटीक परख संभव होने लगी है.
असल में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है. सृष्टि में जब से स्त्रीपुरुष के संबंध बने हैं तभी से ऐसा होता आया है. हालांकि, ऐसे मामले रेयर ही होते हैं. पुराणों में ऐसे कई किस्से हैं.
आइए, पहले जानते हैं ऐसा होता कैसे है और साथ ही विश्व में हुईं ऐसी सच्ची घटनाओं के बारे में भी-
दरअसल हैटरोपैटरनल का अर्थ है अलगअलग पिता और सुपरफेकंडेशन का मतलब है एक ही मेंस्ट्रूअल साइकिल के अंदर दो अलगअलग इंटरकोर्स से शुक्राणुओं का एग के साथ फर्टिलाइजेशन होना. जब कोई महिला अलगअलग पार्टनर के साथ कुछ समय के अंतराल में शारीरिक संबंध बनाती है तो इस से 2 एग रिलीज हो कर 2 स्पर्म से फर्टिलाइज होते हैं. इस कारण महिला जुड़वां बच्चों का गर्भधारण करती है पर दोनों ही बच्चों के पिता अलगअलग होते हैं.
हेटरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन में मां के गर्भ से पैदा होने वाले दोनों ही बच्चों के डीएनए भी अलग होते हैं.
अब कुछ सच्चे किस्सों पर गौर करते हैं, 2022 में ब्राजील की एक 19 साल की युवती ने जुड़वां बच्चे को जन्म दिया, जिन के वास्तव में 2 जैविक पिता निकले. डेली मेल की खबर के अनुसार, युवती को संदेह था कि उन के पिता कौन है, लिहाजा, उस ने पैटरनिटी टैस्ट करवाया.
तुर्की के इस्तांबुल में भी पितृत्व विवाद का मामला सामने आया. यहां एक विवाहित महिला ने जुड़वां बच्चे को जन्म दिया. महिला के पति ने शक के चलते डीएनए टैस्ट करवाया. जुड़वां बच्चों में एक का ब्लड ग्रुप अलग था. पति ने कहा कि वह उस का पिता नहीं है. जांच में बात सही निकली.
2020 में कोलंबिया में भी हेटरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन का केस सामने आया था.
अमेरिका के डलास का किस्सा तो बडा़ चर्चित रहा था. यहां 2009 में जस्टिन और जोर्डन नामक जुड़वां बच्चों के अलगअलग जैविक पिता होने का मामला उजागर हुआ था. जुड़वां बच्चों की मां मिया वाशिंगटन और उस के प्रेमी जेम्स हैरिसन ने फौक्स न्यूज टीवी पर आ कर अपनी कहानी बयान की थी. युवती ने स्वीकार किया कि उस का एक अन्य व्यक्ति से भी संबंध था. उस ने कहा कि वह शौक्ड है कि उस के साथ ऐसा हुआ.
असल में इस दंपती ने नोटिस किया कि उन के जुड़वां बच्चे अलगअलग शक्ल के हैं. उन्होंने पितृत्व टैस्ट कराने का निर्णय किया. वे डलास लैब में गए, जहां इस बात का खुलासा हुआ कि जोर्डन तो हैरिसन का बेटा है पर जस्टिन मिया वाशिंगटन के दूसरे प्रेमी का है.
हैरिसन ने टैलीविजन पर कहा कि यह बात उजागर होने के बाद भी वह दूसरे बेटे जस्टिन को भी अपने पास ही रखेगा. उस का पालनपोषण करेगा. उस ने कहा कि उस ने अपनी प्रेमिका मिया वाशिंगटन को माफ कर दिया है और उसी के साथ ही रहने का वादा किया है. मिया ने भी अपनी गलती के लिए माफी मांग ली. दंपती ने यह भी कहा कि बडा़ होने पर अगर जस्टिन अपने असली पिता से मिलना चाहेगा तो उसे मिला दिया जाएगा.
2016 में चीन में भी एक मामला सामने आया. जुड़वां बच्चे की केस स्टडी के अनुसार इस विवादित पितृत्व मामले में जांच के बाद जुड़वां बच्चों के जैविक पिता अलगअलग निकले.
अब देखते हैं पौराणिक काल के किस्से
पांडु की दूसरी पत्नी माद्री के जुड़वां बच्चे हुए नकुल और सहदेव. कथा के अनुसार, माद्री ने 2 अश्वनी कुमारों नासत्य और दस्त्र का आह्वान किया, जिस से उसे नकुल और सहदेव पुत्र के रूप में हुए.
महाभारत की कथानुसार, एक बार ऋषि दुर्वासा कुंती की सेवा से बहुत प्रसन्न हुए. वे कुंती को एक मंत्र देते हुए कहते हैं कि इस के करने से तुम जिस भी देवता का आह्वान करोगी, तुम्हें उसी देवपुत्र की प्राप्ति होगी. कुंती ने सर्वप्रथम धर्म के देवता का आह्वान किया. जिस से उसे युधिष्ठिर उत्पन्न हुए. इसी तरह पवनदेव के आह्वान से भीमसेन और देवराज इंद्र से अर्जुन की प्राप्ति हुई.
संतानप्राप्ति का यह मंत्र कुंती ने ही माद्री को दिया था. पांडवों की उत्पत्ति ऐसे ही हुई थी क्योंकि पांडु को शाप मिला हुआ था कि तुम पत्नी को छुओगे तो तत्काल तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी.
इसी तरह धृतराष्टृ का विवाह गांधारी से हुआ लेकिन 100 पुत्र और एक पुत्री का जन्म घड़े में हुआ.
महाभारत में द्रौपदी के 5 पति और इन पांचों के अलगअलग पुत्रों की कहानी भी है.
छांदोग्य उपनिषद के अध्याय 4 के खंडों में सत्यकाम जाबाल की पैदाइश का किस्सा हेटरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन का ही है. जिस में सत्यकाम की मां के कई लोगों से संबंध होते हैं और उसे खुद पता नहीं कि उस के पुत्र सत्यकाम का पिता कौन है.
कथा के अनुसार सत्यकाम महर्षि गौतम के शिष्य थे. उन की माता जाबाल थीं. सत्यकाम जब शिक्षा लेने गुरु के पास गए तो नियमानुसार गौतम ने उन से पिता का नाम और गौत्र पूछा. गुरु ने कहा कि अपनी मां से पूछ कर आओ. सत्यकाम मां के पास गए और अपने पिता का नाम व गोत्र पूछा. मां ने कहा, ‘पुत्र, तुम बता देना कि मेरी मां का नाम जाबाल है. मेरी मां अनेक साधुसंतों की सेवा करती थीं. मेरी माता को भी ज्ञात नहीं कि मेरा पिता कौन और उन का गोत्र क्या है.’
बालक ने यही बात जा कर महर्षि गौतम से कह दी. महर्षि गौतम बालक की स्पष्ट, सच्ची बात से खुश हुए और उसे ब्राह्मणपुत्र मान कर शिक्षा देने लगे.
पुराणों में पति के रहते परपुरुष से उत्पन्न संतान को ले कर एक और किस्सा है. कथा के अनुसार, बृहस्पति की पत्नी तारा के गर्भ में उस के प्रेमी चंद्रमा का बच्चा पर रहा था. जब बृहस्पति को पता चला कि यह बच्चा उस का नहीं है बल्कि चंद्रमा का है तो वे गर्भ में पल रहे उस बच्चे को नपुंसक होने का श्राप दे देते हैं.
असल में 2 पुरुषों के एक स्त्री से संबंध के चलते पैदा हुई संतान का कारण प्राकृतिक है और ये संबंध शाश्वत रहे हैं. हमारे पौराणिक पात्र भी इस से अछूते नहीं रहे.
हां, फिल्म ‘बैड न्यूज’ में और अमेरिका के डलास की दंपती के किस्से समाज को गलती को सुधारने की प्रेरणा देते हैं, बजाय पौराणिक पात्र बृहस्पति द्वारा उस बेकुसूर शिशु को नपुंसक होने का श्राप देने के.