आज के दौर में हर इंसान का बस एक ही सपना है कि वह जल्द से जल्द ढ़ेर सारा पैसा कमाना चाहता है. आजकल के ज्यादातर युवा मेहनत से नहीं बल्कि किस्मत के भरोसे पैसा कमाना चाहते हैं. औनलाइन बेटिंग (Online Betting) के बारे में तो आप सब ने सुना ही होगा. हमारे समाज में जुआ खेलने को अपराध माना जाता है और जुआ खेलने वाले लोगों को गलत ठहराया जाता है. आज के समय में जहां हर चीज़ डिजिटल हो गई है वहीं जुआ खेलना भी डिजिटल हो चुका है.
स्मार्टफोन आज सबके पास है. एक आंकड़े पर विश्वास किया जाए, तो साल 2023 में 1 बिलियन यानी करीब 100 करोड़ और साल 2040 तक स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 155 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. स्मार्टफोन समाज के हर तबके और हर आयुवर्ग की जरूरत बन गया है, बच्चे की स्टडी से ले कर बुजुर्गों के एंटरटैनमेंट तक के लिए लोग इस गैजेट के आगे खुद को सरेंडर कर चुके हैं. जब बात आसानी से पैसा कमाने की आती है, तो इस मामले में स्मार्टफोन एक स्मार्ट गैजेट का रूप ले चुका है. सभी स्मार्टफोन्स में ऐसे कई एप्स हैं जिससे आप घर बैठेबैठे जुआ खेल कर पैसा कमा सकते हैं. अब कमा सकते हैं या गवा सकते हैं यह बोलना थोड़ा मुश्किल है.
साल 2024 में Online Sports Betting मार्केट का करीब 200 करोड़ डौलर पहुंचने का अनुमान लगाया गया. स्टैटिस्टा की रिपोर्ट के अनुसार हर साल यह करीब 6.51 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया गया. इस ग्रोथ के हिसाब से यह बाजार साल 2029 तक बढ़ कर 270 करोड़ डौलर तक पहुंच जाएगा यही वजह है कि इस तरह की एप्स बनाने वाली कंपनीज़ इसको खुल्लमखुल्ला प्रोमोट भी कर रही हैं और इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है.
आज कई फिल्मस्टार्स को इसका प्रचार करते देखा जा सकता है, स्टार्स को प्रचार करता देख, सामान्य व्यक्ति आकर्षित होता है, पिछले साल महादेव बैटिंग ऐप मामले में स्टार्स का इनवौल्वमेंट इसी का उदाहरण है. आप देखिए सड़कों पर बड़ेबड़े बैनर्स से लोग अपनी एप्स का प्रोमोशन कर रहे हैं जिसमें साफ लिखा होता है कि जुआ खेलो और पैसे कमाओ. यह सब देखते हुए महसूस होता है कि आजकल जुआ खेलना आम बात है और ऐसी कंपनीज अपने फायदे के लिए इन सब चीज़ों को बढ़ावा दे रही हैं.
ज़ुपी (Zupee), विंज़ो (WinZo), एमपीएल (MPL), एविएटर्स (Aviators), जैसी ना जाने एसी कितनी औनलाइन बेटिंग एप्स हैं जिसमें आजकल ये युथ अपने पैरेंट्स के या अपनी मेहनत के पैसे को जुआ जीतने की लालच में गवां रहे हैं. उदाहरण के तौर पर कहें तो अगर इन एप्स से कोई 50 या 100 रुपए भी जीत जाता है तो वह अपने साथसाथ न जाने कितने लोगों को इसकी खबर करता है और उनसे खेलने को कहता है. ऐसे में वे अपने साथसाथ और लोगों को भी इसकी आदत लगवा देता है. इन एप्स में आसान आसान गेम्स होती हैं जिसमे पैसा लगा कर कोई भी इस गेम को खेल सकता है.
इस एप्स की आदत बहुत ही बुरी होती है और इंसान जीत के लालच में इसमें पैसा हारता चला जाता है. इस तरीके की एप्स का एक उद्देश्य होता है कि पहले तो ये आपको 50-100 रुपए जिता कर आपको कौंफिडैंस देगी और फिर जब आपको इसकी आदत लग जाएगी तो आप इसमें हारते भी जाओगे और आपको महसूस तक नहीं होगा. जब इंसान को इन एप्स की लत लग जाती है तब उसका ध्यान किसी और काम में नहीं लगता और हर समय वह अपने फोन में ऐसी गेम्स खेल कर पैसे जीतने में लगा रहता है.
देखा जाए तो लोग किस्मत के या फिर चमत्कार के भरोसे पैसा कमाना चाहते हैं. ऐसा देखा गया है कि हिंदु, इसलाम और क्रिश्चयन धर्म के लोग चमत्कार पर भरोसा करते हैं और मानते हैं कि भगवान हमें पैसे जितवा सकता है या कभी ऐसा सोचते हैं कि आज भगवान हमारे साथ है तो आज तो हम पक्का जीत जाएंगे. ऐसे लोग शर्त लगाने में भी बहुत इंट्रस्टिड रहते है और बेफजूल कि बातों पर पैसों कि शर्त लगाने लगते हैं जिसमें उन्हें लगता है कि हम जीत ही जाएंगे. लोगों को समझना चाहिए कि शर्त केवल अंधविश्वास की देन है, जो मन में ईश्वर की शक्ति के प्रति विश्वास जगाती है. अगर आप भी एसी शर्ते लगाते हैं या फिर औनलाइन बेटिंग एप्स पर जुआ खेलते हैं तो आपको यह सब बंद करना चाहिए.